भोपाल.
डिजिटल इंडिया यानी हर काम ऑनलाइन। देशभर में बिजली बिल भरने से लेकर
छात्रों के कॉलेज में एडमिशन, ई-लाइब्रेरी और स्मार्ट क्लास से अध्ययन। सब
ऑनलाइन करने की कवायद चल रही है। डिजिटलाइजेशन के तहत स्मार्ट क्लास को
बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने पावर फॉर ऑल स्कीम शुरू की है, लेकिन
मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग और बिजली कंपनी की लापरवाही के कारण
करीब 1,415 हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में बिजली पहुंची ही नहीं है।
बार-बार मांग के बावजूद इन स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं दिए गए हैं।
इससे शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा हैं।
16 जिले में 679 स्कूल अंधेरे में
मध्यक्षेत्र
विद्युत वितरण कंपनी की 12 सर्किल के 16 जिले में करीब 679 हाईस्कूल और
हायर सेकंडरी स्कूल में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। इन स्कूलों में बिजली
कनेक्शन देने की कवायद जुलाई 2015 में शुरू हुई थी। बिजली कंपनी ने उस समय
तर्क दिया कि जिन ट्रांसफार्मर से स्कूलों को बिजली कनेक्शन दिए जाने हैं,
उन पर कनेक्शन की संख्या पहले से ही ज्यादा है।
सरकारी स्कूलों से कम हो रहा रुझान
बिजली,
पानी और फर्नीचर जैसी सुविधाएं नहीं मिलने के कारण सरकारी स्कूलों से
स्टूडेंट्स और अभिभावकों का रुझान कम हो रहा है। अभिभावक सरकारी स्कूल के
बजाय बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना पसंद कर रहे हैं। इससे सरकारी
स्कूलों में हर साल औसतमन 10 से 15 फीसदी स्टूडेंट्स की संख्या कम हो रही
है।
जून तक देंगे कनेक्शन
बिजली
विहीन सरकारी स्कूलों में बिद्युत कनेक्शन देने की रूपरेखा बना ली गई है।
जून महीने के अंत तक सभी शासकीय स्कूलों में बिजली कनेक्शन लगा दिए जाएंगे।
इन स्कूलों में केवल कनेक्शन नहीं देने हैं, बल्कि कुछ जगह ट्रांसफार्मर
भी लगाए जाने हैं। हमने एस्टीमेट तैयार करा लिए हैं। इसके अनुसार ही काम
शुरू होगा।
- आरएस श्रीवास्तव, निदेशक, तकनीकि मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी, भोपाल