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150 शिक्षकों को 20 रु से लग रहा डर, जानिए क्या है माजरा

ग्वालियर। शाला सिद्धि योजना के अंतर्गत डाइट में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने आए शिक्षक विभाग के एक आदेश से परेशान हैं। राज्य शिक्षा केन्द्र ने शिक्षकों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के दौरान शहर में ठहरने के लिए प्रति शिक्षक महज 20 रुपए खर्च करने का आदेश दिया है। एेसे में अधिकारी और शिक्षकों को समझ नहीं आ रहा कि बीस रुपए में कैसे रुकें। यही कारण है कि अधिकांश शिक्षकों को मजबूरी में जाना पड़ रहा है।
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा चलाई जा रही शाला सिद्धि योजना के तहत शिक्षक, प्रधान अध्यापकों को योजना के संबंध में तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम रहवासी है और डाइट में चल रहा है। लेकिन 150 में से एक भी शिक्षक शहर में नहीं रुक रहा। सभी अपने घर चले जाते हैं जबकि प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को शहर में ही रुकना था। दरअसल राज्य शिक्षा केन्द्र ने शिक्षकों को ठहरने के लिए महज २० रुपए का बजट दिया है। शिक्षकों के अनुसार इतने कम रुपए में ठहरना संभव ही नहीं है। इस आदेश से शासन की मंशा पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। इससे तो यही लगता है कि शासन चाहता ही नहीं कि शिक्षक सही ढंग से रुकककर प्रशिक्षण प्राप्त करें।
भोजना के लिए सिर्फ 100 रुपए
राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला शिक्षा केन्द्र को दिए बजट में भोजन के लिए कम बजट दिया है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से १०० रुपए के मान से बजट दिया गया है। यहां तक कि स्टेशनरी के लिए भी महज 15 रुपए प्रति शिक्षक के मान से बजट दिया गया है। कम बजट के कारण अधिकारी और शिक्षक परेशान हैं। शिक्षकों की मानें तो इतने कम बजट में भाोजन और ठहरना संभव ही नहीं है। हालांकि मजबूरी में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने आए हैं।
इनका कहना
राज्य शिक्षा केन्द्र से प्रति शिक्षक के ठहरने के लिए 20 रुपए दिए हैं। अगर कोई शिक्षक रुकेगा तो उसके खाते में पैसा जमा कर दिए जाएंगे। भोजन का पैसा भी खाता में ही जमा किया जाएगा।

शलभ श्रीवास्तव, एपीसी जिला शिक्षा केन्द्र
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