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अतिथि शिक्षकों की सेवा बढ़ी, पिछले सत्र के पेपर हल कर रहे विद्यार्थी

भास्कर संवाददाता | होशंगाबाद 1 अप्रैल से नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया है, लेकिन स्कूल में 8वीं से 12वीं तक एक भी विषय की नए सत्र की पुस्तकें नहीं आई है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी बरकरार है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने अतिथि शिक्षकों की सेवा 28 अप्रैल तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अतिथि शिक्षक अब 28 अप्रैल तक स्कूलों में क्लास लेंगे। पुस्तकें नहीं आने के कारण पिछले सत्र के प्रश्न पत्र शिक्षक हल कराएंगे।


1 अप्रैल से शुरू हुए शिक्षा सत्र में नए सत्र के लिए दाखिले करना है। मिडिल और प्राइमरी स्कूलों में गतिविधि आधारित शिक्षण किया जाना है जिससे छोटी कक्षाओं के स्टूडेंट्स स्कूल आने के लिए प्रेरित हो सकें। जॉय फुल लर्निंग के लिए शिक्षकों को मॉड्यूल दिए गए हैं। इसमें स्टूडेंट्स को खिलाए जाने वाले खेल और गतिविधियां बताई गई हैं। एक्सीलेंस और मॉडल स्कूलों का प्रबंधन सामान्य सरकारी स्कूलों से अलग होता है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अतिथि विद्वान और नए सत्र की शुरूआत की गाइडलाइन एक्सीलेंस और मॉडल स्कूलों में भी यही व्यवस्था लागू होगी। एक्सीलेंस स्कूलों में प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट से आई मैरिट के आधार पर अस्थायी प्रवेश देकर पिछले सत्र के प्रश्नपत्र हल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

यह भी होंगे काम

सत्र की शुरूआत के साथ स्कूलों में प्रवेश, समग्र अपडेट करने, अाधार लिंक करने, छात्रवृत्ति पात्रता, गणवेश और पुस्तकों की मांग और नए सिलेबस की जानकारी देने का काम भी किया जाएगा।

प्राइमरी और मिडिल कक्षाओं में होगी जॉयफुल लर्निंंग

10वीं की पुस्तकों

का नहीं विकल्प

स्कूल शिक्षा विभाग 9वीं का रिजल्ट घोषित कर चुका है। स्टूडेंट 10वीं की पढ़ाई करने के लिए नए सत्र में स्कूल पहुंच रहे हैं पिछले ही सत्र नवमी में एनसीईआरटी का सिलेबस लागू हुआ था। इस सत्र में 10वीं का सिलेबस बदलना है ऐसे में स्कूलों के पास दसवीं के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए पुस्तकों का कोई विकल्प नहीं है यही स्थिति कक्षा 12वीं में पहुंचे स्टूडेंट्स की है। इसलिए विभाग ने 30 अप्रैल तक लगने वाले स्कूल में पिछले सत्र के प्रश्न पत्र हल करवाने का विकल्प दिया है।

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