ग्वालियर।
स्कूली शिक्षकों ने समान कार्य-समान वेतन, शिक्षा विभाग में संविलियन
मांगों को लेकर शासन के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है। ग्वालियर जिले में
स्थित ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के अध्यापक और संविदा शिक्षकों के
सामूहिक अवकाश पर चले जाने के कारण पढ़ाई व्यवस्था ठप हो गई। ये शिक्षक अब
शनिवार से शहरी क्षेत्र के स्कूलों को बंद कराने का एलान कर दिया है।
अध्यापक कांग्रेस ने शुक्रवार को फूलबाग में एक बैठक आयोजित की, जिसमें भोपाल में आजाद अध्यापक संघ और अध्यापक कांगे्रस द्वारा मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन को खत्म करने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज का विरोध किया। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह ने शिक्षकों से कहाकि शासन हमारी मांगों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है, इसलिए आंदोलन को खत्म करने के लिए बेकसूर लोगों पर लाठियां चलवाई गर्इं, यह आंदोलन अब खत्म होना बल्कि और व्यापक होगा। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल अध्यापक और संविदा शिक्षकों के भरोसे चल हैं। इन स्कूलों के शिक्षकों के अवकाश के जाने पर स्कूल बंद हो गए हैं, यही स्थिति शहर के स्कूलों में करना है। शनिवार को फूलबाग से कैंडिल मार्च निकाला जाएगा और इसके बाद स्कूल बंद कराए जाएंगे। बैठक में घाटीगांव, डबरा, भितरवार, मुरार ग्रामीण और शहरी ब्लॉक में स्थित शासकीय स्कूलों में 500 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए। बैठक में निरंजन सिंह, अजय सिंह, राजेन्द्र पक्षवार, दीपक शर्मा, हरमोहन सिंह, सुधर सिंह, बिजेन्द्र उचारिया,अमर सिंह, अजय श्रीवास्तव, राजेन्द्र जैतवार, लाखन राणा, अशोक बाबू पाल, अश्विनी शर्मा, केदारनाथ शर्मा चन्द्रेश, नीलू राणा, अमिता सिंह, राजकिशोरी, मीरा गुप्ता, कृष्णा गुप्ता, शीला जादौन, प्रीति पचौरी, उषा चौधरी, नीता पाठक, प्रार्थना शर्मा, निर्मला राजपूत के अलावा कई शिक्षक उपस्थित थे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अध्यापक कांग्रेस ने शुक्रवार को फूलबाग में एक बैठक आयोजित की, जिसमें भोपाल में आजाद अध्यापक संघ और अध्यापक कांगे्रस द्वारा मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन को खत्म करने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज का विरोध किया। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह ने शिक्षकों से कहाकि शासन हमारी मांगों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है, इसलिए आंदोलन को खत्म करने के लिए बेकसूर लोगों पर लाठियां चलवाई गर्इं, यह आंदोलन अब खत्म होना बल्कि और व्यापक होगा। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल अध्यापक और संविदा शिक्षकों के भरोसे चल हैं। इन स्कूलों के शिक्षकों के अवकाश के जाने पर स्कूल बंद हो गए हैं, यही स्थिति शहर के स्कूलों में करना है। शनिवार को फूलबाग से कैंडिल मार्च निकाला जाएगा और इसके बाद स्कूल बंद कराए जाएंगे। बैठक में घाटीगांव, डबरा, भितरवार, मुरार ग्रामीण और शहरी ब्लॉक में स्थित शासकीय स्कूलों में 500 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए। बैठक में निरंजन सिंह, अजय सिंह, राजेन्द्र पक्षवार, दीपक शर्मा, हरमोहन सिंह, सुधर सिंह, बिजेन्द्र उचारिया,अमर सिंह, अजय श्रीवास्तव, राजेन्द्र जैतवार, लाखन राणा, अशोक बाबू पाल, अश्विनी शर्मा, केदारनाथ शर्मा चन्द्रेश, नीलू राणा, अमिता सिंह, राजकिशोरी, मीरा गुप्ता, कृष्णा गुप्ता, शीला जादौन, प्रीति पचौरी, उषा चौधरी, नीता पाठक, प्रार्थना शर्मा, निर्मला राजपूत के अलावा कई शिक्षक उपस्थित थे।
छठवां वेतनमान ही नहीं मिला
आंदोलनकारी शिक्षकों का कहना है शासकीय
स्कूलों में पढ़ा रहे अध्यापक और संविदा शिक्षकों को अभी तक छठवां वेतनमान
नहीं मिला है, जबकि रेगुलर शिक्षकों को वर्ष 2006 में छठवां वेतनमान मिल
चुका है। अब इन्हें जनवरी में 2017 में सातवां वेतनमान मिलने जा रहा है।
अध्यापक और संविदा शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इन्हें
वर्ष 2017 में छठवां वेतनमान दिया जाएगा और सातवां कम मिलेगा, पता ही नहीं
है।
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