प्रदेश के माथे पर बदनुमा दाग की तरह छोड़ चुका व्यापमं घोटाले का जिन्न
रह-रहकर लोगों को डरा रहा है। बीते कुछ दिनों से शांत चल रहे इस मामले में
सीबीआई द्वारा लिखे गए एक पत्र ने डीईओ दफ्तर में फिर हड़कंप मचा दिया है।
सीबीआई डीएसपी आशीष प्रसाद द्वारा जारी इस पत्र में जिला शिक्षा अधिकारी रीवा से दो दिन के अंदर उन 9 संदिग्ध संविदा शिक्षक वर्ग-2 का रिकार्ड तलब किया गया है, जिन पर व्यापमं फर्जीवाड़े में शामिल होने का संदेह है। हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी इस मामले में कुछ बोलने तैयार नहीं हैं, लेकिन खबर है कि शुक्रवार की रात वे रिकार्ड लेकर भोपाल रवाना हो गए हैं। बता दें कि सीबीआई एसी-5 के प्रकरण में यह जानकारी चाही गई है। इन संविदा शिक्षकों ने वर्ष 11-12 में नौकरियां हासिल की थीं।
इनके मांगे रिकार्ड
सीबीआई ने एक पत्र में जिन लोगों के रिकार्ड मांगे हैं उनमें धूपराज सिंह पुत्र दिवाकर सिंह निवासी नीवी गंगेव, भूषण प्रसाद द्विवेदी, सीता प्रसाद द्विवेदी निवासी गौरी हनुमना, कविता शुक्ला पत्नी डॉ.नरेन्द्रमणि मिश्रा निवासी बेलौही तहसील हनुमना, मीरा पटेल पत्नी राजकुमार पटेल निवासी माला देवास, पुष्पेन्द्र शुक्ला पुत्र रामलखन शुक्ला निवासी खड्डा सेमरिया, रामानंद मिश्र पुत्र हरिशंकर मिश्र निवासी बिछरहटा हनुमना, संध्या पाण्डेय पत्नी सुरेन्द्र पाण्डेय निवासी चौरी ब्यौहारी जिला शहडोल, सुनील कुमार सोनी पुत्र अवधेश प्रसाद सोनी निवासी सिरमौर व विजय शंकर शुक्ला पुत्र दिनकर प्रसाद शुक्ला निवासी संजय नगर रीवा शामिल हैं।
ये दस्तावेज मंगाए
सीबीआई ने जिन दस्तावेजों की मूलप्रति की मांग की है उनमें नियुक्ति संबंधित आदेश, अभ्यर्थी को पद्भार ग्रहण संबंधित दिया गया पत्र, पद्भार ग्रहण करने से लेकर निष्कासन अवधि तक अभ्यर्थी को शासन द्वारा दिया गया वेतन, कार्यालय द्वारा जारी किया गया कारण बताओ नोटिस और कार्यालय द्वारा जारी किया गया निष्कासन आदेश शामिल है। ये दस्तावेज लेकर सीबीआई दफ्तर भोपाल उपस्थित होने कहा गया है।
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पत्र आया है। जानकारी तैयार कर सीबीआई को भेजी जा रही है। चूंकि मामला सीबीआई के विवेचना में है इसलिए कुछ कह पाना संभव नहीं है।
-रवि सिंह बघेल, डीईओ, रीवा।
सीबीआई को बताया कर दिया निष्कासित, अभी थी अध्यापक बनाने की तैयारी
कागजों की जादूगरी किस कदर की जाती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि व्यापमं घोटाले की पहले जांच कर रही एसटीएफ को रीवा में वर्ष 2011 के 9 संविदा शिक्षक वर्ग-2 को नौकरी से निष्कासित करने की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने दी थी। जबकि सभी 9 संविदा वर्ग-2 वर्तमान में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इतने पर भी जिला शिक्षा अधिकारी रवि सिंह बघेल नहीं रुके उन्होंने इन शिक्षकों को 3 वर्ष की अवधि पूरी होने पर अध्यापक बनाने की तैयारी कर ली थी।
जब मामले की जांच कर रही सीबीआई का पत्र पहुंचा तो उन्हें अपनी गलती याद आई। क्योंकि सीबीआई ने डीईओ रीवा से उन लोगों के निष्कासन आदेश की मूलप्रति मांग ली है। हालांकि अब तक निष्कासन हुआ ही नहीं तो पत्र सीबीआई तक कैसे पहुंचेगा यह बड़ा सवाल है। इस संबंध में जब डीईओ रीवा रवि सिंह बघेल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये 9 लोग सेवा में हैं, लेकिन कहां पदस्थापना है यह बता पाना संभव नहीं है। मैं जानकारी लेकर सीबीआई कार्यालय भोपाल जा रहा हूं।
क्यों नहीं हुई कार्रवाई
शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो सभी 9 संदिग्ध संविदा वर्ग-2 के शिक्षक सत्ता के गलियारे तक पहुंच रखने वाले हैं। हर शिक्षक का तार किसी न किसी मंत्री तक जुड़ा है। उसी का फायदा उठाकर वे अध्यापक बने रहना चाह रहे थे और सीबीआई द्वारा मंगाई जा रही जानकारी को डीईओ कार्यालय अपने लाभ के अनुसार दे रहा था। पहली बार डीईओ कार्यालय से सीबीआई ने चिंहित दस्तावेज को मूलप्रति में मांगी है। जिसका जवाब न तो डीईओ और न ही सीईओ जनपद पंचायत रीवा के पास है।
