अशोकनगर.
शिक्षकों के दस्तावेजों में फर्जीवाड़े की आशंका के चलते जिले भर के
शिक्षकों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। कलेक्टर द्वारा इस संबंध में आदेश
जारी करने के बाद संकुल केन्द्रों पर शिक्षकों के दस्तावेज मंगवाए जा रहे
हैं।वहीं दूसरी ओर डीईओ की लापरवाही के चलते जिले में एक दर्जन से अधिक
निजी स्कूलों की मान्यता पर संकट खड़ा हो गया है।
कलेक्टर के पास ऐसी शिकायत पहुंची है कि शिक्षकों द्वारा फर्जी अंकसूचियों व प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी की जा रही है। जिसके बाद कलेक्टर बाबूसिंह जामौद ने स्नातक, स्नात्कोत्तर, बोर्ड सहित डीएड, बीएड की अंकसूची व अन्य प्रमाणपत्रों की जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।डीईओ ने सभी संकुल प्राचार्यों को दस्तावेज मंगवाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।जिसके बाद सीएसी दस्तावेज एकत्रित कर रहे हैं।
अचानक इस तरह से दस्तावेज मंगवाने का फरमान जारी होने के बाद शिक्षक भी असमंजस में हैं।शिक्षकों ने बताया कि उन्हें कोईजानकारी नहीं है कि दस्तावेज क्यों मंगवाए गए हैं।कोईकह रहा है सत्यापन हो रहा हैतो कोईकह रहा है कि किसी की फर्जी मार्कशीट पकड़ी गईहैऔर अब सबकी जांच होगी।यह अफवाह भी चल रही हैकि जिसकी मार्कशीट फर्जीनिकली उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इससे अध्यापकों में भय का माहौल भी है।
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी की लापरवाही के चलते जिले में एक दर्जन निजी स्कूलों की मान्यता अधर में लटक गईहै। प्रकरणों के निराकरण की समयसीमा समाप्त हो चुकी है, लेकिन अभी तक मान्यता प्रकरण लंबित पड़े हुए हैं।स्कूलों को न तो मान्यता जारी की गईहैऔर न ही मान्यता को निरस्त किया गया है। जबकि स्कूल संचालकों को तीन माह पहले ही आवेदन दे दिए गए थे।
आधा सत्र बीत चुका हैऔर स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में हजारों बच्चे पढ़ते हैं।मान्यता न मिलने से न तो उनकी मेपिंग व फीडिंग हो पा रही हैऔर न ही छात्रवृत्ति के लिए पंजीयन हो पा रहा है।फीस प्रतिपूर्तिके मामले में भी दिक्कत आ सकती है।वहीं स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का क्या होगा, यह भी एक बड़ा सवाल है। शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ सकता है।
नियमानुसार बीआरसीसी की अनुशंसा पर डीईओ द्वारा मान्यता जारी की जाती है। प्रकरण के निराकरण की समय सीमा भी तय है।जिसमें बीआरसीसी को 15 दिन और डीईओ को 30 दिन में कार्रवाईकरनी होती है।लेकिन जिले में समय सीमा का ध्यान नहीं रखा गया। जानकारी के अनुसारबीआरसीसी से सत्यापन के बाद संकुल प्राचार्यों से दोबारा सत्यापन करवाने में भी समय खराब किया गया।
विकासखंड अशोकनगर में नव चेतन विद्या मंदिर अशोकनगर, जीएनसी स्कूल अशोकनगर, गुरुदेव विद्या मंदिर कचनार, युग निर्माण स्कूल कचनार, संस्कृति एन इंग्लिश मीडियम स्कूल पवारगढ़, मिलन पब्लिक स्कूल अशोकनगर, रामकृष्ण विद्यालय अशोकनगर, मुस्कान पब्लिक स्कूल अशोकनगर, चिल्ड्रन प्ले स्कूल अशोकनगर और विकासखंड ईसागढ़ के गुरुकुल इंग्लिश स्कूल ढाकोनी, मिलक पब्लिक स्कूल ईसागढ़ सहित अन्य स्कूलों की मान्यता अटकी हुई है।
मान्यता संबंधी कार्रवाईकी समय सीमा समाप्त हो गईहै।प्रकरणों का निराकरण क्यों नहीं हुआ, इसे दिखवाया जाएगा।शिकायत प्राप्त होने के बाद शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच करवाईजा रही है। इसके लिए रिकार्ड बुलवाया गया है। - बीएस जामौद, कलेक्टर अशोकनगर।
