डिंडोरी। दूरस्थ अंचलों में स्कूल से नदारद रहने वाले शिक्षकों के कारण परेशान अभिभावकों के लिए अच्छी खबर यह है कि नए सत्र में प्रशासन द्वारा एन शिक्षा मित्र योजना चालू की गई है। जिसमें प्रत्येक शिक्षक को शिक्षा विभाग का एक ऐप डाऊनलोड करना पड़ेगा।
इस एप के जरिए ही शिक्षकों की हाजरी ऑनलाईन लगाई जाएगी। ऐप डाऊनलोड न करने और ऑनलाईन हाजिरी न देने पर शिक्षकों का वेतन रोका जा सकता है। इस योजना को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा विचार-विमर्श भी चल रहा है और यदि शिक्षक के पास एनड्राईड मोबाईल नहीं है तो वह सीधे मोबाइल से एसएमएस करके अपनी उपस्थिती दिखाएगा। नए शिक्षा सत्र को लेकर जिला प्रशासन द्वारा मंगलवार को मंसूरी हाल में अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में चर्चा की गई कि जिले में प्रवेशोत्सव को धूमधाम से मनाया जाए।
दी गईं प्रवेशोत्सव की जिम्मेदारियां
राज्य शासन ने दूसरे चरण की गतिविधियों के संचालन के लिये सभी जिला कलेक्टर, जिला पंचायत के सीईओ, नगर निगमों के आयुक्त और नगर पालिका एवं नगर परिषद के सीएमओ को निर्देश जारी कर दिये हैं। बच्चों के शत-प्रतिशत नामांकन के लिये जिला-स्तर पर विकासखण्ड समन्वयकों और जन-शिक्षा केन्द्र प्रभारियों को 16 जून के पहले प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रशिक्षण में इस बात पर जोर दिया जाएगा कि कोई भी बच्चा शाला में प्रवेश से वंचित न रहे। प्रशिक्षण में संकुल प्राचार्य भी उपस्थित रहेंगे। शिक्षकों द्वारा शालाओं एवं बच्चों के पालकों से सम्पर्क करने की समय-सीमा 11 से 16 जून निर्धारित की गयी है। शिक्षक उन्हें प्रवेशोत्सव की जानकारी भी देंगे। बच्चों एवं पालकों से सम्पर्क के लिये 15 जून के पहले आँगनवाड़ी केन्द्रों पर शिक्षक पहुँचेंगे।
एक माह तक पिछली कक्षा का विषय पढ़ेंगे बच्चे
छुट्टियों से आए बच्चों का मन टटोलने के लिए शिक्षकों को निर्देश दिए गए कि वे ंपहले माह बच्चों को सिर्फ पिछली कक्षा का रिवीजन कराएं और किताबों को नहीं पढ़ाया जाए। देखा जाता है कि गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल में प्रवेश लेने वाले बच्चों को पिछली कक्षा का कुछ नहीं आता है। इसके लिए ब्रिज मॉड्यूल तैयार किया गया है। जिसके आधार पर ही एक माह तक बच्चों की पढ़ाई होगी। जिसके बाद 30 जून को बच्चों का टेस्ट होगा। कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं लगाने आदेश दिए गए हैं।
प्रत्येक बच्चे का हो आधार
बैठक में कलेक्टर अमित तोमर ने समस्त बीओ, बीआरसी को निर्देशित किया कि वे जिले के समस्त स्कूलों में अध्ययरत बच्चों के आधार कार्डों को सुनिश्चित करें। बच्चों के आधार के आंकड़ों के लिए एक रजिस्टर रखें। जिन क्षेत्रों में छात्रों के आधार कार्ड नहीं बने हैं उन स्कूल या संकुल क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार आधार मशीने लगाई जाएंगी ताकि सभी छात्रों की पहचान हो। आधार क ार्ड के अनुसार छात्रों की फीडिंग हो ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
जर्जन भवन चिंहित करने के निर्देश
जिला शिक्षा अधिकारी केके पटेल ने आरईएस, पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिए हैं कि उनके इंजीनियर यह सुनिश्चित करें कि जिले में कोई स्कूल भवन जर्जर तो नहीं है। जो भवन बच्चों के लिए मुसीबत बनता हो उसे वे एसडीएम द्वारा जर्जन घोषित कर दें ताकि बरसात के मौसम में स्कूलीं छात्रों के साथ कोई अनहोनी न हो। बैठक में इस मुद्दे को लेकर भी चर्चा की गई।
