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सिलेबस पूरा करवाने की बजाए शिक्षक ले रहे जीवन कौशल का प्रशिक्षण

भास्कर संवाददाता | होशंगाबाद स्कूलों में दसवीं, बारहवीं बोर्ड पैटर्न पर होने वाली नवमीं ग्यारहवीं परीक्षा सिर पर है। 1 से 15 फरवरी तक नवमीं और ग्यारहवीं की परीक्षा होना है। हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में कोर्स पूरा करने का दबाव है। परीक्षा परिणाम को लेकर शिक्षकों को बार बार नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
ऐसे में शिक्षकों को स्कूलों का अध्यापन छोड़कर पांच दिन के प्रशिक्षण के लिए जिला मुख्यालय पर बुलाया जा रहा है वह भी शिक्षकों को जीवन कौशल की कला सिखाने में निपुण बनाने के लिए।

ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण में होशंगाबाद ब्लॉक के 68 शिक्षकों को किशोर और किशोरियों की समस्याएं, आवाश्यकता और समस्याओं के समाधान की गतिविधि आधारित जानकारी दी जा रही है। गर्ल्स स्कूल सभाकक्ष में जीवन कौशल प्रशिक्षण शुरू हुआ। अव्यवस्थाओं के चलते निर्धारित समय पर भोजन नहीं आने पर शिक्षकों ने असंतोष जताया।

पर्दे से बना दी दो कक्षाएं

एक हॉल में कपड़े के पर्दे से दो कक्षाएं बनाई गई और 34- 34 शिक्षकों की दो क्लास बनाई गई।

दोपहर 1 से 2 बजे के बीच भोजन का समय था। भोजन 2.40 बजे आया। शिक्षकाें ने असंतोष जताया।

भोजन में पूरी, आलू की सब्जी मिलने पर शिक्षकों ने असंतोष जताया। शिक्षकों का कहना था कि प्रशिक्षण का समय सुबह 10.30 बजे से है। ऐसे में दूर से आने वाले स्थानीय शिक्षक घर से भोजन करके ही प्रशिक्षण में पहुंच रहे हैं। शिक्षकों ने भोजन की बजाए भुगतान करने की मांग की।

प्रशिक्षण में कार्डशीट और स्केचपैन से शिक्षकों से चित्रकारी और गतिविधियों से प्रशिक्षण को रोचक बनाने का प्रयास किया गया।

पहले दिन यह सिखाया

पहले दिन 68 शिक्षकों को दो कक्षाओं में बांटा गया। शिक्षकों को प्रशिक्षण के नियम और उद्देश्य बताए गए। स्टेट लेवल से नियुक्त मास्टर ट्रेनर भरत मेहरा, सरिता पाल, लोकेश दुबे, पूनम शर्मा ने शिक्षकों को किशोरावस्था की समझ और उसकी विशेषताएं और जीवन कौशल का प्रशिक्षण दिया।

आज यह सिखाएंगे

पहले दिन का रिव्यू, विषय और प्रस्तुति का सरलीकरण, अनुभव के आधार पर तकनीकी प्रशिक्षण, जेंडर संवेदनशीलता, संवाद कौशल, उमंग का परिचय, पोषण और इसकी आवश्यकता, प्रशिक्षण का फीडबैक।

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