विदिशा। जिले में एक शाला एक परिसर व्यवस्था के तहत 127 बच्चों की कम संख्या वाले स्कूलों को एक परिसर में शामिल कर लिया गया गया है। जिसके चलते अब प्राइमरी से लेकर हायर सेकंडरी तक की कक्षाएं एक ही परिसर में एक ही समय पर लगा करेंगी। नई व्यवस्था के तहत प्राइमरी और मिडिल स्कूल के हेड मास्टरों को भी कक्षाएं लेना होंगी। अब तक वे प्रबंधन का काम देखा करते थे।
जिला शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार मुद्गल ने बताया कि शिक्षा विभाग के दिशा निर्देश अनुसार जिले के 127 स्कूलों को एक शाला एक परिसर में शामिल किया गया है। जिन गांवों में मिडिल तक स्कूल हैं वहां पर प्राइमरी स्कूल जोड़े गए हैं। वहीं हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल वाले गांव में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को भी एक ही परिसर में शामिल किया गया है। विदिशा बीआरसी लक्ष्मण यादव ने बताया कि ब्लाक में 300 प्राइमरी और 122 मिडिल स्कूल थे। जिनमें से 16 प्राइमरी स्कूलों को एक परिसर में शामिल किया गया है। उनके मुताबिक पौआ नाला, देवखजूरी, सलैया, सतपाड़ा सराय और शहर के बरईपुरा स्कूल को एक शाला एक परिसर बनाया गया है।
अब हेड मास्टरों को पढ़ाना होगा
जिला शिक्षा अधिकारी मुद्गल ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत 100 मीटर परिधि के स्कूलों को शामिल किया गया है। इस व्यवस्था में हेड मास्टरों को भी स्कूली बच्चों को पढ़ाना होगा। अब तक वे प्रबंधन का काम देखने की वजह से बच्चों की कक्षाएं नहीं लेते थे। मुद्गल के मुताबिक नई व्यवस्था से काफी हद तक शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी। अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने की नोबत नहीं आएगी। उनका कहना था कि इस व्यवस्था में हाई स्कूल के शिक्षक को भी प्राइमरी स्कूल में शिक्षक की कमी पर पढ़ाने का जिम्मा सौंपा जा सकता है।
नई व्यवस्था में यह भी होंगे फायदे
राज्य शासन द्वारा शुरू की गई नई व्यवस्था में एक शाला एक परिसर की सभी कक्षाएं एक ही समय पर संचालित होगी। इससे भवनों की कमी नहीं रहेगी। वहीं प्रयोगशाला और लायब्रेरी की सुविधा भी सभी विद्यार्थियों को मिल सकेगी। स्कूली स्टाफ की गिनती अलग-अलग स्कूलों की बजाए एक परिसर के हिसाब से होगी। अलग-अलग कक्षाओं में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी भी नहीं रहेगी।