भोपाल। संविदा शिक्षक बनने का छह सालों से ख्वाब देख
रहे उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। इसके अनुसार 2018 यानि अगले कुछ माह
में 32 हजार संविदा शिक्षकों की भर्ती होगी। इससे पहले पंचायत एवं ग्रामीण
विकास विभाग ने आखिरी बार वर्ष 2011 में संविदा शिक्षकों की भर्ती की थी।
तब करीब 40 हजार पद भरे गए थे।
वहीं फरवरी 2018 में भर्ती की अधिसूचना जारी होने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि मप्र संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारियां कुछ इस तरह शुरू की गईं हैं कि जून 2018 के आसपास परीक्षाएं होंगी और परिणाम मध्यप्रदेश चुनाव के आसपास आएगा। आने वाले दो—तीन महीनों में अतिथि शिक्षकों की आयु सीमा में छूट और 25 फीसदी आरक्षण के नियम और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की नियमावली में जुड़ जाएंगे।
इसके बाद भर्ती की अधिसूचना जारी होगी। ये परीक्षा प्रदेश के वर्ग-1 के 10 हजार 905, वर्ग-2 के 11 हजार 200 और वर्ग-3 के 9 हजार 540 पदों को भरने के लिए की जा रही है।
संविदा शिक्षक भर्ती में संविदा शिक्षकों को आयु सीमा में नौ साल की छूट और 25 फीसदी आरक्षण पर प्रदेश कैबिनेट ने पिछले दिनों मुहर लगाई है। ये दोनों बिंदु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नियमों में जुड़ेंगे। अफसरों के अनुसार पहला ड्राफ्ट प्रकाशन के लिए भेज दिया गया है। वहीं प्रकाशन के बाद एक महीना इस पर सुनवाई होगी। उसके बाद अंतिम प्रकाशन होगा। पूरी प्रक्रिया में दो-तीन महीने लगेंगे। अगले साल फरवरी में भर्ती की अधिसूचना जारी हो जाएगी।
नियुक्ति प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से होगी। बोर्ड इसके लिए पात्रता परीक्षा आयोजित करेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आखिरी बार वर्ष 2011 में भर्ती की थी। तब करीब 40 हजार पद भरे गए थे। कायदे से भर्ती हर तीन साल में होना थी, लेकिन सरकार ने वर्ष 2011 के बाद से इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस बीच कई डीएड-बीएड प्रशिक्षित युवा ओवरएज हो गए।
बजट भाषण में घोषणा:
इस साल यानि 2017 के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी। उस समय भर्ती का समय नहीं बताया गया था। इसके पीछे का कारण वित्त मंत्रालय द्वारा पदों में कटौती करना माना जा रहा था। जिसमें मामला लंबे समय तक इसी में उलझा रहा।
फिर अतिथि शिक्षकों की भर्ती और मिडिल के शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण शुरू हो गया। साथ ही अतिथि शिक्षकों को आयु सीमा में छूट का फैसला भी ले लिया गया।
इस सत्र से मिलेंगे शिक्षक:
माना जा रहा है कि यदि पंचायत एवं ग्रामीण विभाग यदि फरवरी में अधिसूचना जारी करता है तो पीईबी को पात्रता परीक्षा कराने में तीन से चार महीने लगेंगे। तीनों परीक्षाओं का रिजल्ट तैयार करने में पांच से छह माह का वक्त लगेगा। उसके बाद मेरिट के आधार पर काउंसलिंग होगी। नवंबर-2018 में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में स्कूलों को नए शिक्षक 2019-20 के सत्र से ही मिल सकेंगे।
तब करीब 40 हजार पद भरे गए थे।
वहीं फरवरी 2018 में भर्ती की अधिसूचना जारी होने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि मप्र संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारियां कुछ इस तरह शुरू की गईं हैं कि जून 2018 के आसपास परीक्षाएं होंगी और परिणाम मध्यप्रदेश चुनाव के आसपास आएगा। आने वाले दो—तीन महीनों में अतिथि शिक्षकों की आयु सीमा में छूट और 25 फीसदी आरक्षण के नियम और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की नियमावली में जुड़ जाएंगे।
इसके बाद भर्ती की अधिसूचना जारी होगी। ये परीक्षा प्रदेश के वर्ग-1 के 10 हजार 905, वर्ग-2 के 11 हजार 200 और वर्ग-3 के 9 हजार 540 पदों को भरने के लिए की जा रही है।
संविदा शिक्षक भर्ती में संविदा शिक्षकों को आयु सीमा में नौ साल की छूट और 25 फीसदी आरक्षण पर प्रदेश कैबिनेट ने पिछले दिनों मुहर लगाई है। ये दोनों बिंदु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नियमों में जुड़ेंगे। अफसरों के अनुसार पहला ड्राफ्ट प्रकाशन के लिए भेज दिया गया है। वहीं प्रकाशन के बाद एक महीना इस पर सुनवाई होगी। उसके बाद अंतिम प्रकाशन होगा। पूरी प्रक्रिया में दो-तीन महीने लगेंगे। अगले साल फरवरी में भर्ती की अधिसूचना जारी हो जाएगी।
नियुक्ति प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से होगी। बोर्ड इसके लिए पात्रता परीक्षा आयोजित करेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आखिरी बार वर्ष 2011 में भर्ती की थी। तब करीब 40 हजार पद भरे गए थे। कायदे से भर्ती हर तीन साल में होना थी, लेकिन सरकार ने वर्ष 2011 के बाद से इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस बीच कई डीएड-बीएड प्रशिक्षित युवा ओवरएज हो गए।
बजट भाषण में घोषणा:
इस साल यानि 2017 के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी। उस समय भर्ती का समय नहीं बताया गया था। इसके पीछे का कारण वित्त मंत्रालय द्वारा पदों में कटौती करना माना जा रहा था। जिसमें मामला लंबे समय तक इसी में उलझा रहा।
फिर अतिथि शिक्षकों की भर्ती और मिडिल के शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण शुरू हो गया। साथ ही अतिथि शिक्षकों को आयु सीमा में छूट का फैसला भी ले लिया गया।
इस सत्र से मिलेंगे शिक्षक:
माना जा रहा है कि यदि पंचायत एवं ग्रामीण विभाग यदि फरवरी में अधिसूचना जारी करता है तो पीईबी को पात्रता परीक्षा कराने में तीन से चार महीने लगेंगे। तीनों परीक्षाओं का रिजल्ट तैयार करने में पांच से छह माह का वक्त लगेगा। उसके बाद मेरिट के आधार पर काउंसलिंग होगी। नवंबर-2018 में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में स्कूलों को नए शिक्षक 2019-20 के सत्र से ही मिल सकेंगे।