भोपाल: स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर शाहजहांनी पार्क में अनशन पर बैठे करीब चार हजार अध्यापकों पर गुरुवार दोपहर को पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस प्रशासन ने पहले अध्यापकों को 15 मिनट में पार्क खाली करने की चेतावनी दी, जब शिक्षक नहीं मानें तो पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए उन्हें खदेडऩा शुरू किया। शाहजहानी पार्क पर भगदड़ की स्थिति बन गई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। जब शिक्षक नहीं मानें तो पुलिस ने बसों में भरकर उन्हें जेल भेजना शुरू कर दिया। बाद में अध्यापाकों ने स्वेच्छा से गिरफ्तारी दे दी। इस दौरान करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत से बाद पुलिस ने करीब एक दर्जन वाहनों में अध्यापकों को जेल भेजा। एस पी नार्थ अरविंद सक्सेना के मुताबिक करीब 600 अध्यापकों को गिरफ्तार किया गया। जबकि आजाद अध्यापक संघ का दावा है कि 4000 अध्यापकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आजाद अध्यापक संघ की ओर से आयोजित इस धरने पर पिछले चार दिन से करीब चार हजार अध्यापक धरने पर बैठे हैं। नौ टीचर्स अस्पताल में भर्ती इससे पहले अनशन के कारण हालत बिगडऩे वाले अध्यापकों ने कहा है, कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, अनशन जारी रहेगा। इसके लिए खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनकी मांगें पूरी करनी होंगी। नौ नए अध्यापकों की तबीयत खराब हुई है। इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीन की हालत नाजुक बताई जा रही है। प्रशासन लगाता रहा जोर प्रशासन बुधवार को अध्यापकों से धरना स्थल को खाली कराने के लिए भी जोर आजमाइश करता रहा। उनका लाउड स्पीकर बंद करा दिया गया। टैंट निकालने की कोशिश की गई, लेकिन अध्यापकों की संख्या अधिक होने के कारण इस कार्रवाई को अंजाम नहीं दे सके। उधर, अध्यापकों के सबसे पुराने धड़े कहे जाने वाले मध्यप्रदेश शासकीय अध्यापक संघ ने भी आजाद अध्यापक संघ के बैनर तले प्रदर्शन करने अध्यापकों को समर्थन दे दिया है। इसके साथ अध्यापक संविदा संघ ने भी समर्थन दे दिया है। इसके चलते गुरुवार को 15 हजार अध्यापकों के जुटने का दावा किया जा रहा है। ये हैं अध्यापको की मांगें * स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन। * छठे वेतनमान का एकमुश्त भुगतान। *स्वैछिक स्थानांतरण नीति जारी हो। *वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति नीति बने। *संविदा शाला का वेतन दोगुना हो और संविदा शिक्षकों की अध्यापक संवर्ग में नियुक्त की परिवीक्षा अवधि एक वर्ष हो।