भोपाल। एक तरफ अधिकारियों ने यह
दावा कर दिया है कि अध्यापकों के संविलियन से पहले शिक्षक भर्ती नहीं हो
सकती और यह कम से कम चुनाव से पहले तो कतई नहीं हो सकती वहीं दूसरी ओर सीएम
शिवराज सिंह ने एक बार फिर 62 हजार शिक्षक भर्ती का जिक्र किया है। इस बार
उन्होंने 'संविदा शिक्षक' शब्द का उपयोग नही किया। शिवराज सिंह बैतूल में
जनसभा को संबोधित कर रहे थे। यहां तेंदुपत्ता व असंगठित मजदूर सम्मेलन का
आयोजन किया गया था।
सभा को सम्बोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा प्रदेश में बेटियों को आगे
बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। स्थानीय चुनाव और शिक्षक की
भर्ती में 50% आरक्षण दिया जाता है। प्रदेश में होने वाली 62 हज़ार
शिक्षकों की भर्ती में भी बेटियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। वहीं सीएम ने
फ्लैट रेट पर केवल 200 रुपये प्रतिमाह बिजली का बिल देने का भी एलान किया।
हालांकि यह घोषणा सीएम पहले भी कई कार्यक्रमों के दौरान कर चुके हैं।
सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा सड़क परिवहन व
राजमार्ग केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी मौजूद रहे। सम्मेलन में बैतूल एवं
हरदा जिले के हितग्राहियों को तेंदूपत्ता बोनस वितरण के साथ ही चरण
पादुकाएं, पानी की बोतल एवं साड़ी का वितरण किया।
6 साल से नहीं हुई है शिक्षकों की भर्ती
मध्यप्रदेश में 2011 के बाद से अब तक शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है जबकि
करीब 15 लाख उम्मीदवार इसका इंतजार कर रहे हैं। 1 लाख से ज्यादा उम्मीदवार
तो इंतजार करते करते ओवरएज हो गए हैं। उम्मीद की जा रही थी कि चुनावी साल
में बंपर भर्ती होंगी। सीएम शिवराज सिंह ने भी ऐलान कर दिया था कि अप्रैल
के लास्टवीक में विज्ञापन जारी हो जाएगा परंतु नहीं हुआ। अब कहा जा रहा है
कि 2018 में भर्ती नहीं हो पाएगी।