मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ई-अटेंडेंस की अनिवार्यता को लेकर शिक्षकों की याचिका पर उन्हें अंतरिम राहत प्रदान की है.दतिया के अध्यापक संयुक्त संघर्ष मोर्चे की याचिका पर हाईकोर्ट ने फिलहाल शिक्षकों को मैन्यूअल अटेंडेंस की अनुमति दे दी है और शासन के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है.
दरअसल, राज्य शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार स्कूलों में एपलॉक के जरिए शिक्षकों की हाजिरी होगी. इसी के आधार पर उनके वेतन का निर्धारण किया जाएगा.
शिक्षकों ने अपनी याचिका में कहा कि, उनके बीच कई एसे टीचर भी हैं जो ठीक तरह से मोबाइल का इस्तेमाल भी करना नहीं जानते हैं. कई के पास तो एंड्रोयड मोबाइल भी नहीं हैं. ऐसे में पूर्व की व्यवस्था यानी मैन्यूअल अटेंडेंस को मान्यता दी जाए.
इस पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. खास बात ये है कि मैन्यूअल अटेंडेंस का लाभ फिलहाल दतिया के ही उन शिक्षकों को मिलेगा जो याचिका दायर किये थे.
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शिक्षकों ने अपनी याचिका में कहा कि, उनके बीच कई एसे टीचर भी हैं जो ठीक तरह से मोबाइल का इस्तेमाल भी करना नहीं जानते हैं. कई के पास तो एंड्रोयड मोबाइल भी नहीं हैं. ऐसे में पूर्व की व्यवस्था यानी मैन्यूअल अटेंडेंस को मान्यता दी जाए.
इस पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. खास बात ये है कि मैन्यूअल अटेंडेंस का लाभ फिलहाल दतिया के ही उन शिक्षकों को मिलेगा जो याचिका दायर किये थे.
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