भास्कर संवाददाता | पिपरिया/सोहागपुर/माखननगर/सिवनीमालवा उच्च शिक्षा विभाग की ऑनलाइन एकमुश्त फीस जमा करने की योजना विद्यार्थियों के लिए परेशानी वाली साबित हो रही है। कॉलेजों के ऐसे छात्र जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है उन्हें एनुअली फीस जमा करना मुश्किल हो रहा है। उच्च शिक्षा विभाग के फरमान हैं कि ऑनलाइन एकमुस्त फीस सालभर की जमा करना है।
पिपरिया सहित सोहागपुर, सिवनीमालवा और माखननगर में अभाविप ने इसका विरोध दर्ज कराया। परिषद ने प्राचार्य को ज्ञापन देकर ऑनलाइन फीस के साथ ऑफलाइन फीस किस्तों में जमा करने की मांग की। क्योंकि हर छात्र-छात्रा के परिवार की आर्थिक स्थिति एक जैसी नहीं होती है। इसलिए फीस किस्तों में जमा कराएं। पिपरिया में प्रांत कार्यकारिणी सदस्य सचिन गंगेले, दीपक साहू, शुभम राणा, आकाश पांडे, नंदन राठी, धीरज केवट आदि ने प्रभारी प्राचार्य राजीव माहेश्वरी को ज्ञापन दिया। ऑनलाइन फीस जमा करने के लिए छात्र बाजारों में कम्प्यूटर सेंटरों पर परेशान होते हैं। कॉलेज में तो आवेदन फार्म तक नहीं मिलता है। वह भी बाजार से खरीदना पड़ता है। छात्र-छात्राएं कंप्यूटर सेंटर वालों को मनमानी शुल्क देते हैं।
प्रांत कार्यकारिणी सदस्य सचिन गंगेले ने कहा सारी चीजें ऑनलाइन कर रही है तो कॉलेजों में संसाधन और व्यवस्थाएं दें। कॉलेजों में कुछ होता नहीं है। छात्र-छात्राएं बाजारों में कामों के लिए भटकते हैं। व्यवस्था कॉलेज में भी होना चाहिए। सरकार ऑनलाइन व्यवस्था तो लागू कर रही है लेकिन पेरशानी छात्र-छात्राओं को होती है। कंप्यूटर सेंटरों और फोटो कॉपी सेंटरों पर कॉलेज स्टूडेंट्स परेशान होते हैं। परिषद पदाधिकारियों ने शुक्रवार दोपहर में उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता के नाम संबोधित ज्ञापन प्रभारी प्राचार्य राजीव माहेश्वरी को दिया। सरकारी पीजी कॉलेज में 2 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। छात्रों ने सेमेस्टर सिस्टम का भी विरोध करते हुए कहा पढ़ाई लिखाई कुछ नहीं होती। सब कुछ कागजों पर हो रहा है। सेमेस्टर में परीक्षा से निबटते नहीं दूसरी परीक्षा खड़ी हो जाती है। ऐसे में पढ़ाई कैसे होगी।
सोहागपुर| एकमुश्त फीस जमा करने के विरोध में कॉलेज प्राचार्य डाॅ. अरविंद सिंह चौहान को ज्ञापन देते अभाविप क शिवकुमार पटेल, विशाल राठौर, रजत पटेल, नीरज यादव, राघवेंद्र रघुवंशी, राजकुमार कोरी।
कियोस्क सेंटर संचालक कर रहे मनमानी वसूली
पदाधिकारियों का कहना है कियोस्क सेंटर वाले भी मनमानी शुल्क वसूली कर रहे हैं। सरकार को इन पर भी तो नियंत्रण करना चाहिए। साल भर की फीस एक मुश्त जमा करने का निर्णय वापस लेने की मांग अभाविप ने की है। सरकार एक साथ फीस जमा करने के लिए बाध्य कर रही है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में भी छात्र-छात्राएं परेशान हो रहे हैं। कंप्यूटर ऑपरेटरों को शुल्क अलग दे रहे हैं।
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पिपरिया सहित सोहागपुर, सिवनीमालवा और माखननगर में अभाविप ने इसका विरोध दर्ज कराया। परिषद ने प्राचार्य को ज्ञापन देकर ऑनलाइन फीस के साथ ऑफलाइन फीस किस्तों में जमा करने की मांग की। क्योंकि हर छात्र-छात्रा के परिवार की आर्थिक स्थिति एक जैसी नहीं होती है। इसलिए फीस किस्तों में जमा कराएं। पिपरिया में प्रांत कार्यकारिणी सदस्य सचिन गंगेले, दीपक साहू, शुभम राणा, आकाश पांडे, नंदन राठी, धीरज केवट आदि ने प्रभारी प्राचार्य राजीव माहेश्वरी को ज्ञापन दिया। ऑनलाइन फीस जमा करने के लिए छात्र बाजारों में कम्प्यूटर सेंटरों पर परेशान होते हैं। कॉलेज में तो आवेदन फार्म तक नहीं मिलता है। वह भी बाजार से खरीदना पड़ता है। छात्र-छात्राएं कंप्यूटर सेंटर वालों को मनमानी शुल्क देते हैं।
प्रांत कार्यकारिणी सदस्य सचिन गंगेले ने कहा सारी चीजें ऑनलाइन कर रही है तो कॉलेजों में संसाधन और व्यवस्थाएं दें। कॉलेजों में कुछ होता नहीं है। छात्र-छात्राएं बाजारों में कामों के लिए भटकते हैं। व्यवस्था कॉलेज में भी होना चाहिए। सरकार ऑनलाइन व्यवस्था तो लागू कर रही है लेकिन पेरशानी छात्र-छात्राओं को होती है। कंप्यूटर सेंटरों और फोटो कॉपी सेंटरों पर कॉलेज स्टूडेंट्स परेशान होते हैं। परिषद पदाधिकारियों ने शुक्रवार दोपहर में उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता के नाम संबोधित ज्ञापन प्रभारी प्राचार्य राजीव माहेश्वरी को दिया। सरकारी पीजी कॉलेज में 2 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। छात्रों ने सेमेस्टर सिस्टम का भी विरोध करते हुए कहा पढ़ाई लिखाई कुछ नहीं होती। सब कुछ कागजों पर हो रहा है। सेमेस्टर में परीक्षा से निबटते नहीं दूसरी परीक्षा खड़ी हो जाती है। ऐसे में पढ़ाई कैसे होगी।
सोहागपुर| एकमुश्त फीस जमा करने के विरोध में कॉलेज प्राचार्य डाॅ. अरविंद सिंह चौहान को ज्ञापन देते अभाविप क शिवकुमार पटेल, विशाल राठौर, रजत पटेल, नीरज यादव, राघवेंद्र रघुवंशी, राजकुमार कोरी।
कियोस्क सेंटर संचालक कर रहे मनमानी वसूली
पदाधिकारियों का कहना है कियोस्क सेंटर वाले भी मनमानी शुल्क वसूली कर रहे हैं। सरकार को इन पर भी तो नियंत्रण करना चाहिए। साल भर की फीस एक मुश्त जमा करने का निर्णय वापस लेने की मांग अभाविप ने की है। सरकार एक साथ फीस जमा करने के लिए बाध्य कर रही है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में भी छात्र-छात्राएं परेशान हो रहे हैं। कंप्यूटर ऑपरेटरों को शुल्क अलग दे रहे हैं।
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