जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती
के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए थे, जिसके वेरिफिकेशन के लिए अंतिम तिथि
मंगलवार 4 जून थी। शिक्षा विभाग इस कदर लापरवाही पर उतारू दिखा कि एक दिन
पहले ही आवेदकों को वेरिफिकेशन कराने की जानकारी दी गई। लापरवाही की हद तो
तब पार हो गई जब वेरिफिकेशन के लिए आए आवेदकों को यहां-वहां भटकाया जाने
लगा।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संकुल केन्द्रों को वेरिफिकेशन करने के लिए अधिकृत किया गया था। रामपुर संकुल केन्द्र, गढ़ा, ब्यौहारबाग, मॉडल हाई, एमएलबी सहित कृषि नगर संकुल प्राचार्य को उस क्षेत्र से आने वाले आवेदनकर्ताओं के दस्तावेजों का सत्यापन करना था, जिसे लेकर कई आवेदक संकुल केन्द्र पहुंचे तो पहले उन्हे कहा गया कि ऑपरेटर व कर्मचारी नही हैं। फिर बाद में उन्हे दूसरे संकुल केन्द्र भेज दिया गया। ऐसे ही एक आवेदक ने बताया कि सबसे ज्यादा समस्या गढ़ा संकुल केन्द्र में निर्मित हुई। जहां प्राचार्य द्वारा सीधे एमएलबी जाने कहा गया। इसी तरह जब एमएलबी पहुंचे तो उन्हे ब्यौहारबाग केन्द्र जाने को कह दिया गया। एक के बाद एक केन्द्रों में भेजने और वेरिफिकेशन में टालमटोल के कारण कई आवेदकों का वेरिफिकेशन नहीं हो सका। इससे अतिथि शिक्षकों में रोष है। सभी केन्द्रों द्वारा ऐसा किए जाने का उचित कारण भी किसी ने नहीं बताया।
होना चाहिए कार्रवाई-
नए शिक्षण सत्र के लिए जिस-जिस ने भी अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन किए और अंतिम उनका वेरिफिकेशन नहीं हो पाया है, उन्होंने टालमटोल करने वाले प्राचार्यों के खिलाफ अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। साथ ही मांग की है कि तारीख बढ़ाते हुए उनका वेरिफिकेशन कराया जाए।
वर्जन....
जिन भी संकुल प्राचार्यों ने ऐसा किया है उनके खिलाफ यदि शिकायत आती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वेरिफिकेशन यदि नहीं हुआ है तो आवेदक इसमें निराश न हों।
एसके नेमा, जिला शिक्षा अधिकारी
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संकुल केन्द्रों को वेरिफिकेशन करने के लिए अधिकृत किया गया था। रामपुर संकुल केन्द्र, गढ़ा, ब्यौहारबाग, मॉडल हाई, एमएलबी सहित कृषि नगर संकुल प्राचार्य को उस क्षेत्र से आने वाले आवेदनकर्ताओं के दस्तावेजों का सत्यापन करना था, जिसे लेकर कई आवेदक संकुल केन्द्र पहुंचे तो पहले उन्हे कहा गया कि ऑपरेटर व कर्मचारी नही हैं। फिर बाद में उन्हे दूसरे संकुल केन्द्र भेज दिया गया। ऐसे ही एक आवेदक ने बताया कि सबसे ज्यादा समस्या गढ़ा संकुल केन्द्र में निर्मित हुई। जहां प्राचार्य द्वारा सीधे एमएलबी जाने कहा गया। इसी तरह जब एमएलबी पहुंचे तो उन्हे ब्यौहारबाग केन्द्र जाने को कह दिया गया। एक के बाद एक केन्द्रों में भेजने और वेरिफिकेशन में टालमटोल के कारण कई आवेदकों का वेरिफिकेशन नहीं हो सका। इससे अतिथि शिक्षकों में रोष है। सभी केन्द्रों द्वारा ऐसा किए जाने का उचित कारण भी किसी ने नहीं बताया।
नए शिक्षण सत्र के लिए जिस-जिस ने भी अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन किए और अंतिम उनका वेरिफिकेशन नहीं हो पाया है, उन्होंने टालमटोल करने वाले प्राचार्यों के खिलाफ अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। साथ ही मांग की है कि तारीख बढ़ाते हुए उनका वेरिफिकेशन कराया जाए।
जिन भी संकुल प्राचार्यों ने ऐसा किया है उनके खिलाफ यदि शिकायत आती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वेरिफिकेशन यदि नहीं हुआ है तो आवेदक इसमें निराश न हों।