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बिना काउंसलर के स्कूलों को मान्यता भी नहीं

राहुल शर्मा. भोपाल प्रदेश के निजी स्कूलों को काउंसलर रखे बिना मान्यता भी नहीं दी जाएगी। परीक्षा परिणाम के बाद बढ़ती आत्महत्याओं के मामले, तनाव और अवसाद को रोकने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है। काउंसलर बच्चों में सकारात्मक सोच पैदा करेंगे और उन्हें आत्महत्या की दुष्प्रवृत्ति से दूर करेंगे।

गौरतलब है कि हाल में प्रदेश भर में दर्जनों स्थानों पर छात्रों ने आत्महत्या की है। इसकी मुख्य वजह यह रही कि ऐसे बच्चों को समय पर काउंसलिंग नहीं मिल सकी और उन्होंने निराश होकर अपना जीवन खत्म कर लिया। खासकर ज्यादातर निजी स्कूलों में ऐसी कोई व्यवस्था ही नहीं है।
विभिन्न् विषयों पर देंगे परामर्श
स्कूलों को मान्यता देने के मामले में यह प्रावधान किया जा रहा है कि प्रत्येक निजी स्कूल एक काउंसलर नियुक्त करे। उसके बाद ही मान्यता के लिए आवेदन करे। अगर बिना काउंसलर के आवेदन किए गए हैं तो उसे निरस्त कर दिया जाएगा।
छात्रों में पैदा की जाएगी सकारात्मक सोच
स्कूलों के काउंसलर छात्रों की समस्याओं का समाधान करेंगे ही साथ ही उन्हें कॅरियर मार्गदर्शन भी देंगे। परीक्षा के पहले बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की काउंसलिंग की जाएगी और उनमें सकारात्मक सोच पैदा की जाएगी। उन्हें बताया जाएगा कि जो छात्र आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं वे कितने लोगों को दुख और परेशानी देकर जाते हैं। छात्रों को आत्महत्या की दुष्प्रवृत्ति से रोका जाएगा। इस कारण मान्यता नियमों में काउंसलर रखने का प्रावधान किया जा रहा है। चूंकी इस साल स्कूलों को मान्यता मिल चुकी है इसलिए अगले साल से लागू किया जाएगा।
मनोवैज्ञानिक तरीके से खत्म की जाएगी नकारात्मकता
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश भर में बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं जब छात्र तनाव के कारण आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। वे अपनी समस्या किसी को बता नहीं पाते। अगर पहले से ही मनोवैज्ञानिक तरीके से उन्हें मजबूत किया जाए और नकरात्मक सोच को खत्म किया जाए तो ऐसे मामलों को रोका जा सकता है। वे दबाव में न आएं, ऐसे कदम उठाने की जरूरत है।
निजी स्कूलों में पढ़ाई पर तो फोकस होता है, लेकिन कई बार दूसरे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया जाता। जानकारी के मुताबिक सरकारी स्कूलों में समय-समय पर छात्रों की काउंसलिंग की जाएगी। चूंकी सरकारी स्कूलों में कॅरियर मार्गदर्शन शिविर आदि आयोजित होते रहते हैं इसलिए निजी स्कूलों को केंद्र में रखा गया है।
छात्रों के हित में है ये कदम
निजी स्कूलों की मान्यता में यह जरूरी शर्त रखने का प्रावधान किया जा रहा है कि वे अपने यहां काउंसलर नियुक्त करें। यह छात्रों के हित में उठाया जाने वाला कदम है।
- नीरज दुबे, आयुक्त, लोक शिक्षण
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