बैतूल (एमपी)। जब लोग साल 2018 की विदाई और 2019 के स्वागत की
तैयारी कर रहे थे। इस बीच रोजगार नहीं मिलने से परेशान युवक ने आत्महत्या
कर ली। चंद्रशेखर वार्ड में किराए के मकान में रहने वाले युवक
ने फांसी लगाने से पहले हाथ पर ब्लेड से परिवार वालों के लिए सॉरी लिखा और
2019 के आगमन के पहले रात 11 बजे फांसी लगाकर जान दे दी।
टेबल पर शराब की बोतल और नमकीन भी पड़ा था। युवक के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस जांच कर रही है। मृतक के दोस्त का कहना है वह रोजगार नहीं होने से परेशान था। कहता था कि मेरे सब दोस्तों की नौकरी लग गई, लेकिन मैं बेरोजगार घूम रहा हूं।
खिड़की खोलकर देखा तो वो पाइप पर रस्सी से लटका हुआ था
कोतवाली थाने के चंद्रशेखर वार्ड सदर में धर्मेंद्र (28) दोस्त चंदू नरवरे के साथ किराए के मकान में रहता था। जिला अस्पताल में गार्ड की ड्यूटी कर जब चंदू रात 11 बजे रूम पर पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था। आवाज लगाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो धर्मेंद्र के मोबाइल पर कॉल किया। उसके फोन नहीं उठाने पर पड़ोस के पवन और प्रमोद को दरवाजा नहीं खुलने की बात बताई। इसके बाद तीनों ने रूम के बगल की खिड़की से देखा तो धर्मेंद्र रस्सी से लटका था। इसकी सूचना चंदू ने पुलिस को दी।
धर्मेंद्र कहता था: सभी दोस्तों की लग गई नौकरी, मैं घर में बड़ा होने के बाद भी बेरोजगार घूम रहा हूं
चंदू ने बताया- धर्मेंद्र ने बीएड किया था। नौकरी नहीं लगने से वह परेशान था। वह एक कोचिंग संस्थान से शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहा था। धर्मेंद्र अक्सर मुझसे बोलता था कि उसके सभी दोस्तों एवं रिश्तेदारों की नौकरी लग गई है। मैं घर का सबसे बड़ा बेटा हूं, उसके बाद भी बेरोजगार घूम रहा हूं।
टेबल पर रखी थी शराब की बोतल और नमकीन
टीआई अनिल कुमार पुरोहित ने बताया- धर्मेंद्र ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा। उसके कमरे की तलाशी लेने के बाद कोई सुराग हाथ नहीं लगा, जिससे उसके आत्महत्या करने की जानकारी सामने आ सके। मृतक के कमरे में शराब की बोतल, नमकीन और ब्लेड मिली है। इस ब्लेड से धर्मेंद्र ने फांसी लगाने के पहले सॉरी लिखा था। पुलिस मोबाइल की कॉल डिटेल निकाल रही है। धर्मेंद्र ने आत्महत्या के पहले हाथ पर सॉरी क्यों लिखा एवं आत्महत्या क्यों की इसकी पड़ताल कर रही है।
टेबल पर शराब की बोतल और नमकीन भी पड़ा था। युवक के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस जांच कर रही है। मृतक के दोस्त का कहना है वह रोजगार नहीं होने से परेशान था। कहता था कि मेरे सब दोस्तों की नौकरी लग गई, लेकिन मैं बेरोजगार घूम रहा हूं।
खिड़की खोलकर देखा तो वो पाइप पर रस्सी से लटका हुआ था
कोतवाली थाने के चंद्रशेखर वार्ड सदर में धर्मेंद्र (28) दोस्त चंदू नरवरे के साथ किराए के मकान में रहता था। जिला अस्पताल में गार्ड की ड्यूटी कर जब चंदू रात 11 बजे रूम पर पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था। आवाज लगाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो धर्मेंद्र के मोबाइल पर कॉल किया। उसके फोन नहीं उठाने पर पड़ोस के पवन और प्रमोद को दरवाजा नहीं खुलने की बात बताई। इसके बाद तीनों ने रूम के बगल की खिड़की से देखा तो धर्मेंद्र रस्सी से लटका था। इसकी सूचना चंदू ने पुलिस को दी।
धर्मेंद्र कहता था: सभी दोस्तों की लग गई नौकरी, मैं घर में बड़ा होने के बाद भी बेरोजगार घूम रहा हूं
चंदू ने बताया- धर्मेंद्र ने बीएड किया था। नौकरी नहीं लगने से वह परेशान था। वह एक कोचिंग संस्थान से शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहा था। धर्मेंद्र अक्सर मुझसे बोलता था कि उसके सभी दोस्तों एवं रिश्तेदारों की नौकरी लग गई है। मैं घर का सबसे बड़ा बेटा हूं, उसके बाद भी बेरोजगार घूम रहा हूं।
टेबल पर रखी थी शराब की बोतल और नमकीन
टीआई अनिल कुमार पुरोहित ने बताया- धर्मेंद्र ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा। उसके कमरे की तलाशी लेने के बाद कोई सुराग हाथ नहीं लगा, जिससे उसके आत्महत्या करने की जानकारी सामने आ सके। मृतक के कमरे में शराब की बोतल, नमकीन और ब्लेड मिली है। इस ब्लेड से धर्मेंद्र ने फांसी लगाने के पहले सॉरी लिखा था। पुलिस मोबाइल की कॉल डिटेल निकाल रही है। धर्मेंद्र ने आत्महत्या के पहले हाथ पर सॉरी क्यों लिखा एवं आत्महत्या क्यों की इसकी पड़ताल कर रही है।