भोपाल। संविदा कर्मचारियों की ओर से अपनी मांगों को
लेकर चल रहे आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री ने उनसे मुलाकत की। जिसके बाद ढाई
लाख संविदा कर्मचारियों को नए साल पर एक खास तोहफा मिलता दिखाई दे रहा है।
यह तोहफा मध्यप्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों को नए साल पर संविलियन यानी रेग्युलर करने के रूप में हो सकता है।
दरअसल पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे संविदा कर्मचारियों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुलाकर बातचीत की। ये कर्मचारी मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बैनर तले उन्हें रेग्युलर करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे।
हर रोज निकाल रहे पदयात्रा:
दरअसल अपनी मांगों को लेकर संविदा कर्मचारियों के द्वारा 20 नवम्बर से पदयात्रा निकाली जा रही है।
इस दौरान नाराज संविदाकर्मी और ग्राम रोजगार सहायक सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर ग्राम रोजगार सहायकों ने 30 नवंबर को विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी भी दी।
इस पदयात्रा के दौरान हर रोज मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बैनर तले पदयात्रा निकाली जा रही है। इससे पूर्व कुछ समय पहले ही आंदोलन के दूसरे चरण में आंबेडकर मैदान में धरना दिया गया था। महासंघ ने 5 नवंबर को आंबेडकर मैदान में धरना दिया था। इसमें प्रदेश भर से आए संविदा कर्मचारी शामिल हुए थे। इसके साथ ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल भी यहां धरने में पहुंचे थे।
संविदा कर्मचारियों के चरणबद्ध आंदोलन के तीसरे चरण में रोजाना पदयात्रा करना व इस दौरान सीएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिस रास्ते से निकलते हैं वहां गुलाब पंखुडि़यां बिछाना शामिल रहा। साथ ही पिछले दिनों आंदोलन के चलते उनकी ओर से अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते समय गुलाब का फूल और तुलसी का पौधा भी सौपा गया।
सीएम हाउस में हुई मुलाकात...
मंगलवार को सीएम हाउस से महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर को बातचीत के लिए बुलावा आया। बुधवार सुबह महासंघ का प्रतिनिधिमंडल सीएम हाउस पहुंचा था। बातचीत में पदाधिकारियों ने जीएडी द्वारा चार साल पहले बनाई गई नीति पर चर्चा की गई। इसके अलावा यहां विभिन्न परियोजनाओं और विभागों से निकाले गए कर्मचारियों को बहाल करने पर भी बातचीत हुई।
संविदा कर्मचारी प्रमुख विभाग व प्रोजक्ट अनुसार :
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास- 35 हजार
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन- 18140
- ऊर्जा विभाग यानी बिजली कंपनियों में- 9103
- राज्य शिक्षा केंद्र - 2541
- निगम- मंडलों में - 9998
यह तोहफा मध्यप्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों को नए साल पर संविलियन यानी रेग्युलर करने के रूप में हो सकता है।
दरअसल पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे संविदा कर्मचारियों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुलाकर बातचीत की। ये कर्मचारी मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बैनर तले उन्हें रेग्युलर करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे।
हर रोज निकाल रहे पदयात्रा:
दरअसल अपनी मांगों को लेकर संविदा कर्मचारियों के द्वारा 20 नवम्बर से पदयात्रा निकाली जा रही है।
इस दौरान नाराज संविदाकर्मी और ग्राम रोजगार सहायक सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर ग्राम रोजगार सहायकों ने 30 नवंबर को विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी भी दी।
इस पदयात्रा के दौरान हर रोज मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बैनर तले पदयात्रा निकाली जा रही है। इससे पूर्व कुछ समय पहले ही आंदोलन के दूसरे चरण में आंबेडकर मैदान में धरना दिया गया था। महासंघ ने 5 नवंबर को आंबेडकर मैदान में धरना दिया था। इसमें प्रदेश भर से आए संविदा कर्मचारी शामिल हुए थे। इसके साथ ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल भी यहां धरने में पहुंचे थे।
संविदा कर्मचारियों के चरणबद्ध आंदोलन के तीसरे चरण में रोजाना पदयात्रा करना व इस दौरान सीएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिस रास्ते से निकलते हैं वहां गुलाब पंखुडि़यां बिछाना शामिल रहा। साथ ही पिछले दिनों आंदोलन के चलते उनकी ओर से अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते समय गुलाब का फूल और तुलसी का पौधा भी सौपा गया।
सीएम हाउस में हुई मुलाकात...
मंगलवार को सीएम हाउस से महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर को बातचीत के लिए बुलावा आया। बुधवार सुबह महासंघ का प्रतिनिधिमंडल सीएम हाउस पहुंचा था। बातचीत में पदाधिकारियों ने जीएडी द्वारा चार साल पहले बनाई गई नीति पर चर्चा की गई। इसके अलावा यहां विभिन्न परियोजनाओं और विभागों से निकाले गए कर्मचारियों को बहाल करने पर भी बातचीत हुई।
संविदा कर्मचारी प्रमुख विभाग व प्रोजक्ट अनुसार :
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास- 35 हजार
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन- 18140
- ऊर्जा विभाग यानी बिजली कंपनियों में- 9103
- राज्य शिक्षा केंद्र - 2541
- निगम- मंडलों में - 9998