भोपाल। 29 अप्रैल 2018 को
SAMVIDA SHIKSHAK BHARTI 2018 के नाम से एक PDF वायरल हुई जिसमें 2011 की
संविदा शिक्षक भर्ती की विज्ञप्ति में कुछ संशोधन करके इसको वायरल कर दिया।
यह सारी रात वायरल होता रहा और शायद यह पहली बार था जब कुछ लोगों ने
आधीरात के बाद कम्प्यूटर आॅन किए लेकिन प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की
बेवसाइट पर ऐसा कुछ नहीं था। रातों रात उड़ी इस अफवाह का खंडन भी सुबह होने
से पहले ही हो गया।
बता दें कि मध्यप्रदेश में 2011 के बाद से संविदा शाला शिक्षक भर्ती हीं हो
पाई है। डीएड/बीएड कर चुके उम्मीदवारों को भरोसा था कि चुनावी साल में यह
भर्ती जरूर होगी परंतु अब वो उम्मीद भी टूटती जा रही है। अफवाहों के लिए
यही सबसे अच्छी जमीन होती है। यह किसी की शरारत थी या सरकार को याद दिलाने
का तरीका, लेकिन कुछ देर के लिए तो जैसे सबकुछ बदल सा गया था।
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक एकेएस भदौरिया का कहना है
कि यह किसी की शरारत है। किसने की और क्यों की इसका पता नहीं चल पाया है।
बातचीत के दौरान श्री भदौरिया ने यह भी कहा कि यदि अब भी सरकार आदेश करती
है तो परीक्षाएं कराई जा सकतीं हैं। सरकार कभी अतिथि शिक्षकों के आरक्षण और
कभी किसी और कारण से भर्ती नियम बनाने में देरी की बात करती रही है। पिछले
दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट का एक फैसला आया है जिसमें कहा गया है कि
प्राथमिक शालाओं में शिक्षकों के लिए बीएड/डीएड मान्य नहीं है।