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पांच विषयों के चयनित शिक्षकाें ने विभाग से 13 फीसद अभ्यर्थियों की सूची जारी करने की मांग की

 भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास चयनित अभ्यर्थियों का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ओबीसी चयनित संघ की ओर से सोमवार को लोक शिक्षण संचालनालय(डीपीआइ) के सामने उच्च माध्यमिक

पद के पांच विषय एवं माध्यमिक शिक्षक के दो विषयों के 13 फीसद अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन दिया गया। विभिन्न जिलों से आए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन कर डीपीआई आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की है कि उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन प्रक्रिया में इतिहास, संस्कृत, भूगोल, राजनीति विज्ञान एवं कृषि पांच विषय एवं माध्यमिक शिक्षक के सामाजिक विज्ञान एवं संस्कृत के दो विषय इस प्रकार सात विषय में प्रावधिक चयन सूची से लगभग 50 फीसद ओबीसी पात्र अभ्यर्थियों के नाम अंतिम चयन सूची में शामिल नहीं किए गए हैं। वहीं चयनित शिक्षक संघ का कहना है कि 2018 में मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा दो विभागों में शिक्षकों के पद भरने के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग के 20 हजार 679 पदों और आदिम जाति स्कूल के 7 हजार 924 पदों को भरने हैं। संघ का कहना है कि मध्यप्रदेश में सबसे लंबे समय तक चलने वाली भर्ती प्रक्रिया बन गई है। चुनाव के समय सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा होता है, लेकिन सत्ता में आते ही बेरोजगार को भूल जाते हैं। दो सरकारें बदल चुकी है, लेकिन प्रदेश के चयनित शिक्षकों की किस्मत नहीं बदली। फरवरी 2020 में 15 हजार पद उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं 5670 माध्यमिक शिक्षकों के पद के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने विज्ञप्ति निकाली। जिसमें से केवल 12043 कि पहले चयनित सूची जारी की गई है। इसमें 8342 उच्च माध्यमिक और 3701 माध्यमिक शिक्षक शामिल है। 8627 पदों पर अभी भी नियुक्ति बाकी है। वहीं जनजातीय कार्य विभाग की स्कूलों में जून 2021 में विज्ञापन जारी हुआ, जिसमें 2220 उच्च माध्यमिक और और माध्यमिक शिक्षक के 5704 पदों पर भर्ती की जानी है। दोनों विभागों में सामंजस ना होने की वजह से पहली सूची में उन्हीं अभ्यर्थियों के नाम आएंगे, जिन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाली है इसलिए पहली चयन सूची का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। इसके अलावा जनजातीय विभाग ने अभी कोई भी सूची जारी नहीं की है, जिससे अभ्यर्थियों में रोष है। उनकी मांग है कि दीपावली के पहले स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग बचे हुए पदों पर चयनित सूची जारी करें।

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