दमोह।नियमों
को दरकिनार और नए आवेदकों को गुमराह करने वाली अतिथि शिक्षक भर्ती
प्रक्रिया इस बार चर्चाओं में है। गुरुवार को एमएलबी गल्र्स स्कूल के कुछ
पुराने अतिथि शिक्षकों ने प्राचार्य पर मैरिट के आधार पर जारी की गई सूची
को निरस्त कर उनकी नियुक्ति अनुभव के आधार पर करने जमकर बहस की। जिस पर
प्राचार्य ने असहमति व्यक्त की। साथ ही डीईओ से मैरिट सूची निरस्त कराकर
लाने के बाद ही विचार करने की बात कही।
गुरुवार
की सुबह करीब 11 बजे अतिथि शिक्षक संघ के रीतेश अग्रवाल सहित स्कूल मे
अध्यापन कार्य कर चुके कुछ अन्य पुराने अतिथि शिक्षक एमएलबी स्कूल
प्राचार्य बीएल अहिरवार के कक्ष में पहुंचे। जहां उन्होंने जेपीबी स्कूल और
डीईओ द्वारा 26 जुलाई को जारी किए गए आदेश को रखते हुए प्राचार्य पर उनकी
नियुक्ति का दबाब बनाने लगे। इस दौरान प्राचार्य और अतिथियों के बीच नियमों
को लेकर करीब आधा घंटे तक बहस चली।
काफी
बहस के बाद प्राचार्य बीएल अहिरवार ने पुराने अतिथि शिक्षकों से कहा कि
उन्हें आदेश मिला था कि मैरिट के आधार पर नियुक्ति किया जाना है, जो वह कर
रहे है। यह मैरिट के आधार पर आई निुयक्ति सूची पर आप डीईओ से केंसल लिखवा
लाइए, हम निरस्त कर आप सभी के बारे में विचार करेंगे। जानकारी के अनुसार
डीईओ के पास पहुंचे अतिथियों को भी कोई राहत नहीं मिली है।
अतिथि
शिक्षक की नियुक्ति शुरू से ही विवादों में रही है। पहले प्राचार्यों ने
मनमानी करते हुए न तो डिमांड के विज्ञापन चस्पा किए गए और न ही आवेदकों के
आवेदन जमा किए गए। किसी भी आवेदक को पावती नहीं दी गई। प्रक्रिया के तय
तिथियों के अनुसार जब 22 तारीख तक मैरिट के आधार पर सूची बन चुकी थी कि
अचानक डीईओ को 2013 का आदेश याद आ जाता है और वह 26 जुलाई को आदेश जारी कर
पुराने अतिथियों को अनुभव के आधार पर वरीयता देना लिख देते है।
ऐसे
में मैरिट के आधार पर नियुक्ति पा चुके आवेदकों को बाहर का रास्ता कुछ
स्कूलों में दिखा दिया गया है। जबकि नए के प्रतिशत से लेकर योग्यता भी अधिक
है। अब पूरे मामले की शिकायत जेडी और लोक शिक्षण संचालनालय में करने की
बात कही जा रही है।
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