होशंगाबाद। शिक्षा विभाग के द्वारा युक्तियुक्त करण की प्रक्रिया के
चलते च्वाइश के लिए 8अगस्त तक का समय दिया था। लेकिन पोर्टल में हर कभी आने
वाली समस्या के कारण तथा स्कूलों की पोर्टल पर सही स्थिति नहीं होने से कई
शिक्षक गफलत में हैं। कई शिक्षक अपनी पंसद की शाला का चयन करने में पिछड़
गए थे।
अब अगले सप्ताह में अतिशेष शिक्षकों के नाम रिक्त शालाओं के अनुसार घोषित हो जाएंगे। इस कारण् से भी अनेक दिक्कतों का सामना करना पढ़ेगा। क्योंकि जिन शिक्षकों ने पोर्टल पर शाला में रिक्त स्थान देखा और उस शाला का नाम च्वाइश में डाल दिया और वास्तव में उस शाला में रिक्त स्थान था ही नहीं। ऐसे स्थानों पर जब अतिशेष शिक्षक ज्यानिंग के लिए जाएंगे तब उनके सामने संकट पैदा होगा। शिक्षा विभाग के द्वारा अतिशेष शिक्षकों के लिए बार-बार कवायद के बाद 396अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाई है। इस सूची में 310 प्राथमिक शाला के और 86 माध्यमिक शाला के अतिशेष शिक्षकों नाम शामिल किए है । इन अतिशेष शिक्षकों को अपनी च्वाइश के लिए 20शालाओं के नाम आवेदन में भरने थे। 8अगस्त तक अनेक अतिशेष शिक्षकों ने च्वाइस के अनुसार स्कूलों के नाम दर्ज कर दिए हैं। अब 16अगस्त के बाद रिक्त शाला में पदस्थापना के लिए भेज जाना है। वहां पर पद रिक्त हैं या नहीं इस बात को लेकर फिर बहस छिडना तय है। इस कारण सूची में जिन अतिशेष शिक्षकों के नाम आ चुके हैं। उन्हें शाला चयन करने में मुश्किल हुई है। क्योंकि विभाग के पोर्टल पर सही जानकारी नहीं होने से शिक्षक च्वाइश के अनुसार शाला का नाम भरने में भ्रमित रहे।
विसंगतियों से बिगाड़ी व्यवस्था
अतिशेष शिक्षकों की फायनल सूची जारी करते समय अनेक विसंगतियां सामने आई हैं। यहां मुख्य रूप से मृतकों के नाम सहित सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों के नाम तक आने तथा जो नियमावली बनी थी उसके विरुद्घ नाम दिए जाने से कई ऐसे शिक्षकों के नाम भी अतिशेष की सूची में आ गए जो वास्तविक रूप से अतिशेष नहीं हैं। फिर भी वे अतिशेष हो गए हैं। इसके अलावा जिन शालाओं में रिक्त पद नहीं है। उन शालाओं में रिक्त पद बताने जैसी तमाम विसंगतियों के कारण व्यवस्था बिगड़ी है।
अब करनी पड़ेगी अपील
शिक्षा विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षक हुए शिक्षकों को च्वाइश भरने के बाद एक मौका उन्हें अपनी बात रखने का कलेक्टर के समक्ष अपील का मौका मिलेगा। जिसमें वे नियमों के अनुसार अतिशेष नहीं हैं। लेकिन विसंगतियों के कारण उनका नाम सूची में आने पर उन्हें अन्य शाला में भेजा जाएगा। ऐसे ही शिक्षक अपील कर पाएंगे। शिक्षक नेताओं ने अतिशेष की सूची में विसंगति उजागर की हैं। जिसमें संघ के भुनेश्वर दुबे, अजय दुबे, अखिलेश दुबे, शैलेंद्र तोमर और उमेश ठाकुर ने कहा है कि शासन स्तर से जो सूची डाली गई है उसे देखकर ऐसा लगता है कि जानबूझ कर लापरवाही की गई है शिक्षकों को परेशान होना पड़ेगा।
इनका कहना है
युक्तियुक्त करण की प्रक्रिया ऑनलाइन हुई है। अतिशेष शिक्षकों ने अपनी च्वाइश के अनुसार शालाओं के लिए आवेदन कर दिए हैं। अब आने वाले सप्ताह में अतिशेष शिक्षकों के लिए शालाओं के नाम तय हो जाएंगे। यह कार्रवाई भी पोर्टल के माध्यम से होगी। सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है। जिनका गलत नाम आया होगा उन्हें अपील करने का मौका मिलेगा। लेकिन यह मौका उन्हें ही मिलेगा जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन किए हैं।
