जबलपुर,पलपल संवाददाता. एमपी बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षा में फेल हुए प्रदेश के करीब 1 लाख छात्र पहली बार ओपन बोर्ड से परीक्षा देंगे. प्रदेश में करीब 1.25 लाख छात्र-छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है. इसमें जबलपुर जिले के करीब 5900 छात्र शामिल हैं.
खास बात ये है कि एमपी बोर्ड परीक्षा में छात्र जितने विषयों में छात्र पास हुए हैं उन विषयों के नम्बर भी ओपन परीक्षा की मार्कशीट में जुड़कर मिलेंगे. यह पहला मौका है जब शिक्षा विभाग फेल छात्रों के भविष्य को देखते हुए 'रुक जाना नहीं' योजना के तहत बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं को रिजल्ट के तुरंत बाद ही ओपन बोर्ड की परीक्षा में बैठने का अवसर दे रहा है.
सरकारी शिक्षकों की योग्यता पर सवाल
शिक्षा विभाग का ये प्रयोग फेल छात्रों के लिए अच्छा तो बताया जा रहा है कि लेकिन इस पहल ने सरकारी स्कूलों की पढ़ाई और शिक्षकों की योग्यता पर जरुर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्योंकि मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद् (ओपन) से पहली बार परीक्षा में बैठने वाले छात्र-छात्राओं को परेशानी न हो इसलिए शिक्षा विभाग छात्र-छात्राओं को परीक्षा के पहले ट्रेनिंग दिला रहा है. इसके लिए सरकारी स्कूलों में ट्रेनिंग दिलाने की बजाए सरस्वती शिक्षा मंदिर से समझौता किया गया है.
ओपन परीक्षा में बैठने वाले प्रदेश के सभी छात्रों को सरस्वती स्कूलों से ही ट्रेनिंग दिलाई जा रही है. जिला स्तर पर पर सरस्वती स्कूल के प्राचार्यों को नोडल अधिकारी बनाया गया है.
सरकारी स्कूलों के मुकाबले सरस्वती स्कूलों का रिजल्ट बेहतर.
15 जून से होने वाली परीक्षाओं के लिए सरस्वती स्कूल के शिक्षक बच्चों को करेंगे ट्रेंड.
कोई बच्चा 3 विषय में पास और 3 में फेल है तो योजना के तहत 3 विषयों में ही परीक्षा देनी होगी. एमपी बोर्ड परीक्षा में पास विषयों के नम्बर ओपन परीक्षा में जोड़ दिए जाएंगे. सरस्वती स्कूल से छात्रों को प्रशिक्षण दिए जाने का निर्णय स्कूल शिक्षा विभाग का है.
मनीष वर्मा, संभागीय संचालक, लोकशिक्षण
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खास बात ये है कि एमपी बोर्ड परीक्षा में छात्र जितने विषयों में छात्र पास हुए हैं उन विषयों के नम्बर भी ओपन परीक्षा की मार्कशीट में जुड़कर मिलेंगे. यह पहला मौका है जब शिक्षा विभाग फेल छात्रों के भविष्य को देखते हुए 'रुक जाना नहीं' योजना के तहत बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं को रिजल्ट के तुरंत बाद ही ओपन बोर्ड की परीक्षा में बैठने का अवसर दे रहा है.
सरकारी शिक्षकों की योग्यता पर सवाल
शिक्षा विभाग का ये प्रयोग फेल छात्रों के लिए अच्छा तो बताया जा रहा है कि लेकिन इस पहल ने सरकारी स्कूलों की पढ़ाई और शिक्षकों की योग्यता पर जरुर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्योंकि मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद् (ओपन) से पहली बार परीक्षा में बैठने वाले छात्र-छात्राओं को परेशानी न हो इसलिए शिक्षा विभाग छात्र-छात्राओं को परीक्षा के पहले ट्रेनिंग दिला रहा है. इसके लिए सरकारी स्कूलों में ट्रेनिंग दिलाने की बजाए सरस्वती शिक्षा मंदिर से समझौता किया गया है.
ओपन परीक्षा में बैठने वाले प्रदेश के सभी छात्रों को सरस्वती स्कूलों से ही ट्रेनिंग दिलाई जा रही है. जिला स्तर पर पर सरस्वती स्कूल के प्राचार्यों को नोडल अधिकारी बनाया गया है.
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15 जून से होने वाली परीक्षाओं के लिए सरस्वती स्कूल के शिक्षक बच्चों को करेंगे ट्रेंड.
कोई बच्चा 3 विषय में पास और 3 में फेल है तो योजना के तहत 3 विषयों में ही परीक्षा देनी होगी. एमपी बोर्ड परीक्षा में पास विषयों के नम्बर ओपन परीक्षा में जोड़ दिए जाएंगे. सरस्वती स्कूल से छात्रों को प्रशिक्षण दिए जाने का निर्णय स्कूल शिक्षा विभाग का है.
मनीष वर्मा, संभागीय संचालक, लोकशिक्षण
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