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हाईस्कूलों में शिक्षक नहीं, 1500 रुपए खर्च पर दूसरे स्कूलों से पढ़ाने भेजेंगे

हरदा। शिक्षण सत्र आधा बीतने के बाद सरकार ने उन हायर सेकंडरी और हाईस्कूलों के बच्चों की पढ़ाई की सुध ली है जिनमें विषय संबंधी शिक्षक नहीं हैं। यहां अब समीप के स्कूलों से शिक्षक भेजे जाएंगे। उन्हें आने-जाने के खर्च के रुपए भी दिए जाएंगे।
लोक शिक्षण संचालनालय के इस फरमान पर अमल की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि जिले के अनेक हायर सेकंडरी और हाईस्कूलों में अंग्रेजी, गणित, विज्ञान व संस्कृत के शिक्षक पदस्थ नहीं हैं। विभाग ने ऐसे स्कूलों में अतिथि शिक्षक रखने के प्रयास किए, लेकिन सभी स्थानों के लिए यह व्यवस्था नहीं हो सकी। खासकर दूरस्थ अंचल में विषयवार अतिथि शिक्षक ढूंढे नहीं मिले। इधर, आधा शिक्षण सत्र बीतने को आया लेकिन बच्चों का कोर्स उस अनुसार नहीं हुआ। जितना हुआ वह भी खानापूर्ति के लायक ही रहा। वार्षिक परीक्षा का परिणाम प्रभावित न हो इसके लिए सरकार ने पास के स्कूल के शिक्षक को उन स्कूलों में भेजने के निर्देश दिए हैं, जहां विषयवार पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
संकुल प्राचार्य तय करेंगे किसे, कहां भेजना है
जिला शिक्षा अधिकारी जेएल रघुवंशी ने बताया कि संकुल प्राचार्यों से ऐसे स्कूलों की जानकारी मांगी गई है जहां विषय संबंधी व अतिथि शिक्षक नहीं हैं। ऐसे स्कूलों में संकुल के अन्य स्कूल से शिक्षक भेजने की व्यवस्था संकुल प्राचार्य करेंगे। इन शिक्षकों को आने-जाने के खर्च स्वरूप 1500 रुपए दिए जाएंगे।
सप्ताह में तीन दिन जाएंगे दूसरे स्कूल
चयनित शिक्षकों को सप्ताह में तीन दिन उन बच्चों को विषयवार पढ़ाने भेजा जाएगा जिनका कोर्स नहीं हो सका। डीईओ के मुताबिक बचे तीन दिन संबंधित शिक्षक पदस्थापना वाले स्कूल में पढ़ाई कराएंगे।
15 हाईस्कूलों में रहेगी जरुरत
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जिले में 50 हाईस्कूल हैं। इनमें से करीब 15 में दूसरे स्कूल से शिक्षक भेजने की जरुरत पड़ सकती है। वहीं 29 हायर सेकंडरी स्कूलों में से करीब 5 में ऐसा हो सकता है। संकुल प्राचार्यों से विस्तृत जानकारी मांगी गई है।
छमाही परीक्षा 8 दिसंबर से
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के सहायक परियोजना समन्वयक ओपी महाजन ने बताया कि हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में 8 दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षा का आयोजन होगा। यह 19 दिसंबर तक आयोजित होंगी। प्रश्नपत्र स्कूल स्तर पर तैयार होंगे।
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इधर, अतिथि शिक्षक के भरोसे मिडिल स्कूल
जनशिक्षा केंद्र हंडिया के गांव चीराखान की प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों की कमी होने से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। शालाएं शिक्षक विहीन होने से अतिथि शिक्षकों के भरोसे कक्षाएं संचालित हो रही हंै। स्कूल में गणित विषय के लिए अभी तक एक भी अतिथि शिक्षक ने आवेदन नहीं दिया है। ऐसी स्थिति में दूसरे विषयों के अतिथि शिक्षक ही गणित विषय का अध्यापन करा रहे हैं। प्राथमिक शाला के एक मात्र शिक्षक को ही माध्यमिक शाला का प्रभार सौंप दिया गया है। यह शाला स्कूल सिद्धि की गोद ली शालाओं में शामिल है।
विशेष कक्षा लगाकर पढ़ा रहे जनशिक्षक
शिक्षकों के अभाव में बच्चों की पढ़ाई प्र्रभावित न हो इसके लिए अतिथि शिक्षकों के सहयोग से प्रतिदिन विशेष कक्षाएं लगाई जा रहीं हंै। जनशिक्षक द्वारा भी सप्ताह में एक दिन शिक्षण कार्य व शिक्षकों की विषयगत समस्याओं का समाधान करने का प्रयास जा रहा है। अनियमित उपस्थिति वाले छात्रों की उपस्थिति नियमित कराई जा रही हैं। स्कूल के कई गरीब बच्चों के पास कॉपियां तक नहीं है। ऐसी स्थिति में उन्हें शाला उपहार योजना के माध्यम से कॉपियां उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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