Advertisement

शिक्षा के मंदिर में 'तीसरी आंख' का गोलमाल

करेली। नईदुनिया न्यूज
प्रदेश सरकार शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए सतत प्रयास कर रही है, जिसके लिए लगातार योजनाएं चलाई जा रही हैं। परंतु यह योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी कारगर सिद्ध होती है, इससे न तो सरकार को मतलब है न ही संबंधित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी कोई मतलब रखते हैं।
ऐसा ही मामला स्थानीय उत्कृष्ट स्कूल में देखने को मिल रहा है। यह वहीं स्कूल है, जिससे सन्‌ 2005 में उत्कृष्ट विद्यालय की श्रेणी में लाया गया था। जिससे ग्रामीण एवं शहरी बच्चों को पढ़ाई की उत्कृष्ट सुविधाएं मिल सके। इसी के साथ विद्यालय को कम्प्यूटर, सीसीटीवी कैमरे एवं अन्य आधुनिक उपकरण भी दिए गए थे लेकिन समय बीतते ही ये उपकरण कब कबाड़ में तब्दील हो गए इसकी जानकारी स्कूल के किसी भी शिक्षक को भी नहीं है।
35 हजार में लगे थे 5 कैमरे
सन्‌ 2005 में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए करेली के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक शाला को उत्कृष्ट विद्यालय घोषित कर यहां 5 सीसीटीवी कैमरे और कम्प्यूटर दिए गए थे जो समय बीतने के साथ खराब हो गए। सन्‌ 2005 में तत्कालीन प्राचार्य पीके लाजरस ने बताया कि लगभग 35 हजार के 5 कैमरे स्कूल के कमरों में लगाए गए थे फिर स्थानांतरण के बाद अगले प्राचार्य को नियमानुसार दायित्व सौंपकर वहां से आ गया। तब तक स्कूल में कैमरे लगे हुए थे। जो कि वर्तमान में नहीं लगे हैं।
जिम्मेदारों को नहीं जानकारी
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में लगे इन कैमरों की जानकारी प्राचार्य, प्रभारी प्राचार्य और वर्तमान स्टाफ के ज्यादातर लोगों को ही नहीं है। ज्यादातर शिक्षकों को पता ही नहीं है कि कभी यहां कैमरे लगे थे, जबकि स्टॉफ के कुछ लोगों ने यह माना कि एक या दो वर्ष तक तो कैमरे संचालित हुए थे फिर तकनीकी खराबी के कारण सुधार कार्य और स्कूल की मरम्मत एवं रंगरोगन के लिए कैमरे निकलवाए गए थे जिसके बाद वह अब तक नहीं लगे। धीरे-धीरे निगरानी करने वाले ज्यादातर कैमरे गायब हो गए। वहीं जो एक कैमरा बचा हुआ है वह भी काम नहीं कर रहा है। इससे समझा जा सकता है कि कैमरे खराब हुए हैं या गायब हो गए।
कैमरे से रुकेगी शिक्षकों की मनमानी
स्कूल के कुछ शिक्षक शिक्षिकाओं और प्रतिभावान बच्चे भी चाहते हैं कि स्कूल कैम्पस और कमरों में कैमरे पुनः लगवाए जाएं जिससे पढ़ाई के स्तर में सुधार होगा। नियमित प्रायोगिक और सैटेलाइट कक्षाएं भी समय पर संचालित होंगी। इसके अलावा स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था, लेटलतीफी, नदारत और मनमानी करने वाले शिक्षक कैमरे की कैद में रहेंगे। इसके साथ ही बच्चों की पढ़ाई पर भी आसानी से नजर रखी जा सकेगी। साथ ही स्कूल एवं कैम्पस में अन्य गतिविधियों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।
व्यवस्थाओं के नाम पर भड़कते हैं प्रभारी प्राचार्य
उत्कृष्ट विद्यालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं के संबंध में जब भी प्रभारी प्राचार्य से बात की जाती है तो वह झल्लाते हुए कहते हैं कि भैया जैसे बन रओ है, वैसो कर रये हैं, चला तो रये हैं। किसी भी जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी का ऐसा जवाब उनकी कार्यशैली को दर्शाता है।
फंड है, फिर भी नहीं लगे कैमरे
स्कूल में कैमरे संबंधी चर्चा जब प्रभारी प्राचार्य से की गई तो उन्होंने पुराने कैमरे मरम्मत के बाद क्यों नहीं लगवाए और नए कैमरे फंड नहीं होने के कारण नहीं लग पाए, यह जरूर बताया। जबकि स्कूल से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कूल में कैमरे लगाने के लिए पर्याप्त फंड है। इससे पूरे परिसर में लगभग 16 कैमरे लगाए जाना है। परंतु स्कूल प्रबंधन द्वारा नए कैमरे लगाए जाने के लिए किसी भी प्रकार की पहल शुरू नहीं की गई है और प्रभारी प्राचार्य के द्वारा फंड न होने की बात भी संदेह पैदा करता है और उनकी लचर कार्यप्रणाली को भी उजागर करता है।
स्थाई प्राचार्य हो तो बदलेगी स्कूल की किस्मत
वर्षों से यह स्कूल बगैर स्थाई प्राचार्य के चल रहा है और किसी संस्थान का बगैर किसी स्थाई प्रतिनिधित्व के संचालन किया जाता है तो वह बद से बदतर की स्थिति में पहुंच जाता है, यहीं हाल नगर के उत्कृष्ट स्कूल का है। यहां का प्राचार्य पद वर्षों से प्रभार में ही चल रहा है। सूत्रों के प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रभारी प्राचार्य द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को दो बार पत्र लिखकर प्रभार मुक्त करने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद इन्हें जस के तस रखा जा रहा है।
.........
स्कूल में चार कैमरे लगे हुए थे, पूर्व प्राचार्य द्वारा स्कूल के मरम्मत के कार्य के समय उन्हें निकला दिया गया था, तब से वैसे ही रखे हुए हैं। हां एक कैमरा लगा जरूर है, वह खराब है। फंड न होने की वजह से नए कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। फंड जुटाने के बाद नए कैमरे लगाने का रास्ता सुलभ हो पाएगा। इस विषय पर सभी से बात करूंगा।
-पीएन वर्मा, प्रभारी प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय करेली

UPTET news

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Recent News

Facebook