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कलेक्टर के पास ऐसी शिकायत पहुंची है कि शिक्षकों द्वारा फर्जी अंकसूचियों व प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी की जा रही है। जिसके बाद कलेक्टर बाबूसिंह जामौद ने स्नातक, स्नात्कोत्तर, बोर्ड सहित डीएड, बीएड की अंकसूची व अन्य प्रमाणपत्रों की जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।डीईओ ने सभी संकुल प्राचार्यों को दस्तावेज मंगवाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।जिसके बाद सीएसी दस्तावेज एकत्रित कर रहे हैं।
अचानक इस तरह से दस्तावेज मंगवाने का फरमान जारी होने के बाद शिक्षक भी असमंजस में हैं।शिक्षकों ने बताया कि उन्हें कोईजानकारी नहीं है कि दस्तावेज क्यों मंगवाए गए हैं।कोईकह रहा है सत्यापन हो रहा हैतो कोईकह रहा है कि किसी की फर्जी मार्कशीट पकड़ी गईहैऔर अब सबकी जांच होगी।यह अफवाह भी चल रही हैकि जिसकी मार्कशीट फर्जीनिकली उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इससे अध्यापकों में भय का माहौल भी है।
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी की लापरवाही के चलते जिले में एक दर्जन निजी स्कूलों की मान्यता अधर में लटक गईहै। प्रकरणों के निराकरण की समयसीमा समाप्त हो चुकी है, लेकिन अभी तक मान्यता प्रकरण लंबित पड़े हुए हैं।स्कूलों को न तो मान्यता जारी की गईहैऔर न ही मान्यता को निरस्त किया गया है। जबकि स्कूल संचालकों को तीन माह पहले ही आवेदन दे दिए गए थे।
आधा सत्र बीत चुका हैऔर स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में हजारों बच्चे पढ़ते हैं।मान्यता न मिलने से न तो उनकी मेपिंग व फीडिंग हो पा रही हैऔर न ही छात्रवृत्ति के लिए पंजीयन हो पा रहा है।फीस प्रतिपूर्तिके मामले में भी दिक्कत आ सकती है।वहीं स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का क्या होगा, यह भी एक बड़ा सवाल है। शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ सकता है।
नियमानुसार बीआरसीसी की अनुशंसा पर डीईओ द्वारा मान्यता जारी की जाती है। प्रकरण के निराकरण की समय सीमा भी तय है।जिसमें बीआरसीसी को 15 दिन और डीईओ को 30 दिन में कार्रवाईकरनी होती है।लेकिन जिले में समय सीमा का ध्यान नहीं रखा गया। जानकारी के अनुसारबीआरसीसी से सत्यापन के बाद संकुल प्राचार्यों से दोबारा सत्यापन करवाने में भी समय खराब किया गया।
विकासखंड अशोकनगर में नव चेतन विद्या मंदिर अशोकनगर, जीएनसी स्कूल अशोकनगर, गुरुदेव विद्या मंदिर कचनार, युग निर्माण स्कूल कचनार, संस्कृति एन इंग्लिश मीडियम स्कूल पवारगढ़, मिलन पब्लिक स्कूल अशोकनगर, रामकृष्ण विद्यालय अशोकनगर, मुस्कान पब्लिक स्कूल अशोकनगर, चिल्ड्रन प्ले स्कूल अशोकनगर और विकासखंड ईसागढ़ के गुरुकुल इंग्लिश स्कूल ढाकोनी, मिलक पब्लिक स्कूल ईसागढ़ सहित अन्य स्कूलों की मान्यता अटकी हुई है।
मान्यता संबंधी कार्रवाईकी समय सीमा समाप्त हो गईहै।प्रकरणों का निराकरण क्यों नहीं हुआ, इसे दिखवाया जाएगा।शिकायत प्राप्त होने के बाद शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच करवाईजा रही है। इसके लिए रिकार्ड बुलवाया गया है। - बीएस जामौद, कलेक्टर अशोकनगर।
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