भोपाल.अध्यापकों के नए कैडर को लेकर उनके सामने नई मुसीबत भी आ गई है। इन 2.37 लाख अध्यापकों के सामने असमंजस की स्थिति बन गई है। वे नए कैडर में जाएंगे तो सेवा अवधि शून्य हो जाएगी, यानी जुलाई 2018 से नियुक्ति मानी जाएगी। मौजूदा अध्यापक संवर्ग में रहेंगे तो उनकी वरिष्ठता बरकरार रहेगी।
इसकी वजह यह है कि गजट नोटिफिकेशन में इनसे भरवाए जाने वाले बॉन्ड में एक विकल्प रखने का जिक्र किया गया है।
मंगलवार को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इस राजपत्र के हिंदी संस्करण में 22वें नंबर पेज और अंग्रेजी में 49वें नंबर पेज पर दिए गए वचन पत्र में अथवा करके एक विकल्प दिया गया है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि जो अध्यापक इस नए कैडर में नहीं आना चाहते हैं और मौजूदा अध्यापक संवर्ग में ही रहना चाहते हैं, उन्हें भी विकल्प के तौर पर बांड भरना पड़ेगा कि मैं अभी जहां पदस्थ हूं उसी स्थानीय निकाय में रहना चाहता हूं।
क्यों जाएं नए कैडर में, पुराने में रहेंगे तो नुकसान नहीं होगा:शासकीय अध्यापक महासंघ के शिवराज वर्मा, उपेंद्र कौशल जितेंद्र शाक्य, शिल्पी सिवान का कहना है कि असमंजस की स्थिति बनाकर रख दी। हम क्यों जाएंगे नए कैडर में, पुराने में ही रहेंगे कम से कम हमारी 20 साल की वरिष्ठता तो बनी रहेगी। सीएम ने 21 जनवरी को शिक्षा विभाग में संविलियन और एक ही पदनाम शिक्षक करने की घोषणा की थी। न तो हमारा स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया न ही शिक्षक पदनाम दिया गया। नए कैडर में 2018 से नियुक्ति होने से 1998 से नियुक्त अध्यापकों को वरिष्ठता और आर्थिक लाभ का नुकसान होगा। राज्य अध्यापक संघ के अध्यक्ष जगदीश यादव का कहना है कि वादे पर अमल नहीं किया गया है। हम दावे आपत्ति लगाएंगे।
ऐसा पांच साल पहले भी हो चुका है :जन शिक्षा अधिकार संरक्षण समिति के संयोजक रमाकांत पांडेय का कहना है कि पिछले विस चुनाव के पहले भी ऐसा हुआ था। 25 जुलाई 2013 को राज्य शिक्षा सेवा के संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। परीक्षा भी करा ली गई, आज तक भर्ती नहीं हुई। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इस नोटिफिकेशन के बाद भी यह स्थिति बनी है।
तीनों श्रेणियों को यह पदनाम दिए
मौजूदा नया
सहायक अध्यापक प्राथमिक शिक्षक
अध्यापक माध्यमिक शिक्षक
वरिष्ठ अध्यापक उच्च माध्यमिक शिक्षक
ये शर्तें भी मानना होगा
- वरिष्ठ अध्यापक यानी उच्च माध्यमिक शिक्षक का हाईस्कूल प्राचार्य के पद पर प्रमोशन पात्रता परीक्षा के बाद ही हो सकेगा
- ई अटेंडेंस कंपलसरी होगी, ड्रेस कोड लागू
- पुराने वेतन, भत्ते नहीं मिलेंगे। बांड भरना जरुरी होगा, ऐसा नहीं करने पर नए कैडर में नियुक्ति ही नहीं मानी जाएगी। इसमें अध्यापक पुराने वेतन भत्ते समेत अन्य सुविधाएं लेने के हकदार नहीं होंगे।
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