भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी के एक सरकारी स्कूल ने दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा में मेधावी सूची में अधिक बच्चों का नाम शामिल करने के लिए पहल की है। दोनों कक्षाओं की छमाही परीक्षा में 90 फीसद से अधिक अंक लाने वाले और 70 फीसद से अधिक और 90 फीसद से कम अंक लाने वाले 50-50 विद्यार्थियों की सूची तैयार की गई है।
इन
विद्यार्थियों की कक्षा अलग से लगाई जा रही है। राजधानी के शासकीय सुभाष
उमा उत्कृष्ट विद्यालय ने बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों के बेहतर
प्रदर्शन करने के लिए लक्ष्य तय किया है। इसमें 10 फीसद टॉप विद्यार्थियों
और 10 फीसद टॉप डाउन विद्यार्थियों का अलग-अलग बैच बनाया गया है। इनकी
अलग-अलग कक्षाएं लगाई जा रही हैं। जहां 90 फीसद से अधिक अंक लाने वाले
विद्यार्थियों को राज्य की मेधावी सूची में शामिल करने का लक्ष्य है। वहीं
70 फीसद से अधिक अंक लाने वाले को जिले की मेधावी सूची में स्थान बनाना है।
कोरोना काल के चलते 18 दिसंबर से 10वीं व 12वीं की नियमित कक्षाएं शुरू की
गईं। वहीं दसवीं की बोर्ड परीक्षा 30 अप्रैल से और बारहवीं की परीक्षा एक
मई से होगी। ऐसे में उत्कृष्ट विद्यालय मेधावी विद्यार्थियों की अलग से
कक्षाएं लगाकर विशेष तैयारी करवा रहा है। उल्लेखनीय है कि 2020 की बोर्ड
परीक्षा में उत्कृष्ट विद्यालय के करीब सात विद्यार्थी राज्य स्तरीय मेधावी
सूची में शामिल थे। वहीं 2019 में स्कूल के पांच विद्यार्थी राज्य की
मेधावी सूची में शामिल थे।
दो शिफ्ट में लग रही कक्षा
स्कूल
में नियमित कक्षाएं लग रही हैं, लेकिन कम संख्या में विद्यार्थी आ रहे
हैं। दो शिफ्ट में कक्षाएं लगाई जा रही है। सुबह 8:30 बजे से 11 बजे तक
बारहवीं की अतिरिक्त कक्षा लगाई जा रही है। वहीं दसवीं की 11 बजे से 2:30
बजे तक कक्षा लग रही है।
प्रश्नपत्र सॉल्व कराए जा रहे हैं
दोनों
कक्षाओं के विद्यार्थियों को शिक्षक प्रश्नपत्र सॉल्व करवा रहे हैं।
छमाही परीक्षा में जिन प्रश्नों को विद्यार्थी सॉल्व नहीं कर पाए, उसे
शिक्षक हल करा रहे हैं। विषयवार कठिन टॉपिक को समझा जा रहा है। 70 फीसद से
ऊपर वाले विद्यार्थियों को 40-40 मिनट की कक्षाएं लगाकर रिवीजन कराया जा
रहा है।
दूसरे जिले के बच्चों की ऑनलाइन कक्षा
दूसरे
जिले के ऐसे बच्चे जो स्कूल के छात्रावास में रहते हैं। उनके लिए स्कूल के
शिक्षक अलग से ऑनलाइन कक्षा लगा रहे हैं। इनमें भी कई बच्चे मेरिट की सूची
में शामिल हैं।
वर्जन
बोर्ड
परीक्षा में स्कूल के विद्यार्थियों को मेधावी सूची में शामिल करने के लिए
यह लक्ष्य तय किया है। पिछले साल से ज्यादा बच्चे मेरिट में आएंगे। इसके
लिए शिक्षक अलग से मेहनत कर रहे हैं।
-सुधाकर पाराशर, प्राचार्य, सुभाष उत्कृष्ट शाउमावि