जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के अतिथि शिक्षकों के हक में
समय-समय पर विविध राहतकारी आदेश-निर्देश जारी किए। उनका राज्य शासन की ओर
से समुचित पालन नदारद होने के कारण पीड़ित अतिथि शिक्षक अब सुप्रीम कोर्ट की
शरण लेने तैयार हैं।
अधिवक्ता संजीव चंसौरिया ने बताया कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से अतिथि शिक्षकों के हक में 70 से अधिक आदेश पारित हो चुके हैं। इसके बावजूद राज्य शासन का रवैया पूर्ववत बना हुआ है। गुरुजी की तरह लाभ न मिलने से अतिथि शिक्षक हलाकान हैं। हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट जाकर 12 अगस्त को अवमानना याचिकाएं दायर करेंगे।
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