गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में नि:शुल्क प्रवेश प्रक्रिया शुरू
हो गई। आरटीई के तहत प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 29 मई तक
चलेगी। इस बार जिले में 170 निजी स्कूलों में 1801 सीटों पर बच्चों को पहली
कक्षा में प्रवेश मिलेगा। पिछले साल की तुलना में इस बार 2 स्कूल और 401
सीटें बढ़ाई गई है।
गत वर्ष जिले के तीनों ब्लॉक में 168 निजी स्कूल में 1400 बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश मिला था। नए शिक्षा सत्र के लिए अपने बच्चे को एडमिशन दिलाने अभिभावक एमपी ऑनलाइन कैफे में फार्म भरने और बीआरसी कार्यालय पर पूछताछ करने पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि पालकों को सीमा क्षेत्र में संचालित निजी स्कूल चुनने का विकल्प दिया गया है। अभिभावक अपनी सुविधा से किसी भी स्कूल का नाम चुन सकते हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर पहली कक्षा में गरीब तबके के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत अजा, अजजा, वनभूमि के पट्टाधारी परिवार, विमुक्त जाति, दिव्यांग बच्चे (मेडिकल बोर्ड से जारी प्रमाण-पत्र अनुसार), एचआईवी ग्रस्त बच्चें, गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवार के बच्चें एवं अनाथ बच्चें इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। आरटीई के तहत ऐसे बच्चे को प्राइवेट स्कूल में एडमिशन दिया जाता है जो प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने की सोचते हैं, लेकिन फीस अधिक होने के कारण पढ़ा नहीं पाते हैं। गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालय में जो आवेदक के ग्राम या वार्ड, पड़ोस तथा विस्तारित पड़ोस में उपलब्ध है तथा ऑनलाइन पोर्टल पद दर्ज विकल्पों में प्रदर्शित हो रहा है। उन विद्यालयों में प्रवेश ले सकते हैं।
कक्षा पहली या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश का प्रावधान है। प्रवेश के लिए आवेदन एजूकेशन पोर्टल पर ऑनलाइन किया जा रहा है। स्कूल में कक्षा 1 में जितनी सीटें हैं उनकी 25 फीसदी सीटों पर आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन देना अनिवार्य है। इस बार ऐसे स्कूलों पर नजर रखी जाएगी। जो आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन देने में कतराते हैं।
आरटीई के तहत 170 निजी स्कूलों में 1801 बच्चों को मुफ्त प्रवेश की प्रक्रिया शुरू
आरटीई के तहत आवेदन के लिए एमपी ऑनलाइन सेंटर पर अभिभावक।
ऑनलाइन आवेदन के लिए ये दस्तावेज जरूरी
आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूल में बच्चे के निशुल्क प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन भरते समय समग्र आईडी, आधार कार्ड, जन्म, जाति प्रमाण पत्र आवश्यक है। वहीं अजा-अजजा वर्ग के बच्चों के लिए जाति प्रमाण पत्र तथा बीपीएल परिवार के बच्चे के लिए बीपीएल राशनकार्ड जैसे दस्तावेज जरूर ले जाएं।
चुनाव में ड्यूटी लगने से प्रभावित हुआ सर्वे कार्य
1400 शिक्षक चुनाव में व्यस्त, बच्चों का सर्वे शुरू नहीं
जिले के सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए बच्चों को खोजने का काम शुरू नहीं हो सका है। लोकसभा चुनाव में 1400 शिक्षकों की ड्यूटी लगने के कारण सर्वे कार्य प्रभावित हो गया है। हालांकि 30 अप्रैल से सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों का ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गया है। एक मई से शिक्षकों को घर- घर जाकर 6 से 14 साल उम्र के ड्रॉप आउट बच्चों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्र से निकलने वाले बच्चों को चिह्नित करना था। लेकिन ज्यादातर शिक्षकों के साथ ही विभागीय अधिकारी चुनाव कार्य में व्यस्त हो गए हैं। चुनाव के कारण बच्चों का सर्वे नहीं हो सका है। जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि 12 मई को मतदान के बाद श्योपुर, विजयपुर एवं कराहल ब्लॉक में एक साथ बच्चों का सर्वे शुरू किया जाएगा। संकुल केंद्रों के अधीन शिक्षा विभाग की टीमें बनाकर गांव गांव प्रवेश के लिए बच्चों की सूची तैयार की जाएगी।इसके बाद 15 जून से स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाकर बच्चों को एडमिशन दिए जाएंगे।
