भास्कर संवाददाता| दमोह सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षक मनमर्जी से स्कूल पहुंच रहे हैं। सोमवार को शहर से सटे स्कूलों का जायजा लिया तो सुबह 11.30 बजे तक स्कूलों में ताले लटके थे और बच्चे स्कूल के बाहर शिक्षकों का इंतजार कर रहे थे।
दमोह-सागर मार्ग पर कौंरासा प्राइमरी स्कूल का जायजा लिया तो यहां पर 11.30 बजे तक एक भी शिक्षक मौजूद नहीं था। स्कूल के बाहर 20 से अधिक विद्यार्थी यहां-वहां खेल रहे थे। कक्षा पांचवी की छात्रा निशा, अभिषेक, चौथी के छात्र विक्रम, राघवेंद्र ने बताया कि यहां तक रोजाना ही शिक्षक सुबह 11.30 बजे के बाद पहुंचते हैं। हम लोग रोज 11 बजे तक स्कूल आ जाते हैं लेकिन शिक्षक न आनेे के कारण बच्चे यहां-वहां खेलने लगते हैं। स्कूल में पदस्थ अध्यापक जेपी तिवारी, वीके दुबे, कीर्ति श्रीवास्तव, तुलसा पटैरिया कभी भी समय पर नहीं आते। अभिभावक सुरेश, विजय ने बताया कि यहां पर तो शिक्षकों का रोजाना का यही हाल है। कभी भी समय पर नहीं आते हैं। स्कूल खुलने का समय सुबह 10.30 बजे है लेकिन लेकिन वह कभी एक घंटे तो कभी डेढ़ घंटे देरी से आते हैं। उन्होंने बताया कि यह स्कूल शहर से मात्र 4 किमी दूर मुख्य मार्ग पर है। जहां पर रोजाना अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है इसके बावजूद भी शिक्षक मनमर्जी से आते हैं।
कल ही दिखवाता हूं
सभी स्कूल प्रभारियों को सुबह 10.30 बजे तक स्कूल पहुंचने के निर्देश हैं। कौंरासा व किल्लाई प्राइमरी स्कूल में यदि शिक्षक नहीं पहुंच रहे हैं तो कल ही जनशिक्षक से दिखवाता हूं। यदि शिक्षक लेट आ रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी। - पदम सिंह, बीआरसी दमोह
दमोह के तीन किमी दूर ग्राम किल्लाई प्राइमरी स्कूल का सुबह 11.40 बजे जायजा लिया तो स्कूल में ताले लटके हुए थे। स्कूल के बाहर 15 से अधिक बच्चे बैठे थे और शिक्षकों के आने का इंतजार कर रहे थे। छात्र आरती, शिवानी, कृष्णा कमलेश ने बताया कि स्कूल हम लोग आधा घंटे से स्कूल के बाहर बैठे हैं। यहां पर शिक्षक रोज ही देरी से स्कूल आते हैं। जिससे हम लोगों को बाहर बैठकर इंतजार करना पड़ रहा है। ग्रामीण राकेश, वीरसिंह ने बताया कि स्कूल में पदस्थ शिक्षक एनपी स्थापक, आशा सराफ, जानकी प्रसाद पटेल, रामकुमार सोनी हमेशा ही देरी से आते हैं। कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं इसके बावजूद भी वह समय पर नहीं आते। बच्चों की परीक्षा नजदीक है लेकिन शिक्षक शिक्षिकाएं समय पर नहीं आने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। गौरतलब है कि स्कूलों की मॉनीटरिंग के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जनशिक्षकों की नियुक्ति की गई है लेकिन जनशिक्षक भी मॉनीटरिंग करने में लापरवाही बरत रहे हैं।
दमोह-सागर मार्ग पर कौंरासा प्राइमरी स्कूल का जायजा लिया तो यहां पर 11.30 बजे तक एक भी शिक्षक मौजूद नहीं था। स्कूल के बाहर 20 से अधिक विद्यार्थी यहां-वहां खेल रहे थे। कक्षा पांचवी की छात्रा निशा, अभिषेक, चौथी के छात्र विक्रम, राघवेंद्र ने बताया कि यहां तक रोजाना ही शिक्षक सुबह 11.30 बजे के बाद पहुंचते हैं। हम लोग रोज 11 बजे तक स्कूल आ जाते हैं लेकिन शिक्षक न आनेे के कारण बच्चे यहां-वहां खेलने लगते हैं। स्कूल में पदस्थ अध्यापक जेपी तिवारी, वीके दुबे, कीर्ति श्रीवास्तव, तुलसा पटैरिया कभी भी समय पर नहीं आते। अभिभावक सुरेश, विजय ने बताया कि यहां पर तो शिक्षकों का रोजाना का यही हाल है। कभी भी समय पर नहीं आते हैं। स्कूल खुलने का समय सुबह 10.30 बजे है लेकिन लेकिन वह कभी एक घंटे तो कभी डेढ़ घंटे देरी से आते हैं। उन्होंने बताया कि यह स्कूल शहर से मात्र 4 किमी दूर मुख्य मार्ग पर है। जहां पर रोजाना अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है इसके बावजूद भी शिक्षक मनमर्जी से आते हैं।
कल ही दिखवाता हूं
सभी स्कूल प्रभारियों को सुबह 10.30 बजे तक स्कूल पहुंचने के निर्देश हैं। कौंरासा व किल्लाई प्राइमरी स्कूल में यदि शिक्षक नहीं पहुंच रहे हैं तो कल ही जनशिक्षक से दिखवाता हूं। यदि शिक्षक लेट आ रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी। - पदम सिंह, बीआरसी दमोह
दमोह के तीन किमी दूर ग्राम किल्लाई प्राइमरी स्कूल का सुबह 11.40 बजे जायजा लिया तो स्कूल में ताले लटके हुए थे। स्कूल के बाहर 15 से अधिक बच्चे बैठे थे और शिक्षकों के आने का इंतजार कर रहे थे। छात्र आरती, शिवानी, कृष्णा कमलेश ने बताया कि स्कूल हम लोग आधा घंटे से स्कूल के बाहर बैठे हैं। यहां पर शिक्षक रोज ही देरी से स्कूल आते हैं। जिससे हम लोगों को बाहर बैठकर इंतजार करना पड़ रहा है। ग्रामीण राकेश, वीरसिंह ने बताया कि स्कूल में पदस्थ शिक्षक एनपी स्थापक, आशा सराफ, जानकी प्रसाद पटेल, रामकुमार सोनी हमेशा ही देरी से आते हैं। कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं इसके बावजूद भी वह समय पर नहीं आते। बच्चों की परीक्षा नजदीक है लेकिन शिक्षक शिक्षिकाएं समय पर नहीं आने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। गौरतलब है कि स्कूलों की मॉनीटरिंग के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जनशिक्षकों की नियुक्ति की गई है लेकिन जनशिक्षक भी मॉनीटरिंग करने में लापरवाही बरत रहे हैं।