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5 हजार अध्यापकों में से किसी को नहीं मिला आदेश, संचालनालय ने स्थगित कर दी प्रक्रिया

अध्यापक संवर्ग से राज्य शिक्षा संवर्ग में संविलियन के लिए जिलेभर के 5 हजार से अधिक शिक्षक आदेश मिलने का इंतजार कर रहे हैं। स्कूल छोड़कर ऑनलाइन कियोस्क पर घंटों परेशान होकर रिकार्ड अपडेट आदि कराने के बाद लोक शिक्षण संस्थान ने संविलियन की प्रक्रिया स्थगित कर दी है।
ऐसे में अध्यापकों को उनका भविष्य अधर में लटका नजर आ रहा है। अध्यापकों में असमंजस की स्थिति होने के कारण स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। आचार संहिता लगने के बाद मंगलवार को लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त जयश्री कियावत ने आदेश जारी करते हुए कहा आचार संहिता लगने के कारण इस प्रक्रिया को स्थगित किया गया है। ऐसे में नवीन संवर्ग में कोई भी आदेश जारी नहीं किए जाएं।

अध्यापकों द्वारा कई वर्षों की मांग के फलस्वरूप शासन ने 10 अगस्त को अध्यापक संवर्ग से राज्य शिक्षा संवर्ग में नियुक्ति दिए जाने के आदेश जारी किया था। इसके तहत अध्यापक संवर्ग में वर्ग एक, दो व तीन का क्रमश: उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति आदेश होना है। इसके लिए शासन द्वारा 30 सितंबर की तिथि निश्चित की थी। प्रदेश के सागर, हरदा सहित अन्य जिलों में आदेश जारी भी कर दिए गए हैं। लेकिन सीहोर जिले में अध्यापकों को आदेश नहीं मिल पाए हैं। खासकर के अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापकों में तो 10 प्रतिशत के भी आदेश तैयार नहीं हो सके हैं।

अध्यापकों के वर्ग 1 के 210, वर्ग दो के 250 और 3 के 2010 आदेश लंबित

इधर अच्छी खबर... वर्ग-1 में 2220 और वर्ग-2 में बढ़ाए 5704 पद

प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार पद बढ़ाए जाने के संबंध में 6 अक्टूबर को परीक्षा नियंत्रक ने पत्र जारी किया था। इसमें बताया गया है कि आयुक्त जनजातीय कार्य विकास विभाग के पत्र के संदर्भ में खाली उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 2220 एवं माध्यमिक शिक्षकों के 5704 पदों को स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत प्रस्तावित क्रमश: उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 में समाहित करते हुए संयुक्त परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। लिहाजा जनजातीय कार्य विकास विभाग के पदों के लिए पात्रता परीक्षा के आवेदन पत्र स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों के पदों के लिए वर्तमान में जारी आवेदन पत्र के साथ ही बुलाए जाने लगे हैं। नए आदेशों और संशोधन के कारण अब वर्ग-1 में जहां 17 हजार से बढ़कर पदों की संख्या 19220 हो गई, वहीं वर्ग-2 में भी यह संख्या बढ़कर 5670 से अब 11 हजार 374 हो गई है। इस प्रकार दोनों वर्गों के कुल पद मिलाकर 30 हजार से अधिक हो गए हैं। इससे भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने जा रहे युवाओं को लाभ मिलेगा। परीक्षा नियंत्रक एकेएस भदौरिया द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि जिन आवेदकों ने पहले से ही स्कूल शिक्षा विभाग में के उच्च माध्यमिक शिक्षक और माध्यमिक शिक्ष पात्रता परीक्षा-2018 के लिए आवेदन कर लिया है, उन्हें अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं है।


पहले पात्रता को लेकर तकनीकी गड़बड़ी में उलझे रहे अध्यापक

सितंबर महीने में पात्र, अपात्र, लंबित अध्यापकों की सूची जारी की गई थी। इस प्राविधिक सूची को लेकर 22 तारीख तक आपत्ति दावे के लिए समय दिया गया था। तब कई अध्यापकों की नियुक्ति और संविलियन की एक ही तिथि तथा विषय गड़बड़ी से परेशानी आई थी।


शिक्षकों का होना है आदेश

जिले में अध्यापक संवर्ग में वर्ग के एक के 250, वर्ग दो के 2100 और वर्ग तीन के करीब 2500 से अधिक अध्यापकों के राज्य शिक्षा संवर्ग में नियुक्ति आदेश होना है। बताया गया है कि वर्ग के 210, वर्ग दो के 250 और वर्ग तीन के 2010 से अधिक के आदेश लंबित हैं। ऐसी स्थिति में इन शिक्षकों में संविलियन को लेकर कई तरह की आशंका पनप रही हैं। इस कारण वे बच्चों की पढ़ाई ठीक प्रकार से नहीं करा पा रहे हैं।

तीन स्तरों पर हुई थी जांच

अध्यापकों को राज्य शिक्षा संवर्ग में नियुक्ति दिए जाने के लिए पहले ब्लॉक स्तर पर जांच हुई। इसके बाद संकुल केंद्र स्तर पर प्राचार्यों द्वारा जांच की गई। तीसरे स्तर पर जिला स्तरीय समिति द्वारा जांच की गई, तब भी अब तक जांच का काम पूरा नहीं हो सका है। ऐसे हालात में नियुक्ति आदेश कब होंगे, स्पष्ट नहीं हो पा रहा। इससे अध्यापक परेशान हो रहे हैं।

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