मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा 19 विषयों में राज्य पात्रता परीक्षा (सेट)
कराने के लिए फिर से आवेदन लिए जा रहे हैं। लेकिन इस बार भी लाइब्रेरी
साइंस और फार्मेसी विषय को सेट में शामिल नहीं किए जाने से आवेदकों में
मायूसी है। एमफार्मा कर चुके आदित्य पांडे का कहना है कि यूजीसी द्वारा
नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) कराया जाता है। लेकिन यह परीक्षा सेट की
तुलना में काफी कठिन होती है। ऐसे में फार्मेसी और लाइब्रेरी साइंस जैसे
विषयों को भी सेट में शामिल किया जाना चाहिए। सेट ऑनलाइन होगा। जिसके लिए
आवेदक 11 नवंबर तक एमपी पीएससी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आयोग का कहना है कि यूजीसी ने 19 विषयों में सेट कराने की मंजूरी दी है।
जिसके चलते अब फार्मेसी और लाइब्रेरी साइंस जैसे विषयों के आवेदक सेट के
नियमों के विरोध में हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक ऐसे आवेदक जो सेट 2017
में जिस विषय में प्रमाण पत्र हासिल कर चुके हैं, वे अब फिर से उसी विषय
में सेट की परीक्षा के लिए आवेदन नहीं करें। इसके साथ ही ऐसे आवेदक,जो
यूजीसी नेट, सीएसआईआर नेट के प्रमाण पत्र ले चुके हैं। वे भी सेट में आवेदन
करने के अपात्र हैं।
एमएससी केमेस्ट्री को पात्रता, लेकिन फार्मेसी को किया अपात्र
फार्मेसी के आवेदकों का कहना है कि सेट में एमएससी केमेस्ट्री को
पात्रता दी गई है, लेकिन फार्मेसी को इसमें शामिल नहीें किया गया। ऐसे में
एमफार्मा कर चुके हजारों छात्र इस परीक्षा से वंचित रह जाएंगे। हमने मामले
को लेकर एमपी पीएससी के अफसरों से शिकायत भी की है, लेकिन अब तक हमें कोई
जवाब नहीं मिला।
Ãयूजीसी के पास फार्मेसी और लाइब्रेरी साइंस में भी सेट कराने का
प्रस्ताव भेजा था, लेकिन 19 विषयों में सेट कराने की मंजूरी प्रदान की है। -
रवींद्र कन्हेरा, परीक्षा नियंत्रक, मप्र लोक सेवा आयोग
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