ग्वालियर।
शिक्षा विभाग ने 13 साल पहले जो योजना फ्लॉप हो गई थी उसे फिर से शुरू कर
दिया है। संकुल प्राचार्यों से डीडीओ अधिकार लेकर बीईओ को दे दिए गए हैं।
अब संकुल प्राचार्य के पास किसी प्रकार के वित्तीय अधिकार नहीं होंगे, वह
मात्र एक प्राचार्य के तौर पर ही कार्य करेंगे।
नई व्यवस्था 15 जून से लागू होना है, लेकिन इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गई है। ऐसे में जुलाई माह का वेतन निकलने में परेशानी हो सकती है।
जिले में हैं 44 डीडीओ
जिले की बात करें तो 44 संवितरण अधिकारी (डीडीओ) हैं। वर्तमान में यह सभी संकुल के अंतर्गत आने वाले स्कूलों के शिक्षकों के वेतन के अलावा वित्तीय कार्य करते थे, लेकिन नई व्यवस्था के अनुसार 15 जून से जिले में सिर्फ 5 डीडीओ रह जाएंगे। इनमें 4 बीईओ और एक डीईओ शामिल होंगे। नई व्यवस्था को लेकर शिक्षकों में रोष व्याप्त है। बीईओ के पास वित्तीय अधिकार होने से शिक्षकों को काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान में वेतन संबंधी किसी भी समस्या के लिए शिक्षक को संकुल केंद्र जाना पड़ता था, जो कि उसके विद्यालय के पास में होता है, लेकिन वित्तीय अधिकार बीईओ को देने से सभी शिक्षको को बीईओ कार्यालय जाना होगा। आलम यह है कि कई शिक्षकों को तो ४० किमी तक की दूरी तय करना होगी।
बिगड़ सकती है स्थिति
वित्तीय अधिकार बीईओ को देने से स्थिति बिगड़ सकती है। वर्तमान में संकुल केंद्र के पास लगभग 30 स्कूल होते हैं और इसमें कार्यरत लगभग 150 शिक्षकों का ही वेतन आदि निकालना होता है, लेकिन बीईओ के पास 4 हजार शिक्षक होंगे। इनका वेतन और वित्तीय समस्याएं सुलझाने के लिए सिर्फ बीईओ ही होंगे। ऐसे में स्थिति बिगडऩे की संभावना है।
नई व्यवस्था के लिए नहीं की तैयारी
नई व्यवस्था लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने आदेश तो जारी कर दिया है, लेकिन इसके लिए कोई तैयारी नहीं की। दरअसल बीईओ की जगह सहायक संचालक का पद होगा, लेकिन अभी कोई नियुक्ति नहीं की गई। इसके साथ ही बीईओ कार्यालय में कम्प्यूटर ऑपरेटर होंगे, जो कि कामकाज देखेंगे, लेकिन जिले में अभी इसकी भी व्यवस्था नहीं की गई है। गत वर्ष भी इसे लागू किया गया था, लेकिन शिक्षकों के विरोध के बाद तीन माह बाद इसे वापस कर पुरानी व्यवस्था ही लागू कर दी गई थी।
इनका कहना
शासन के आदेश पर नई व्यवस्था लागू की गई है। १५ जून से सिर्फ ५ डीडीओ ही रहेंगे। आगे शासन जो भी निर्देश देगा उसके अनुसार कार्रवाई होगी।
विकास जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी
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नई व्यवस्था 15 जून से लागू होना है, लेकिन इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गई है। ऐसे में जुलाई माह का वेतन निकलने में परेशानी हो सकती है।
जिले में हैं 44 डीडीओ
जिले की बात करें तो 44 संवितरण अधिकारी (डीडीओ) हैं। वर्तमान में यह सभी संकुल के अंतर्गत आने वाले स्कूलों के शिक्षकों के वेतन के अलावा वित्तीय कार्य करते थे, लेकिन नई व्यवस्था के अनुसार 15 जून से जिले में सिर्फ 5 डीडीओ रह जाएंगे। इनमें 4 बीईओ और एक डीईओ शामिल होंगे। नई व्यवस्था को लेकर शिक्षकों में रोष व्याप्त है। बीईओ के पास वित्तीय अधिकार होने से शिक्षकों को काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान में वेतन संबंधी किसी भी समस्या के लिए शिक्षक को संकुल केंद्र जाना पड़ता था, जो कि उसके विद्यालय के पास में होता है, लेकिन वित्तीय अधिकार बीईओ को देने से सभी शिक्षको को बीईओ कार्यालय जाना होगा। आलम यह है कि कई शिक्षकों को तो ४० किमी तक की दूरी तय करना होगी।
बिगड़ सकती है स्थिति
वित्तीय अधिकार बीईओ को देने से स्थिति बिगड़ सकती है। वर्तमान में संकुल केंद्र के पास लगभग 30 स्कूल होते हैं और इसमें कार्यरत लगभग 150 शिक्षकों का ही वेतन आदि निकालना होता है, लेकिन बीईओ के पास 4 हजार शिक्षक होंगे। इनका वेतन और वित्तीय समस्याएं सुलझाने के लिए सिर्फ बीईओ ही होंगे। ऐसे में स्थिति बिगडऩे की संभावना है।
नई व्यवस्था के लिए नहीं की तैयारी
नई व्यवस्था लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने आदेश तो जारी कर दिया है, लेकिन इसके लिए कोई तैयारी नहीं की। दरअसल बीईओ की जगह सहायक संचालक का पद होगा, लेकिन अभी कोई नियुक्ति नहीं की गई। इसके साथ ही बीईओ कार्यालय में कम्प्यूटर ऑपरेटर होंगे, जो कि कामकाज देखेंगे, लेकिन जिले में अभी इसकी भी व्यवस्था नहीं की गई है। गत वर्ष भी इसे लागू किया गया था, लेकिन शिक्षकों के विरोध के बाद तीन माह बाद इसे वापस कर पुरानी व्यवस्था ही लागू कर दी गई थी।
इनका कहना
शासन के आदेश पर नई व्यवस्था लागू की गई है। १५ जून से सिर्फ ५ डीडीओ ही रहेंगे। आगे शासन जो भी निर्देश देगा उसके अनुसार कार्रवाई होगी।
विकास जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी
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