भास्कर संवाददाता | मुरैना ई-अटेंंडेंस का विरोध करते हुए शिक्षकों ने बुधवार को शहर में रैली
निकालकर सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों की मुखालफत की । मुख्यमंत्री के
नाम प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में शिक्षकों ने काले आदेश को निरस्त करने
की मांग की है।
कलेक्टोरेट पर शिक्षकों के आंदोलन को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश
राजपत्रित अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष ब्रजेश तिवारी ने कहा कि
मुख्यमंत्री को शिक्षकों की सेवाओं पर भरोसा नहीं है। इसीलिए विरोध के बाद
भी दूसरी साल ई-अटेंंडेंस सिस्टम को लागू किया गया है। संघ का कहना है कि
ई-अटेंंडेंस को प्रोटोकॉल में शामिल कर इसे विधानसभा से शुरू कर वल्लभ भवन
होते हुए सभी विभागों में लागू करना चाहिए उसके बाद शिक्षक इस व्यवस्था को
स्वीकार कर लेंगे। लेकिन उससे पहले किसी हाल में नहीं। संयुक्त संघर्ष
मोर्चा के जिला संयोजक मुन्नालाल शर्मा ने कहा कि एक तरफ शिक्षकों को
राष्ट्र निर्माता का दर्जा दिया जाता है।
दूसरी तरफ उनकी हाजिरी को लेकर उनकी निष्ठा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
इसका विरोध 2018 के विधानसभा चुनाव में भी किया जाएगा। बुधवार की सुबह 11
बजे एक्सीलेंस हायर सेकंडरी स्कूल नं.1 के गेट पर शिक्षकों ने काली पट्टी
बांधकर ई-अटेंंडेंस के प्रति विरोध जताया।
सबलगढ़ व जौरा में भी दिए ज्ञापन
मध्यप्रदेश शिक्षक संघ की सबलगढ़ इकाई ने भी बुधवार को
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर ई-अटेंंडेंस का विरोध किया। ज्ञापन देने
वालों में जिला अध्यक्ष नरेश सिकरवार, जिला महामंत्री पवन परिहार आदि शामिल
रहे। जौरा में शिक्षक संघ के तहसील अध्यक्ष घनश्याम शर्मा व सचिव
धर्मेंद्र शर्मा ने एसडीएम को ज्ञापन देकर ई-अटेंंडेंस का विरोध किया।
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