बालाघाट. मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण करने की मांग को लेकर राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त रमेशचन्द्र शर्मा को ज्ञापन सौंपा। इस संबंध में संघ के जिलाध्यक्ष सुनील मेश्राम ने बताया कि अध्यापक संवर्ग की सात वर्षो में पदोन्नतियां होने से शिक्षा विभाग व आदिम जाति कल्याण विभाग के शिक्षकों को स्वयं के पदों पर पदोन्नतियों से वंचित होना पड़ रहा है।
पदोन्नति के लिए न्यूनतम अर्हता पांच वर्ष को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें शीघ्र पदोन्नति प्रदान की जाए। प्रदेश में पुराने सहायक शिक्षकों, शिक्षकों व प्रधान पाठकों के रिक्त पदों की वास्तविक जानकारी प्राप्त करें।
यह है प्रमुख मांगें
शिक्षक कांग्रेन ने मांग की है कि उच्च श्रेणी शिक्षक के पद को राजपत्रित दर्जा दिलाया जाए। प्रधानपाठक माध्यमिक स्कूल के पद को व्याख्याता पद के समतुल्य मानकर वरिष्ठता सूची उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर जारी करते हुए प्राचार्य पद पर पदोन्नति प्रदान की जावें। हायर सेकेण्डरी स्कूलों में संलग्न माध्यमिक स्कूलों में पदस्थ प्रधानपाठकों को प्राचार्य की अनुपस्थिति में प्रभार दिया जाए। राजपत्रित अधिकार प्राप्त शासकीय प्रधानपाठक को निकाय अंतर्गत वरिष्ठ अध्यापक के बाद वरीयता दी गई है। इससे प्रधानपाठक के राजपत्रित पद की गरिमा भंग होती है। वरीयता क्रम में प्राचार्य के पश्चात् व्याख्याता व बाद में प्रधानपाठक व उसके पश्चात् वरिष्ठ अध्यापक को प्रभार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मांगों को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र निराकरण किया जाए।
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पदोन्नति के लिए न्यूनतम अर्हता पांच वर्ष को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें शीघ्र पदोन्नति प्रदान की जाए। प्रदेश में पुराने सहायक शिक्षकों, शिक्षकों व प्रधान पाठकों के रिक्त पदों की वास्तविक जानकारी प्राप्त करें।
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