पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार ने कई क़नूनों को अध्यादेश के रास्ते लागू किए थे, मसलन तीन तलाक़ क़ानून, उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षक भर्ती, आधार क़ानून आदि.
इन अध्यादेशों की जगह अब विधिवत क़ानून बनाने के लिए संसद में बिल पेश किए जाएंगे. इसलिए मोदी सरकार के सामने चुनौतियां भी हैं.
इन अध्यादेशों की जगह अब विधिवत क़ानून बनाने के लिए संसद में बिल पेश किए जाएंगे. इसलिए मोदी सरकार के सामने चुनौतियां भी हैं.