भोपाल। नवदुनिया प्रतिनिधि
राजधानी में संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले मंगलवार को अतिथि शिक्षकों ने नियमितीकरण और अनुभव का लाभ दिए जाने को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले पर धरना देकर प्रदर्शन किया। चार घंटे तक अतिथि शिक्षक मंत्री के बंगले के बाहर धरने पर बैठे रहे।
अधिकारी उन्हें जाने के लिए कह रहे थे, लेकिन अतिथि शिक्षकों ने एक नहीं सुनी और शाम 4 बजे मंत्री से मिलकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि नौकरी से निकाले गए अतिथ शिक्षकों ने कांगे्रस वचनपत्र के अनुसार उन्हें भी गुरुजी की तरह नियमित किया जाए। संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार कुशवाहा ने बताया कि यदि 15 दिन में उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने बताया कि इस बार अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन भर्ती की जा रही है, जिसमें 100 अंक डीएड-बीएड व 100 अंक अनुभव के दिए जा रहे हैं। इसके आधार पर अतिथि शिक्षकों का स्कोर कार्ड जनरेट होगा। इसमें मेरिट के आधार पर अतिथि शिक्षकों का चयन किया जाएगा। संघ ने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में तीन माह के भीतर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन 6 माह होने के बाद विभाग द्वारा उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग की आयुक्त, स्कूल शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को सेवा में बहाली के लिए और नियमितीकरण के लिए ज्ञापन सौंपते हुए जल्द मांग नहीं पूरी होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने अतिथि शिक्षकों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण करने का आश्वासन दिया। संघ ने जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा से भी मुलाकर कर ज्ञापन सौंपा।
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संघ की प्रमुख मांगें
- रिटायर्ड शिक्षकों की तरह अनुभव के 100 अंक दिए जाएं, जिससे वह नौकरी से निकालने से बच जाएं।
- अतिथि शिक्षकों की प्रति वर्ष स्कोर कार्ड में 10 अंक जोड़कर पदस्थापना की जाए और 12 माह का वेतन दिया जाए।
- गुरुजी की तर्ज पर समस्त सेवा शर्तों का लाभ देते हुए विभागीय परीक्षा लेकर नियमित किया जाए।
- शिक्षक भर्ती परीक्षा में मेरिट काउंसलिंग में अतिथि शिक्षकों को पासिंग न्यूनतम आहर्ता में छूट देते हुए प्रतिवर्ष 5 अंक के हिसाब से बोनस अंक जोड़ें।
- अप्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों को डीएलएड करवाकर नियमित किया जाए।
राजधानी में संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले मंगलवार को अतिथि शिक्षकों ने नियमितीकरण और अनुभव का लाभ दिए जाने को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले पर धरना देकर प्रदर्शन किया। चार घंटे तक अतिथि शिक्षक मंत्री के बंगले के बाहर धरने पर बैठे रहे।
अधिकारी उन्हें जाने के लिए कह रहे थे, लेकिन अतिथि शिक्षकों ने एक नहीं सुनी और शाम 4 बजे मंत्री से मिलकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि नौकरी से निकाले गए अतिथ शिक्षकों ने कांगे्रस वचनपत्र के अनुसार उन्हें भी गुरुजी की तरह नियमित किया जाए। संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार कुशवाहा ने बताया कि यदि 15 दिन में उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने बताया कि इस बार अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन भर्ती की जा रही है, जिसमें 100 अंक डीएड-बीएड व 100 अंक अनुभव के दिए जा रहे हैं। इसके आधार पर अतिथि शिक्षकों का स्कोर कार्ड जनरेट होगा। इसमें मेरिट के आधार पर अतिथि शिक्षकों का चयन किया जाएगा। संघ ने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में तीन माह के भीतर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन 6 माह होने के बाद विभाग द्वारा उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग की आयुक्त, स्कूल शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को सेवा में बहाली के लिए और नियमितीकरण के लिए ज्ञापन सौंपते हुए जल्द मांग नहीं पूरी होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने अतिथि शिक्षकों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण करने का आश्वासन दिया। संघ ने जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा से भी मुलाकर कर ज्ञापन सौंपा।
संघ की प्रमुख मांगें
- अतिथि शिक्षकों की प्रति वर्ष स्कोर कार्ड में 10 अंक जोड़कर पदस्थापना की जाए और 12 माह का वेतन दिया जाए।
- शिक्षक भर्ती परीक्षा में मेरिट काउंसलिंग में अतिथि शिक्षकों को पासिंग न्यूनतम आहर्ता में छूट देते हुए प्रतिवर्ष 5 अंक के हिसाब से बोनस अंक जोड़ें।