अरविंद चौरगढे डीईओ
अब अगले सप्ताह में अतिशेष शिक्षकों के नाम रिक्त शालाओं के अनुसार घोषित हो जाएंगे। इस कारण् से भी अनेक दिक्कतों का सामना करना पढ़ेगा। क्योंकि जिन शिक्षकों ने पोर्टल पर शाला में रिक्त स्थान देखा और उस शाला का नाम च्वाइश में डाल दिया और वास्तव में उस शाला में रिक्त स्थान था ही नहीं। ऐसे स्थानों पर जब अतिशेष शिक्षक ज्यानिंग के लिए जाएंगे तब उनके सामने संकट पैदा होगा। शिक्षा विभाग के द्वारा अतिशेष शिक्षकों के लिए बार-बार कवायद के बाद 396अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाई है। इस सूची में 310 प्राथमिक शाला के और 86 माध्यमिक शाला के अतिशेष शिक्षकों नाम शामिल किए है । इन अतिशेष शिक्षकों को अपनी च्वाइश के लिए 20शालाओं के नाम आवेदन में भरने थे। 8अगस्त तक अनेक अतिशेष शिक्षकों ने च्वाइस के अनुसार स्कूलों के नाम दर्ज कर दिए हैं। अब 16अगस्त के बाद रिक्त शाला में पदस्थापना के लिए भेज जाना है। वहां पर पद रिक्त हैं या नहीं इस बात को लेकर फिर बहस छिडना तय है। इस कारण सूची में जिन अतिशेष शिक्षकों के नाम आ चुके हैं। उन्हें शाला चयन करने में मुश्किल हुई है। क्योंकि विभाग के पोर्टल पर सही जानकारी नहीं होने से शिक्षक च्वाइश के अनुसार शाला का नाम भरने में भ्रमित रहे।
विसंगतियों से बिगाड़ी व्यवस्था
अतिशेष शिक्षकों की फायनल सूची जारी करते समय अनेक विसंगतियां सामने आई हैं। यहां मुख्य रूप से मृतकों के नाम सहित सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों के नाम तक आने तथा जो नियमावली बनी थी उसके विरुद्घ नाम दिए जाने से कई ऐसे शिक्षकों के नाम भी अतिशेष की सूची में आ गए जो वास्तविक रूप से अतिशेष नहीं हैं। फिर भी वे अतिशेष हो गए हैं। इसके अलावा जिन शालाओं में रिक्त पद नहीं है। उन शालाओं में रिक्त पद बताने जैसी तमाम विसंगतियों के कारण व्यवस्था बिगड़ी है।
अब करनी पड़ेगी अपील
शिक्षा विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षक हुए शिक्षकों को च्वाइश भरने के बाद एक मौका उन्हें अपनी बात रखने का कलेक्टर के समक्ष अपील का मौका मिलेगा। जिसमें वे नियमों के अनुसार अतिशेष नहीं हैं। लेकिन विसंगतियों के कारण उनका नाम सूची में आने पर उन्हें अन्य शाला में भेजा जाएगा। ऐसे ही शिक्षक अपील कर पाएंगे। शिक्षक नेताओं ने अतिशेष की सूची में विसंगति उजागर की हैं। जिसमें संघ के भुनेश्वर दुबे, अजय दुबे, अखिलेश दुबे, शैलेंद्र तोमर और उमेश ठाकुर ने कहा है कि शासन स्तर से जो सूची डाली गई है उसे देखकर ऐसा लगता है कि जानबूझ कर लापरवाही की गई है शिक्षकों को परेशान होना पड़ेगा।
इनका कहना है
युक्तियुक्त करण की प्रक्रिया ऑनलाइन हुई है। अतिशेष शिक्षकों ने अपनी च्वाइश के अनुसार शालाओं के लिए आवेदन कर दिए हैं। अब आने वाले सप्ताह में अतिशेष शिक्षकों के लिए शालाओं के नाम तय हो जाएंगे। यह कार्रवाई भी पोर्टल के माध्यम से होगी। सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है। जिनका गलत नाम आया होगा उन्हें अपील करने का मौका मिलेगा। लेकिन यह मौका उन्हें ही मिलेगा जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन किए हैं।
अरविंद चौरगढे डीईओ