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इस एप के जरिए ही शिक्षकों की हाजरी ऑनलाईन लगाई जाएगी। ऐप डाऊनलोड न करने और ऑनलाईन हाजिरी न देने पर शिक्षकों का वेतन रोका जा सकता है। इस योजना को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा विचार-विमर्श भी चल रहा है और यदि शिक्षक के पास एनड्राईड मोबाईल नहीं है तो वह सीधे मोबाइल से एसएमएस करके अपनी उपस्थिती दिखाएगा। नए शिक्षा सत्र को लेकर जिला प्रशासन द्वारा मंगलवार को मंसूरी हाल में अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में चर्चा की गई कि जिले में प्रवेशोत्सव को धूमधाम से मनाया जाए।
दी गईं प्रवेशोत्सव की जिम्मेदारियां
राज्य शासन ने दूसरे चरण की गतिविधियों के संचालन के लिये सभी जिला कलेक्टर, जिला पंचायत के सीईओ, नगर निगमों के आयुक्त और नगर पालिका एवं नगर परिषद के सीएमओ को निर्देश जारी कर दिये हैं। बच्चों के शत-प्रतिशत नामांकन के लिये जिला-स्तर पर विकासखण्ड समन्वयकों और जन-शिक्षा केन्द्र प्रभारियों को 16 जून के पहले प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रशिक्षण में इस बात पर जोर दिया जाएगा कि कोई भी बच्चा शाला में प्रवेश से वंचित न रहे। प्रशिक्षण में संकुल प्राचार्य भी उपस्थित रहेंगे। शिक्षकों द्वारा शालाओं एवं बच्चों के पालकों से सम्पर्क करने की समय-सीमा 11 से 16 जून निर्धारित की गयी है। शिक्षक उन्हें प्रवेशोत्सव की जानकारी भी देंगे। बच्चों एवं पालकों से सम्पर्क के लिये 15 जून के पहले आँगनवाड़ी केन्द्रों पर शिक्षक पहुँचेंगे।
एक माह तक पिछली कक्षा का विषय पढ़ेंगे बच्चे
छुट्टियों से आए बच्चों का मन टटोलने के लिए शिक्षकों को निर्देश दिए गए कि वे ंपहले माह बच्चों को सिर्फ पिछली कक्षा का रिवीजन कराएं और किताबों को नहीं पढ़ाया जाए। देखा जाता है कि गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल में प्रवेश लेने वाले बच्चों को पिछली कक्षा का कुछ नहीं आता है। इसके लिए ब्रिज मॉड्यूल तैयार किया गया है। जिसके आधार पर ही एक माह तक बच्चों की पढ़ाई होगी। जिसके बाद 30 जून को बच्चों का टेस्ट होगा। कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं लगाने आदेश दिए गए हैं।
प्रत्येक बच्चे का हो आधार
बैठक में कलेक्टर अमित तोमर ने समस्त बीओ, बीआरसी को निर्देशित किया कि वे जिले के समस्त स्कूलों में अध्ययरत बच्चों के आधार कार्डों को सुनिश्चित करें। बच्चों के आधार के आंकड़ों के लिए एक रजिस्टर रखें। जिन क्षेत्रों में छात्रों के आधार कार्ड नहीं बने हैं उन स्कूल या संकुल क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार आधार मशीने लगाई जाएंगी ताकि सभी छात्रों की पहचान हो। आधार क ार्ड के अनुसार छात्रों की फीडिंग हो ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
जर्जन भवन चिंहित करने के निर्देश
जिला शिक्षा अधिकारी केके पटेल ने आरईएस, पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिए हैं कि उनके इंजीनियर यह सुनिश्चित करें कि जिले में कोई स्कूल भवन जर्जर तो नहीं है। जो भवन बच्चों के लिए मुसीबत बनता हो उसे वे एसडीएम द्वारा जर्जन घोषित कर दें ताकि बरसात के मौसम में स्कूलीं छात्रों के साथ कोई अनहोनी न हो। बैठक में इस मुद्दे को लेकर भी चर्चा की गई।
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