जिले की सरकारी स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के पद भरने के लिए चल रही
अतिथि शिक्षकों की ज्वाइनिंग प्रक्रिया के तहत जिले में 3658 अतिथि शिक्षक
रखे गए हैं। यह सभी वे हैं जो ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत मेरिट के आधार पर
ज्वाइन कराए गए हैं।
इसके साथ ही जहां पद खाली थे और ऑनलाइन में आवेदक कम आए, वहां आॅफलाइन माध्यम से भी अतिथि शिक्षक रखे गए हैं। इनकी जानकारी आना शेष है। इनकी ज्वाइनिंग की जानकारी फिलहाल ऑनलाइन फीड होना रह गई है। जिला शिक्षा अधिकारी अजब सिंह ठाकुर ने बताया कि कुल 374 पद पोर्टल से डिलीट भी किए गए हैं। ये वो जानकारी है जो गलती फीड हो गई थी, यानी संबंधित स्कूल में शिक्षक कार्यरत थे, फिर भी पोर्टल पर पद खाली दर्शा दिए गए थे।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए इस बार पहले ऑनलाइन व्यवस्था अपनाई गई, बाद में शेष बचे पदों पर ऑफलाइन तरीके से आए आवेदकों को भी रखा गया। जीएफएमएस यानी गेस्ट फैकल्टी मैनेजमेंट सिस्टम पर जो ऑनलाइन जानकारी दर्ज थी, उसके मुताबिक जिले में 2959 पद रिक्त थे। जबकि इनमें से 374 पदों की जानकारी ऐसी थी, जहां रिक्त पद तो बताए जा रहे थे, लेकिन असल में थे नहीं।
इसके कारण आवेदकों को बेहद परेशान होना पड़ा। इस हिसाब से देखा जाए तो 2585 पदों की सही जानकारी ही पोर्टल पर दर्ज थी। जबकि स्कूलों में वास्तव में 1073 पद और भी ज्यादा खाली थे, जो बाद में अब तक हुई कुल ज्वाइनिंग 3658 से खुद ही स्पष्ट हो जाता है।
जो स्कूल-स्कूल भटके उन्हें ही फायदा, पोर्टल के भरोसे वाले नुकसान में
स्कूलों में कुल ज्वाइन हुए अतिथि शिक्षकों के हिसाब से देखा जाए तो पोर्टल पर करीब 30 फीसदी रिक्त पदों की सही जानकारी दर्ज ही नहीं थी। कुल 1073 पदों के संबंध में कोई ब्यौरा ही नहीं था। यही वजह रही कि आवेदकों को खाली पदों की जानकारी जुटाने स्कूल दर स्कूल भटकना पड़ा, जो दर्जनों स्कूल भटकते रहे वे जरूर ज्वाइनिंग पा गए। अतिथि भर्ती से लेकर शिक्षकों की हाजिरी तक को ऑनलाइन करने पर तुले शिक्षा विभाग अतिथि शिक्षक भर्ती जैसी छोटी सी प्रक्रिया की सही जानकारी तक पोर्टल पर नहीं जुटा पाया। ऐसे में ऑनलाइन जानकारी को सही मानकर बैठे रहे कई बेरोजगार उच्च शिक्षित होने के बाद भी बेरोजगार ही रह गए, क्योंकि कई जगह जहां पद खाली थे, वे वहां गए ही नहीं। कुछ जगहों पर ऐसी शिकायतें भी आई हैं, जहां करीबी और जान पहचान वाले लोगों को अतिथि शिक्षक नियुक्त कर दिया गया।
इसके साथ ही जहां पद खाली थे और ऑनलाइन में आवेदक कम आए, वहां आॅफलाइन माध्यम से भी अतिथि शिक्षक रखे गए हैं। इनकी जानकारी आना शेष है। इनकी ज्वाइनिंग की जानकारी फिलहाल ऑनलाइन फीड होना रह गई है। जिला शिक्षा अधिकारी अजब सिंह ठाकुर ने बताया कि कुल 374 पद पोर्टल से डिलीट भी किए गए हैं। ये वो जानकारी है जो गलती फीड हो गई थी, यानी संबंधित स्कूल में शिक्षक कार्यरत थे, फिर भी पोर्टल पर पद खाली दर्शा दिए गए थे।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए इस बार पहले ऑनलाइन व्यवस्था अपनाई गई, बाद में शेष बचे पदों पर ऑफलाइन तरीके से आए आवेदकों को भी रखा गया। जीएफएमएस यानी गेस्ट फैकल्टी मैनेजमेंट सिस्टम पर जो ऑनलाइन जानकारी दर्ज थी, उसके मुताबिक जिले में 2959 पद रिक्त थे। जबकि इनमें से 374 पदों की जानकारी ऐसी थी, जहां रिक्त पद तो बताए जा रहे थे, लेकिन असल में थे नहीं।
इसके कारण आवेदकों को बेहद परेशान होना पड़ा। इस हिसाब से देखा जाए तो 2585 पदों की सही जानकारी ही पोर्टल पर दर्ज थी। जबकि स्कूलों में वास्तव में 1073 पद और भी ज्यादा खाली थे, जो बाद में अब तक हुई कुल ज्वाइनिंग 3658 से खुद ही स्पष्ट हो जाता है।
जो स्कूल-स्कूल भटके उन्हें ही फायदा, पोर्टल के भरोसे वाले नुकसान में
स्कूलों में कुल ज्वाइन हुए अतिथि शिक्षकों के हिसाब से देखा जाए तो पोर्टल पर करीब 30 फीसदी रिक्त पदों की सही जानकारी दर्ज ही नहीं थी। कुल 1073 पदों के संबंध में कोई ब्यौरा ही नहीं था। यही वजह रही कि आवेदकों को खाली पदों की जानकारी जुटाने स्कूल दर स्कूल भटकना पड़ा, जो दर्जनों स्कूल भटकते रहे वे जरूर ज्वाइनिंग पा गए। अतिथि भर्ती से लेकर शिक्षकों की हाजिरी तक को ऑनलाइन करने पर तुले शिक्षा विभाग अतिथि शिक्षक भर्ती जैसी छोटी सी प्रक्रिया की सही जानकारी तक पोर्टल पर नहीं जुटा पाया। ऐसे में ऑनलाइन जानकारी को सही मानकर बैठे रहे कई बेरोजगार उच्च शिक्षित होने के बाद भी बेरोजगार ही रह गए, क्योंकि कई जगह जहां पद खाली थे, वे वहां गए ही नहीं। कुछ जगहों पर ऐसी शिकायतें भी आई हैं, जहां करीबी और जान पहचान वाले लोगों को अतिथि शिक्षक नियुक्त कर दिया गया।