ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के नए गाइडलाइंस के चलते हजारों शक्षकों की नौकरी जा सकती है. लिहाजा देश भर के टीचर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी.
दरअसल ने AICTE ने शिक्षक-छात्र अनुपात को कम करने की सिफारिश की है. नए प्रस्ताव के मुताबिक हर 20 छात्रों पर एक शिक्षक रखने को कहा गया है. जबकि पहले ये अनुपात 1:15 का था. AICTE के इस नए प्रस्ताव से करीब दो लाख शिक्षकों पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है.
इससे पहले AICTE ने बीए / बीटेक / एमबीए, एमसीए और होटल मैनेजमेंट के लिए शिक्षक-छात्र अनुपात 1:15 रखा था. जबकि डिप्लोमा कोर्स में ये अनुपात 1:20 था. नए गाइडलाइंस के अनुसार, अगले सेशन में ये 1:20 और 1:25 पर होगा. AICTE का कहना है कि इस नए प्रस्ताव की मांग काफी दिनों से हो रही थी.
इस मामले में अखिल भारतीय निजी कॉलेज कर्मचारी संघ के नेता केएम कार्तिक का कहना है ''इस नए अनुपात के कारण, लाखों छात्रों को टीचर्स की कमी का बोझ उठाना होगा. इस तरह की गाइडलाइंस से शिक्षकों को कम वेतन पर काम करने को मजबूर होना पड़ेगा''.
शिक्षक संघ द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि प्राइवेट स्कूल के टीचर्स को राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से सैलरी मिलनी चाहिए. साथ ही इन लोगों ने ये भी मांग की है कि टीचर्स के बैंक स्टेटमेंट को भी मिलाया जिससे पता लग सके कि कही इन्हें निर्धारित सैलरी से कम तो नहीं मिल रही.
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