मंडला। नईदुनिया प्रतिनिधि जिले में कई सरकारी स्कूलों में बच्चों
की संख्या के अनुपात में उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों की भारी कमी है। इस
कमी को अतिथि शिक्षकों की भर्ती करके पूरा किया जाता है लेकिन देखने में आ
रहा है कि जिले में अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की गति रफ्तार नहीं
पकड़ पा रही है।
24 जून से सरकारी स्कूल शुरू हो चुके हैं ऐसे में जब बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं तो उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक न होने से उनका मन स्कूल में नहीं लग पा रहा है।
पूर्व में ही सुधार ली जाएं व्यवस्थाएं -कई लोगों का कहना था कि जून माह की समाप्ति पर स्कूल शुरू हो चुके हैं जुलाई माह के लगते ही पढ़ाई सुचारू रूप से होना चाहिए ऐसा नहीं होने से समय में कोर्स पूरा होना मुश्किल हो जाता है। जिसके लिए जरूरी है कि जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है वहां समय रहते अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जाए ताकि जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक मौजूद हो।
अन्य व्यवस्थाओं में हो सुधार -सरकारी
स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या बढ़ाने, पढ़ाई के प्रति रूचि जागृत करने
के लिए तरह-तरह की योजनाएं संचालित की जा रही हैं देखा जाता है कि शासन की
योजनाओं का सही क्रियान्वयन संबंधित अधिकारी नहीं करा पाते हैं जिससे कई
सरकारी स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या साल दर साल कम हो रही है। इसलिए
मध्या- भोजन का भी नहीं हो रही सही ढंग से संचालन -मिड-डे मील का सही संचालन किया जाए, छात्रावासों में चल रही मनमानी व धांधली को रोकने के लिए कड़े दिशा-निर्देशा जारी किए जाएं। अटैचमेंट और अप-डाउन की समस्या से निजात दिलाई जाए, शिक्षकों को छात्रावास से मुक्त किया जाए जैसे कदम अभी से यदि उठाए जाते हैं तो बच्चे अपनी पढ़ाई में नियमित और सुचारू रूप से जारी रख सकते हैं।
24 जून से सरकारी स्कूल शुरू हो चुके हैं ऐसे में जब बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं तो उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक न होने से उनका मन स्कूल में नहीं लग पा रहा है।
पूर्व में ही सुधार ली जाएं व्यवस्थाएं -कई लोगों का कहना था कि जून माह की समाप्ति पर स्कूल शुरू हो चुके हैं जुलाई माह के लगते ही पढ़ाई सुचारू रूप से होना चाहिए ऐसा नहीं होने से समय में कोर्स पूरा होना मुश्किल हो जाता है। जिसके लिए जरूरी है कि जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है वहां समय रहते अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जाए ताकि जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक मौजूद हो।
मध्या- भोजन का भी नहीं हो रही सही ढंग से संचालन -मिड-डे मील का सही संचालन किया जाए, छात्रावासों में चल रही मनमानी व धांधली को रोकने के लिए कड़े दिशा-निर्देशा जारी किए जाएं। अटैचमेंट और अप-डाउन की समस्या से निजात दिलाई जाए, शिक्षकों को छात्रावास से मुक्त किया जाए जैसे कदम अभी से यदि उठाए जाते हैं तो बच्चे अपनी पढ़ाई में नियमित और सुचारू रूप से जारी रख सकते हैं।