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नहीं होंगे निजी स्कूलों में आरटीई के फर्जी प्रवेश

नागदा. आरटीई के तहत प्रवेश देने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले प्रायवेट स्कूलों पर राज्य शिक्षा केंद्र ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है। हाल ही में शहर के कुछ निजी स्कूलों में आरटीई के तहत बच्चों को फर्जी प्रवेश के माध्यम से शासन से रुपए ऐंठने के मामले सामने आए थे। ऐसी स्थिति इसलिए बनी क्योंकि निजी स्कूलों द्वारा आरक्षित सीटों की सूची सार्वजनिक नहीं की जाती थी। लेकिन अब स्कूलों को आरक्षित सीटों की संख्या व प्रथम प्रवेशित बच्चे का नाम शिक्षा विभाग के पोर्टल पर सार्वजनिक करना होगा। इसके निर्देश राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने वीसी के जरिए मंगलवार को जारी किए है। पालक ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाते तो यह कार्य विकासखंड स्रोत समन्वयक के माध्यम से किया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र आरटीई के तहत प्रायवेट स्कूलों में कमजोर एवं वंचित समूह के बच्चों के नि:शुल्क प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लिया है।
आसन होगी प्रक्रिया
अभिभावक अपने वार्ड के नजदीकी स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा की आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों की संख्या को पता कर सकेंगे और क्लिक कर सीटों के लिए आवेदन भी कर सकेंगे। निर्धारित सीट से ज्यादा आवेदन आने पर चयन ऑनलाइन लॉटरी से किया जाएगा। ये प्रक्रिया ऑनलाइन काउंसिंंल की तरह होगी।
क्या है आरटीआई
सरकार ने राइट-टू-एजुकेशन कानून बनाया है। इसके तहत सभी निजी स्कूलों को हर कक्षा की 25 प्रतिशत सीटें बीपीएल कार्डधारियों के बच्चों के लिए सुरक्षित रखाना है। इन बच्चों की फीस के बदले में शासन हर बच्चे पर सालाना करीब चार हजार रुपए स्कूलों को संचालन के लिए देता है।
फर्जी प्रवेश के नाम रुपए ऐंठने का मामले आए
निजी स्कूलों में आरटीई के तहत बच्चों को फर्जी प्रवेश के माध्यम से शासन से रुपए ऐठने के मामले सामने आए थे। ऐसी स्थिति इसलिए बनी क्योंकि निजी स्कूलों द्वारा आरक्षित सीटों की सूची सार्वजनिक नहीं की जाती थी। आयुक्त के निर्देश पर अब स्कूलों को सूची सार्वजनिक करना होगा।

दीपक हलवे, जिला परियोजना समन्वयक
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