सागर. जिले के सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में
ऑनलाइन पढ़ाई सरकारी ढर्रे पर है। यही वजह है कि 3 हजार से ज्यादा स्कूलों
के शिक्षक शासन के आदेश के बाद भी अब तक सिर्फ 22 फीसदी विद्यार्थियों को
ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ पाए हैं।
जिला पंचायत सीईओ इच्छित गढ़पाले ने लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। काम में सुधार नहीं होने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के चलते जिले में 21 मार्च से लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था, जो अब तक जारी है।
इसके कारण शासन ने अगले आदेश तक स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए हैं। इसके कारण स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित नहीं हो इसलिए शासन ने अप्रैल माह से विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा देने के निर्देश जारी किए थे। शासन ने डिजिलेप वाट्सएप ग्रुप बनाकर शत-प्रतिशत विद्यार्थियों को इससे जोड़ने को कहा था। लेकिन जिले के 2170 प्राइमरी और 936 मिडिल स्कूलों के शिक्षक अब तक केवल 22 फीसदी अभिभावकों को ग्रुप से जोड़ सके हैं। जबकि जिले में 35 फीसदी अभिभावकों के पास मोबाइल की सुविधा है।
2.8 फीसदी समर्थन पत्र भरे : पिछले दिनों हुई ऑनलाइन पढ़ाई की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा में सामने आया है कि शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाई के संबंध में अभिभावकों से फीडबैक भी नहीं लिया है। शिक्षकों रोज अभिभावकों के ग्रुप में भेजी जाने वाली शिक्षण सामग्री खुद देखना है और अभिभावकों से फोन पर चर्चा कर समर्थन पत्र भरवाना हैं। लेकिन अब तक सिर्फ 2.8 फीसदी अभिभावकों से ही इन्हें भरवाया गया है। यह शासन के आदेशों के प्रति उदासीनता तथा उल्लंघन है। सीईओ ने स्थिति में जल्द सुधार नहीं आने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
जिला पंचायत सीईओ इच्छित गढ़पाले ने लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। काम में सुधार नहीं होने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के चलते जिले में 21 मार्च से लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था, जो अब तक जारी है।
इसके कारण शासन ने अगले आदेश तक स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए हैं। इसके कारण स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित नहीं हो इसलिए शासन ने अप्रैल माह से विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा देने के निर्देश जारी किए थे। शासन ने डिजिलेप वाट्सएप ग्रुप बनाकर शत-प्रतिशत विद्यार्थियों को इससे जोड़ने को कहा था। लेकिन जिले के 2170 प्राइमरी और 936 मिडिल स्कूलों के शिक्षक अब तक केवल 22 फीसदी अभिभावकों को ग्रुप से जोड़ सके हैं। जबकि जिले में 35 फीसदी अभिभावकों के पास मोबाइल की सुविधा है।
2.8 फीसदी समर्थन पत्र भरे : पिछले दिनों हुई ऑनलाइन पढ़ाई की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा में सामने आया है कि शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाई के संबंध में अभिभावकों से फीडबैक भी नहीं लिया है। शिक्षकों रोज अभिभावकों के ग्रुप में भेजी जाने वाली शिक्षण सामग्री खुद देखना है और अभिभावकों से फोन पर चर्चा कर समर्थन पत्र भरवाना हैं। लेकिन अब तक सिर्फ 2.8 फीसदी अभिभावकों से ही इन्हें भरवाया गया है। यह शासन के आदेशों के प्रति उदासीनता तथा उल्लंघन है। सीईओ ने स्थिति में जल्द सुधार नहीं आने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।