नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में जुटी सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की होने वाली भर्ती में बड़ा बदलाव किया है।
इसके तहत बीएड करने वाले भी अब इन स्कूलों में पढ़ा सकेंगे। हालांकि इन्हें भर्ती के दो साल के भीतर छह महीने का एक ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य होगा।
अभी तक एक से पांचवी तक के प्राइमरी स्कूलों में सिर्फ डिप्लोमा करने वाले ही पढ़ा सकते है। हालांकि इस बदलाव को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है। डिप्लोमा धारी छात्रों ने इसे लेकर नाखुशी जताई है।
नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसके तहत एनसीटीई ने एक से पांचवीं तक के प्राइमरी स्कूलों के लिए शिक्षकों की जो नई योग्यता तय की है, उसके तहत डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन( डीएलएड) या उसके समकक्ष होना चाहिए या फिर स्नातक में पचास फीसद अंक के साथ बीएड होना चाहिए।
एनसीटीई का मानना है कि इससे प्राइमरी स्कूलों को अच्छे शिक्षक मिल सकेंगे। साथ ही इससे पढ़ाई के स्तर में भी सुधार दिखेगा। एनसीटीई के इस बदलाव को जहां बीएड की पढ़ाई करने वाले छात्र अपने लिए एक बड़े मौके के तौर पर देख रहे है। वहीं दूसरी तरफ डिप्लोमाधारी इसे अपने लिए प्रतिस्पर्धा का बढ़ना मान रहे है। उनका मानना है कि इससे उनके मौके कम होंगे। अभी तक बीएड करने वाले सिर्फ सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्तर के स्कूलों में भी नियुक्ति की पात्रता रखते थे।
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