उनाव / दतिया जिले के सरकारी स्कूलों में रिक्त पड़े स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती छात्र संख्या नहीं बल्कि शिक्षकों की संख्या के हिसाब से की जा रही है। आलम यह है कि किसी स्कूल में आवश्यकता तो तीन अतिथि शिक्षकों की है। जबकि वहां सिर्फ एक पद रिक्त दर्शाया गया है। इस वजह से कई स्कूलों में प्रधानाध्यापक अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं कर पा रहे हैं।
जिले में करीब 1346 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से करीब 1013 स्कूल ऐसे हैं जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की पूर्ति के लिए विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों की भर्ती निकाली गई है।
लेकिन समस्या यह है कि भर्ती के लिए पोर्टल पर जो सूची अपलोड की गई है उसमें अतिथियों के पद छात्र संख्या के बजाए शिक्षक संख्या के आधार पर निकाले गए हैं, जिससे अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में रिक्त दिखाए गए शिक्षकों के पदों के बाद भी शिक्षकों की कमी रहेगी। इस वजह से कई स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पा रही है।
बोनस अंक के फेर में भूले मानदेय
सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक बनने के लिए आवेदकों की लंबी कतार है। इसके पीछे की वजह उन्हें मिलने वाला मानदेय नहीं बल्कि शिक्षक भर्ती के समय मिलने वाले बोनस अंक है। यहां बता दें कि हाल ही में सरकार ने अतिथि शिक्षकों को शिक्षक भर्ती में बोनस अंक देने की घोषणा की है। इस वजह से डीएड और बीएड डिप्लोमाधारी शिक्षित बेरोजगार युवा 100 रुपए और 150 रुपए प्रतिदिन के मानदेय पर अतिथि शिक्षक बनने को तैयार हैं।
पहले छात्र संख्या के आधार पर होती थी भर्ती
बताया जा रहा है कि बीते वर्षों में स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती छात्र संख्या के आधार पर होती रही है। हालांकि छात्र संख्या का आधार आरटीई के अनुसार नहीं माना गया। लेकिन प्राथमिक स्कूल में 30 बच्चों तथा माध्यमिक स्कूल में 35 बच्चों पर एक शिक्षक के आधार पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती निकाली जाती थी। लेकिन इस बार अधिकतम प्राथमिक स्कूल में दो तथा माध्यमिक में तीन अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जा रही है।
ऐसे समझंे भर्ती का गणित
शासकीय माध्यमिक विद्यालय तरगुंवा में वर्तमान छात्र संख्या 198 है। जबकि यहां प्रधानाध्यापक समेत तीन शिक्षक पदस्थ हैं। छात्र संख्या के हिसाब से यहां तीन शिक्षकों की भर्ती होना चाहिए। लेकिन यहां सिर्फ एक पद दर्शाया गया है। इसी प्रकार शासकीय माध्यमिक विद्यालय सरसई में छात्र संख्या 282 है। यहां मात्र दो शिक्षक पदस्थ है। जबकि आवश्यकता आठ की है। लेकिन सूची में सिर्फ एक पद रिक्त दिखाया गया है। बीआरसीसी सियाराम शर्मा ने बताया कि अतिथि शिक्षकों के लिए पोर्टल पर जो सूची अपलोड की गई है। उसमें रिक्त पद छात्र संख्या के बजाए शिक्षकों की संख्या के आधार पर दिखाए गए हैं। इस बार प्राथमिक स्कूल में अधिकतम दो तथा माध्यमिक में तीन शिक्षक रखे जाने हैं। इसी हिसाब से सूची में रिक्त पद दिखाए गए हैं।
ग्रामीण अंचल के स्कूल में पढ़ते बच्चे।
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening
जिले में करीब 1346 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से करीब 1013 स्कूल ऐसे हैं जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की पूर्ति के लिए विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों की भर्ती निकाली गई है।
लेकिन समस्या यह है कि भर्ती के लिए पोर्टल पर जो सूची अपलोड की गई है उसमें अतिथियों के पद छात्र संख्या के बजाए शिक्षक संख्या के आधार पर निकाले गए हैं, जिससे अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में रिक्त दिखाए गए शिक्षकों के पदों के बाद भी शिक्षकों की कमी रहेगी। इस वजह से कई स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पा रही है।
बोनस अंक के फेर में भूले मानदेय
सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक बनने के लिए आवेदकों की लंबी कतार है। इसके पीछे की वजह उन्हें मिलने वाला मानदेय नहीं बल्कि शिक्षक भर्ती के समय मिलने वाले बोनस अंक है। यहां बता दें कि हाल ही में सरकार ने अतिथि शिक्षकों को शिक्षक भर्ती में बोनस अंक देने की घोषणा की है। इस वजह से डीएड और बीएड डिप्लोमाधारी शिक्षित बेरोजगार युवा 100 रुपए और 150 रुपए प्रतिदिन के मानदेय पर अतिथि शिक्षक बनने को तैयार हैं।
पहले छात्र संख्या के आधार पर होती थी भर्ती
बताया जा रहा है कि बीते वर्षों में स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती छात्र संख्या के आधार पर होती रही है। हालांकि छात्र संख्या का आधार आरटीई के अनुसार नहीं माना गया। लेकिन प्राथमिक स्कूल में 30 बच्चों तथा माध्यमिक स्कूल में 35 बच्चों पर एक शिक्षक के आधार पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती निकाली जाती थी। लेकिन इस बार अधिकतम प्राथमिक स्कूल में दो तथा माध्यमिक में तीन अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जा रही है।
ऐसे समझंे भर्ती का गणित
शासकीय माध्यमिक विद्यालय तरगुंवा में वर्तमान छात्र संख्या 198 है। जबकि यहां प्रधानाध्यापक समेत तीन शिक्षक पदस्थ हैं। छात्र संख्या के हिसाब से यहां तीन शिक्षकों की भर्ती होना चाहिए। लेकिन यहां सिर्फ एक पद दर्शाया गया है। इसी प्रकार शासकीय माध्यमिक विद्यालय सरसई में छात्र संख्या 282 है। यहां मात्र दो शिक्षक पदस्थ है। जबकि आवश्यकता आठ की है। लेकिन सूची में सिर्फ एक पद रिक्त दिखाया गया है। बीआरसीसी सियाराम शर्मा ने बताया कि अतिथि शिक्षकों के लिए पोर्टल पर जो सूची अपलोड की गई है। उसमें रिक्त पद छात्र संख्या के बजाए शिक्षकों की संख्या के आधार पर दिखाए गए हैं। इस बार प्राथमिक स्कूल में अधिकतम दो तथा माध्यमिक में तीन शिक्षक रखे जाने हैं। इसी हिसाब से सूची में रिक्त पद दिखाए गए हैं।
ग्रामीण अंचल के स्कूल में पढ़ते बच्चे।
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening