सीधी। सोमवार को जिले की ज्यादातर शासकीय स्कूलों में
अघोषित अवकाश की स्थिति रही। शिक्षक व अन्य स्टाफ को मोबाइल गवर्नेंस
प्लेटफार्म (एम शिक्षा मित्र) ऐप का प्रशिक्षण ले रहे थे, ऐसे में करीब 90
फीसदी स्कूलों में ताला लटका रहा। कुसमी ब्लॉक के अलावा सभी विकासखंड
मुख्यालयों में दो सत्रों में इसके लिए शिविर आयोजित किए गए थे।
हालांकि, ज्यादातर शिक्षक प्रशिक्षण को लेकर भी गंभीर नजर नहीं आए। वे
उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर कर प्रशिक्षण स्थल से रवाना हो गए। इधर,
प्रशिक्षण के नाम पर विद्यालय में भी छुट्टी कर दी गई। बच्चे स्कूल तो
पहुंचे, लेकिन शिक्षक न होने के कारण वापस लौट आए।
परेशान हुए छात्र
स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को
इस अघोषित अवकाश के संबंध में पूर्व से जानकारी नहीं दी गई थी, जिससे
उन्हें स्कूल से बैरंग लौटना पड़ा। स्कूलों में अव्यवस्था को लेकर
अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि जब शिक्षकों को आना ही
नहीं था तो पहले बता देना चाहिए था। बच्चों को भी स्कूल नहीं भेजते।
किस ब्लॉक में कहां हुआ प्रशिक्षण
विभागीय सूत्रों
के अनुसार, सीधी विकासखंड में जिला मुख्यालय स्थित शासकीय उत्कृष्ट
विद्यालय सीधी क्रमांक-१ का सभागार, सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
मड़रिया का सभागार तथा महर्षि विद्यालय जोगीपुर के सभागार में प्रशिक्षण
दिया गया। जबकि सिहावल विकासखंड में मॉडल स्कूल सिहावल, रामपुर नैकिन में
उत्कृष्ट विद्यालय रामपुर नैकिन एवं कुसमी-मझौली विकासखंड के शिक्षकों व
स्टाफ का प्रशिक्षण मॉडल स्कूल मझौली में आयोजित किया गया।
एक ही दिन पूरे स्टाफ का प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग के
सभी कर्मचारियों को सोमवार को एक ही साथ प्रशिक्षण के लिए बुला लिया गया
था। जबकि शासन स्तर से यह आदेश नहीं था। उसमें स्पष्ट कि या गया था कि
विद्यालय किसी भी हालत में बंद न किए जाएं। लेकिन शिक्षक सहित पूरा स्टाफ
प्रशिक्षण में पहुंच गए तो स्कूलों का संचालन किसके भरोसे हो। इसी वजह से
ज्यादातर स्कूलों में ताला लटकाकर समस्त स्टाफ के साथ प्रशिक्षण लेने
निर्धारित स्थल पर चले गए, जिससे स्कूल बंद रहे।
स्कूल बंद करने के निर्देश नहीं थे
एम शिक्षा
मित्र का प्रशिक्षण देने को शिक्षकों को बुलाया तो गया था, लेकिन शाला
संचालन बंद करने के निर्देश नहीं थे। कुछ शिक्षकों को विद्यालय में ही
छोडऩा था। उन्हें बाद में संकुल स्तर पर प्रशिक्षण देने का प्रावधान था।
पारसनाथ शुक्ला, डीइओ
जांच कराई जाएगी
शासन के निर्देश पर शिक्षकों का एम
शिक्षा मित्र का प्रशिक्षण विकासखंड स्तर पर आयोजित किया गया था। लेकिन
इसमें शाला बंद करने के निर्देश नहीं थे। इसलिए एक शिक्षकीय विद्यालय वाले
शिक्षक को नहीं बुलाया गया। एक से अधिक शिक्षक वाले स्कूलों में भी कुछ
शिक्षक छोड़े गए थे ताकि स्कूल का संचालन प्रभावित न हो। स्कूल बंद थे तो
यह गलत है, जांच कराई जाएगी।
डॉ.केएम द्विवेदी, डीपीसी
Tuesday 17 July 2018
शिक्षक गए M शिक्षा मित्र एप का प्रशिक्षण लेने, 90 फीसदी स्कूलों में रहा अघोषित अवकाश
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