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पीएससी को मिली स्लेट की जिम्मेदारी, नेट की तर्ज पर 13 साल बाद होगी परीक्षा

उच्च शिक्षा विभाग लंबे अंतराल के बाद स्टेट लेवल एलिजिबिलिटी टेस्ट (स्लेट) कराएगा। इसकी जिम्मेदारी एमपी पीएससी को दी जा रही है। स्लेट के लिए इंदौर में ही अलग सेल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विभाग की कोशिश है कि इस साल के अंत तक परीक्षा कराए जा सके।
नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) की तरह प्रदेश स्तर पर स्लेट कराई जाती है, लेकिन मप्र में 2003-04 के बाद से स्लेट नहीं हुई है। इससे प्रदेश के आवेदकों को लेक्चरार या जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए एकमात्र नेट ही विकल्प मिलता आया है। उच्च शिक्षा विभाग और पीएससी इंदौर में ही परीक्षा के लिए अलग से सेल बनाएंगे। इसी सेल में परीक्षा नियम, उम्मीदवारों की पात्रता, श्रेणीवार मिलने वाली छूट से लेकर सिलेबस और टाइम टेबल भी बनेगा।
उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले साल भी स्लेट कराने के लिए व्यापमं (अब प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड) का नाम प्रस्तावित किया था, लेकिन व्यापमं की साख को देखते हुए यूजीसी ने प्रस्ताव निरस्त कर दिया। इसके बाद विभाग ने अपने स्तर पर व्यापमं से ही परीक्षा कराने की कोशिश की। हर कोशिश नाकाम होने के बाद परीक्षा के लिए विश्वसनीय एजेंसी के रूप में पीएससी को फाइनल किया है।
नए सिरे से तैयार हो सिलेबस
व्यापमं से स्लेट कराने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने कुलपतियों की समिति से परीक्षा कार्यक्रम भी तैयार करवाया था। समिति में डीएवीवी के तत्कालीन कुलपति प्रो. डीपी सिंह व बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के प्रो. एमडी सिंह शामिल थे, लेकिन व्यापमं से परीक्षा कराने का प्रस्ताव खारिज होने से पूरी प्रक्रिया ही खत्म हो गई। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार पीएससी मुख्यालय में स्लेट के लिए अलग से सेल बनाई जा रही है। पिछली स्लेट से अब तक शिक्षा के क्षेत्र में आए बदलावों को देखते हुए सिलेबस में भी व्यापक स्तर पर बदलाव किए जाएंगे।
जारी की 2016 की मॉडल आंसरशीट

मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने शुक्रवार को राज्य सेवा परीक्षा प्रारंभिक 2016 की मॉडल आंसरशीट जारी कर दी। इसमें पहले पेपर से एक सवाल हटाया गया है। हिंदी और अंग्रेजी में अलग-अलग विकल्प होने से इसकी संभावना पहले से थी। इस तरह कुल 99 सवालों के जवाब दिए गए। दूसरे पेपर में आयोग ने सभी 100 सवालों को सही माना है। हालांकि, परीक्षार्थियों को दोनों पेपर के कुछ और सवालों पर आपत्ति है। पीएससी ने ऐसे सभी परीक्षार्थियों को अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए 10 जून तक का समय दिया है। वे प्रमाणित संदर्भों के साथ आपत्तियां दे सकते हैं। इनका विश्लेषण कर नए सिरे से फाइनल आंसरशीट जारी होगी और उससे ही मूल्यांकन होगा।
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