Advertisement

जांच की जद में आ शिक्षक को बना दिया सीएसी, काउंसलिंग में चयन के बाद कुछ को नहीं दी नियुक्ति

शिवपुरी। करीब 7 महीने के लंबे इंतजार और तीन बार काउंसलिंग के बाद जिले में सीएसी (जनशिक्षक) और बीएसी (विकासखंड एकेडमिक समन्वयक) के पदों पर भले ही विभाग ने बीते रोज पदस्थापना आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन नियुक्ति आदेश जारी होते ही इस सूची पर काउंसलिंग में पहुंचे और भर्ती से वंचित रहे शिक्षकों ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
जारी सूची में कई शिक्षकों ने दावा किया है कि वे पात्र थे और काउंसलिंग में उनसे विकल्प भी भरवाकर लॉक किया गया, लेकिन जारी सूची में उनका नाम नदारद है। पूरे मामले में जिला शिक्षा केंद्र द्वारा लापरवाही बरतने और चहेतों को उपकृत करने तक के आरोप इन शिक्षकों ने बकायदा शिकायत दर्ज कर लगाए हैं। सूची में प्रतिनियुक्ति दी गई, बदरवास के एक शिक्षक पर ड्रेस घोटाले मामले में जांच जारी होने के बावजूद नियुक्ति देने का आरोप है तो वहीं एक अन्य शिक्षक ने उसके द्वारा काउंसलिंग में विकल्प चयन करने के बावजूद उसे सीएसी न बनाए जाने का आरोप लगाया है। फिलहाल अधिकारी पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और नियम के साथ होने का राग अलाप रहे हैं।
सूची में था पद, भरवाया पर नियुक्ति नहीं दी
बदरवास के माध्यमिक शिक्षक अरुण शर्मा का आरोप है कि उन्होंने जनशिक्षा केंद्र अगरा में काउंसलिंग के दौरान रिक्त दर्शाए गए सीएसी के दो पदों में से एक पद पर काउंसलिंग में सहमति दी थी, लेकिन उन्हें पदस्थापना नहीं दी गई। शर्मा का कहना है कि यदि वहां पद रिक्त नहीं था तो सूची में क्यों दर्शाया गया और उस पद पर काउंसलिंग नहीं करानी थी। यदि यह त्रुटि नहीं होती तो वे कोई और विकल्प चुनकर चयन कर सकते थे। ऐसे में उन्हें वरिष्ठता के आधार पर सीएसी के पद पर भूल सुधारकर नियुक्ति दी जानी चाहिए।
शिक्षक पर ड्रेस मामले में जांच, फिर भी बना दिया सीएसी
ऐसे ही एक अन्य मामले में अरूण शर्मा का आरोप है कि बदरवास विकासखंड की एकीकृत शाला अम्हारा में पदस्थ शिवशंकर तिवारी पर शिक्षा सत्र 2019-20 की गणवेश राशि के गवन का आरोप प्रधान अध्यापक सुशील कलावत व सरपंच ने लिखित में लगाया था जिसमें विभागीय जांच के दौरान शिक्षक को राशि खुर्द-बुर्द कर व अपने रिश्तेदारों के खातों में स्थानांतरित करने का दोषी पाया गया था। बावजूद इसके उक्त शिक्षक को जारी सूची में सीएसी के पद पर नियुक्ति दे दी गई। हैरानी की बात यह है कि इसी मामले में माध्यमिक शिक्षक प्रदीप नरवरिया ने भी आरोप लगाया है कि देहरदा गणेश के जिस पद पर तिवारी को नियुक्त किया गया है उस पर नियुक्ति के लिए काउंसलिंग के दौरान उन्होंने चयन किया था, लेकिन उन्हें दरकिनार कर तिवारी को नियुक्ति दे दी गई। इस मामले को लेकर नरवरिया ने शनिवार को अपनी आपत्ति भी जिला शिक्षा केंद्र में दर्ज कराई है। इसी तरह करैरा के दिनेश ओझा ने भी ऐसी ही गलत नियुक्ति को लेकर अपनी आपत्ति डीपीसी को दर्ज करवाई है।
मार्च में समाप्त हुई अवधि, अब भी डटे
इधर सीएसी के 90 व बीएसी के जिन 19 पदों पर प्रतिनियुक्ति दी गई है। उसके बाद मार्च में शेष 50 सीएसी व बीएसी के पद भी अवधि पूरी होने के बाद खाली हो गए हैं, बावजूद इसके वर्तमान में इन पदों पर पुराने सीएसी, बीएसी ही डटे हैं। ऐसे में विभाग को नियम विरुद्ध तरीके से दो महीने से डटे इन सीएसी, बीएसी को हटाकर वरिष्ठता सूची के आधार पर काउंसलिंग कर नए पात्र अभ्यार्थियों को अवसर देना चाहिए।
इनका कहना है
प्रतिनियुक्ति की पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और नियम के साथ अंजाम दी गई है। जो वरिष्ठ था उसे ही नियुक्ति मिली है। जहां तक विभागीय जांच का सवाल है, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से परीक्षण कराने के बाद ही नियुक्ति दी है। जो पद मार्च में खाली हुए हैं उन पर भी जल्द ही वरिष्ठता सूची के आधार पर काउंसलिंग कर प्रतिनियुक्ति दी जाएगी। जिन लोगों ने आवेदन दिए हैं उनका भी परीक्षण करा रहे हैं। जो भी पात्र होंगे उन्हें अगली काउंसलिंग में अवसर वरिष्ठता के आधार पर मिलेगा।
डीआर कर्ण, डीपीसी शिवपुरी। 

UPTET news

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Facebook