गत वर्ष जिले के तीनों ब्लॉक में 168 निजी स्कूल में 1400 बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश मिला था। नए शिक्षा सत्र के लिए अपने बच्चे को एडमिशन दिलाने अभिभावक एमपी ऑनलाइन कैफे में फार्म भरने और बीआरसी कार्यालय पर पूछताछ करने पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि पालकों को सीमा क्षेत्र में संचालित निजी स्कूल चुनने का विकल्प दिया गया है। अभिभावक अपनी सुविधा से किसी भी स्कूल का नाम चुन सकते हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर पहली कक्षा में गरीब तबके के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत अजा, अजजा, वनभूमि के पट्टाधारी परिवार, विमुक्त जाति, दिव्यांग बच्चे (मेडिकल बोर्ड से जारी प्रमाण-पत्र अनुसार), एचआईवी ग्रस्त बच्चें, गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवार के बच्चें एवं अनाथ बच्चें इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। आरटीई के तहत ऐसे बच्चे को प्राइवेट स्कूल में एडमिशन दिया जाता है जो प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने की सोचते हैं, लेकिन फीस अधिक होने के कारण पढ़ा नहीं पाते हैं। गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालय में जो आवेदक के ग्राम या वार्ड, पड़ोस तथा विस्तारित पड़ोस में उपलब्ध है तथा ऑनलाइन पोर्टल पद दर्ज विकल्पों में प्रदर्शित हो रहा है। उन विद्यालयों में प्रवेश ले सकते हैं।
कक्षा पहली या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश का प्रावधान है। प्रवेश के लिए आवेदन एजूकेशन पोर्टल पर ऑनलाइन किया जा रहा है। स्कूल में कक्षा 1 में जितनी सीटें हैं उनकी 25 फीसदी सीटों पर आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन देना अनिवार्य है। इस बार ऐसे स्कूलों पर नजर रखी जाएगी। जो आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन देने में कतराते हैं।
आरटीई के तहत 170 निजी स्कूलों में 1801 बच्चों को मुफ्त प्रवेश की प्रक्रिया शुरू
आरटीई के तहत आवेदन के लिए एमपी ऑनलाइन सेंटर पर अभिभावक।
ऑनलाइन आवेदन के लिए ये दस्तावेज जरूरी
आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूल में बच्चे के निशुल्क प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन भरते समय समग्र आईडी, आधार कार्ड, जन्म, जाति प्रमाण पत्र आवश्यक है। वहीं अजा-अजजा वर्ग के बच्चों के लिए जाति प्रमाण पत्र तथा बीपीएल परिवार के बच्चे के लिए बीपीएल राशनकार्ड जैसे दस्तावेज जरूर ले जाएं।
चुनाव में ड्यूटी लगने से प्रभावित हुआ सर्वे कार्य
1400 शिक्षक चुनाव में व्यस्त, बच्चों का सर्वे शुरू नहीं
जिले के सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए बच्चों को खोजने का काम शुरू नहीं हो सका है। लोकसभा चुनाव में 1400 शिक्षकों की ड्यूटी लगने के कारण सर्वे कार्य प्रभावित हो गया है। हालांकि 30 अप्रैल से सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों का ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गया है। एक मई से शिक्षकों को घर- घर जाकर 6 से 14 साल उम्र के ड्रॉप आउट बच्चों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्र से निकलने वाले बच्चों को चिह्नित करना था। लेकिन ज्यादातर शिक्षकों के साथ ही विभागीय अधिकारी चुनाव कार्य में व्यस्त हो गए हैं। चुनाव के कारण बच्चों का सर्वे नहीं हो सका है। जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि 12 मई को मतदान के बाद श्योपुर, विजयपुर एवं कराहल ब्लॉक में एक साथ बच्चों का सर्वे शुरू किया जाएगा। संकुल केंद्रों के अधीन शिक्षा विभाग की टीमें बनाकर गांव गांव प्रवेश के लिए बच्चों की सूची तैयार की जाएगी।इसके बाद 15 जून से स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाकर बच्चों को एडमिशन दिए जाएंगे।