जबलपुर।
स्कूल शिक्षा विभाग की ढिलाई एवं लापरवाही के चलते विद्यथियों की
स्कॉलरशिप रुकी पड़ी है। छात्र एवं उनके अभिभावक स्कॉलरशिप को लेकर खासे
परेशान हैं। स्कूल प्रबंधन जहां शिक्षा विभाग के दफ्तर जाने की बात कहकर
टाल रहा है तो वहीं अफसर अनसुना कर रहे हैं।
जिले से 300 छात्र प्रभावित
छात्रवृत्ति
मामले में जिले में करीब तीन सौ विद्यार्थी प्रभावित बताए जाते हैं।
राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप, पिछड़ावर्ग स्कॉलरशिप, अनुसूचित जाति,
जनजाति आदि से जुड़ी छात्रवृत्तियों के मामले लंबित हैं। यह
छात्रवृत्तियां पढ़ाई एवं आगे के अध्ययन के लिए शासन द्वारा प्रदान की जाती
है। कहीं छात्र के खातों में दो सालों से छात्रवृत्ति नहीं पहुंची है।
सीएम तक पहुंची शिकायतें
अभिभावकों
ने मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ तक शिकायतें की हैं। स्कूल शिक्षा विभाग
से जुड़ी करीब 150 से अधिक शिकायतें पहुंची हैं। इसमें से करीब 35 फीसदी
शिकायतें छात्रवृत्ति से जुड़ी बताई जा रही हैं। छात्रवृत्ति मामलों की
शिकायतें बढऩे के कारण वरिष्ठ अधिकारियों ने भी फटकार
लगाई है।
केस-1
एपीएन
हायर सेकंडरी स्कूल सदर के 12वी के राहुल कोल कक्षा बारहवीं में हैं, अब
तक स्कॉलरशिप नहीं मिली है। आदर्श नगर, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में उनका
खाता नं. 3200958678 है।
केस-2
डीएनजैन
स्कूल के कक्षा दसवीं के छात्र देव कंजर ने शिकायत की है कि उसे वर्ष
2013-14 से छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो सका है। उसके यूको बैंक में खाता
14920110014011 भी खुलवा रखा है।
केस-3
शासकीय
हाईस्कूल बरगी में अध्ययनरत दसवीं कक्षा की छात्रा वर्षा को छात्रवृत्ति
की प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है। छात्रा ने सेंट्रल बैंक की
बरगी शाखा में खाता खुलवा रखा है।
केस-4
शासकीय
उमावि कुण्डम की छात्रा जानकी साहू ने छात्रवृत्ति के लिए एसबीआई में खाता
क्रमांक 33303266215 खुलवाया है। छात्रा के खाते में दो सालों से
छात्रवृत्ति नहीं पहुंची है।
ये बनी समस्या
छात्रों के एकांउट नंबर सही नहीं थे।
आवेदन के नाम, पते में गलतियां थीं।
आवदेन फार्मेट का गलत पाया जाना।
छात्रवृत्ति के लिए नियम में नहीं आ पाना।
स्कूल स्तर पर प्रकरणों में समय पर सुधार न किया जाना।
जिले
में बड़ी संख्या में छात्र- छात्राओं की छात्रवृत्ति न मिलने की शिकायतें
आई हैं। कई मामले सीएम शिकायत प्रकोष्ठ में आए हैं जिनकी जांच कराई जा रही
है। संकुल प्राचार्यों को नोटिस जारी कर जांच करने के लिए कहा है।
सतीश अग्रवाल, जिला शिक्षा अधिकारी
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