Advertisement

ट्रांसफर पॉलिसी में गणित और विज्ञान के फेर में उलझे प्रदेश के 7 हजार अध्यापक

भोपाल.मप्र के माध्यमिक स्कूलों में पढ़ा रहे सात हजार अध्यापकों का भविष्य अधर में लटक गया है। अब तक गणित या विज्ञान में से किसी एक विकल्प के रूप में सेवाएं दे रहे अध्यापकों को स्कूल में छात्रों की संख्या के आधार पर पांचवें नंबर पर डाल दिया गया है।
यानी अब विज्ञान के अध्यापकों की पदस्थापना सिर्फ उसी स्कूल में होगी जहां 175 से अधिक छात्र होंगे। इसे अाधार बनाकर नई ट्रांसफर पॉलिसी में विज्ञान के अध्यापकों को ज्यादा विकल्प नहीं दिए गए हैं।

- प्रदेश में 24 हजार से अधिक माध्यमिक शालाएं हैं और इनमें अध्यापकों की संख्या 25 हजार। इस हिसाब से एक स्कूल में औसतन एक ही अध्यापक है। हर स्कूल में 2 से 3 पद रिक्त हैं, लेकिन नए नियमों के चलते विज्ञान के अध्यापकों का यहां तबादला नहीं हो पा रहा है।

- पिछले 10 साल से माध्यमिक स्कूल में विज्ञान पढ़ा रहे अध्यापकों का कहना है कि 2003-04 के बाद बनी पॉलिसी के तहत माध्यमिक स्कूलों में विज्ञान और गणित के पद को एक समान माना जाता था। जिस स्कूल में गणित के अध्यापक नहीं होते थे, वहां विज्ञान के अध्यापक को ही गणित पढ़ाने की जिम्मेदारी होती थी, लेकिन चार माह पहले आए नियम ने दोनों पदों में अंतर बढ़ा दिया है।

विज्ञान के अध्यापकों का विषय दिखाया जियोलॉजी
- स्कूल शिक्षा विभाग की एक गलती प्रदेश के 20 हजार से अधिक विज्ञान के अध्यापकों पर भारी पड़ रही है। इसके चलते कई अध्यापक म्यूचुअल ट्रांसफर का विकल्प चुनने से वंचित रह गए। दरअसल, एजुकेशन पोर्टल में विज्ञान के अध्यापकों के सामने जियोलॉजी लिखा आ रहा था। मजे की बात यह है कि जिनके सामने यह विषय लिखा आ रहा था वे सारे माध्यमिक स्कूल के अध्यापक हैं और वहां विज्ञान का पद है ही नहीं।

- ट्रांसफर की बात तो छोड़िए विज्ञान के अध्यापकों सेवाएं ही खतरे में हैं। माध्यमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार कम हो रही है। वर्तमान में 90 फीसदी स्कूलों में विज्ञान के पद अघोषित रूप से खत्म कर दिए गए हैं।
आरिफ अंजुम, प्रांतीय अध्यक्ष, शास.अध्यापक संघ

- अंतर निकाय संविलियन या ट्रांसफर छात्रों की संख्या के आधार पर हैं। ऐसे में जहां विज्ञान का पद नहीं है, वहां इन्हें कैसे ट्रांसफर किया जा सकता है। अभी वे जहां पढ़ा रहे हैं वहां गणित और अंग्रेजी के अध्यापक नहीं हैं। भर्ती के बाद जब अध्यापक आ जाएंगे उस समय की स्थिति का आकलन कर देखेंगे।
दिप्ती गौड़ मुखर्जी, पीएस, स्कूल शिक्षा विभाग

UPTET news

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Facebook