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नेटवर्क नहीं मिला तो संस्था प्रमुख लगाएंगे हाजिरी

स्कूलों में शिक्षक पढ़ाने आ रहे हैं या नहीं, इस पर नजर रखने के लिए ढाई साल पहले बने एम-शिक्षा मित्र सिस्टम में खामियां दूर नहीं हो पाई हैं। नेटवर्क की समस्या अब भी बनी रहेगी।
इस बीच एक रास्ता निकाला गया है कि जिस शिक्षक के मोबाइल का नेटवर्क नहीं मिल रहा है, उनकी उपस्थिति संस्था प्रमुख लगा सकते हैं। इससे स्पष्ट है कई जगह स्कूल न जाने वाले शिक्षकों की उपस्थिति भी घर बैठे दर्ज हो जाएगी। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ईमानदार लोगों के लिए सिस्टम हैं, अगर कोई गड़बड़ करना चाहता है तो उसे कोई नहीं रोक सकता। जिले में 1 अप्रैल से सभी शिक्षकों की उपस्थिति मोबाइल गवर्नेंस प्लेटफॉर्म से ही ली जाएगी। शिक्षक स्कूल के दायरे में आते ही ई-अटेंडेंस लगाएगा। यदि किसी शिक्षक के अवकाश या उपस्थिति के लिए मोबाइल का इस्तेमाल अन्य व्यक्ति करता है तो इसे कदाचार माना जाएगा। ऐसे शिक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। निगरानी के लिए डीईओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। एप का इस्तेमाल करने शिक्षक को अपने लॉग इन से मोबाइल नंबर पोर्टल पर दर्ज कराना होगा। इसे संकुल प्राचार्य से वेरिफाई कराना होगा। मोबाइल एप में सभी स्कूलों की प्रोफाइल, नामांकन, शिक्षकों का अमला, विद्यार्थियों की सूची, स्कूल को प्राप्त फंड और राशियों का ब्यौरा मिलेगा। कर्मचारी इसी पर छुट्टी का आवेदन कर सकेंगे।

2015 में सफल नहीं हुए, हुआ था विरोध

विभाग 2015 से ई-अटेंडेंस लागू करने की कोशिश में है, लेकिन योजना कामयाब नहीं हुई। शिक्षकों ने भी इसका विरोध किया था। हालांकि शिक्षकों का कहना था नेटवर्क नहीं मिलने पर उपस्थिति दर्ज नहीं होगी, वह इसका स्थाई समाधान चाहते थे।

ई-अटेंडेंस लागू करने की कर ली है तैयारी

1 अप्रैल से ई-अटेंडेंस लागू होगी। पूरी तैयारी हो चुकी है। शिक्षकों को जानकारी भी दी जा रही है। यदि शिक्षक लापरवाही करेंगे तो हम उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे। जेएल रघुवंशी, डीईओ हरदा

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