बन गई थी सूची
कार्यालय में पदस्थ एक कम्प्यूटर ऑपरेटर की मानें तो संविलियन के लिए बनाई गई सूची में ये 9 नाम भी दर्ज कराए गए थे। ये नाम किसने दर्ज कराए यह तो उसने नहीं बताया, लेकिन उसने बताया कि इसे डीईओ ने क्रास चेक किया है।
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अभी मैं भोपाल जा रहा हूं। ये कहां पदस्थ हैं यह जानकारी नहीं दे सकता।
-रवि सिंह बघेल, डीईओ, रीवा।
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सीबीआई डीएसपी आशीष प्रसाद द्वारा जारी इस पत्र में जिला शिक्षा अधिकारी रीवा से दो दिन के अंदर उन 9 संदिग्ध संविदा शिक्षक वर्ग-2 का रिकार्ड तलब किया गया है, जिन पर व्यापमं फर्जीवाड़े में शामिल होने का संदेह है। हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी इस मामले में कुछ बोलने तैयार नहीं हैं, लेकिन खबर है कि शुक्रवार की रात वे रिकार्ड लेकर भोपाल रवाना हो गए हैं। बता दें कि सीबीआई एसी-5 के प्रकरण में यह जानकारी चाही गई है। इन संविदा शिक्षकों ने वर्ष 11-12 में नौकरियां हासिल की थीं।
इनके मांगे रिकार्ड
सीबीआई ने एक पत्र में जिन लोगों के रिकार्ड मांगे हैं उनमें धूपराज सिंह पुत्र दिवाकर सिंह निवासी नीवी गंगेव, भूषण प्रसाद द्विवेदी, सीता प्रसाद द्विवेदी निवासी गौरी हनुमना, कविता शुक्ला पत्नी डॉ.नरेन्द्रमणि मिश्रा निवासी बेलौही तहसील हनुमना, मीरा पटेल पत्नी राजकुमार पटेल निवासी माला देवास, पुष्पेन्द्र शुक्ला पुत्र रामलखन शुक्ला निवासी खड्डा सेमरिया, रामानंद मिश्र पुत्र हरिशंकर मिश्र निवासी बिछरहटा हनुमना, संध्या पाण्डेय पत्नी सुरेन्द्र पाण्डेय निवासी चौरी ब्यौहारी जिला शहडोल, सुनील कुमार सोनी पुत्र अवधेश प्रसाद सोनी निवासी सिरमौर व विजय शंकर शुक्ला पुत्र दिनकर प्रसाद शुक्ला निवासी संजय नगर रीवा शामिल हैं।
ये दस्तावेज मंगाए
सीबीआई ने जिन दस्तावेजों की मूलप्रति की मांग की है उनमें नियुक्ति संबंधित आदेश, अभ्यर्थी को पद्भार ग्रहण संबंधित दिया गया पत्र, पद्भार ग्रहण करने से लेकर निष्कासन अवधि तक अभ्यर्थी को शासन द्वारा दिया गया वेतन, कार्यालय द्वारा जारी किया गया कारण बताओ नोटिस और कार्यालय द्वारा जारी किया गया निष्कासन आदेश शामिल है। ये दस्तावेज लेकर सीबीआई दफ्तर भोपाल उपस्थित होने कहा गया है।
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पत्र आया है। जानकारी तैयार कर सीबीआई को भेजी जा रही है। चूंकि मामला सीबीआई के विवेचना में है इसलिए कुछ कह पाना संभव नहीं है।
-रवि सिंह बघेल, डीईओ, रीवा।
सीबीआई को बताया कर दिया निष्कासित, अभी थी अध्यापक बनाने की तैयारी
कागजों की जादूगरी किस कदर की जाती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि व्यापमं घोटाले की पहले जांच कर रही एसटीएफ को रीवा में वर्ष 2011 के 9 संविदा शिक्षक वर्ग-2 को नौकरी से निष्कासित करने की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने दी थी। जबकि सभी 9 संविदा वर्ग-2 वर्तमान में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इतने पर भी जिला शिक्षा अधिकारी रवि सिंह बघेल नहीं रुके उन्होंने इन शिक्षकों को 3 वर्ष की अवधि पूरी होने पर अध्यापक बनाने की तैयारी कर ली थी।
जब मामले की जांच कर रही सीबीआई का पत्र पहुंचा तो उन्हें अपनी गलती याद आई। क्योंकि सीबीआई ने डीईओ रीवा से उन लोगों के निष्कासन आदेश की मूलप्रति मांग ली है। हालांकि अब तक निष्कासन हुआ ही नहीं तो पत्र सीबीआई तक कैसे पहुंचेगा यह बड़ा सवाल है। इस संबंध में जब डीईओ रीवा रवि सिंह बघेल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये 9 लोग सेवा में हैं, लेकिन कहां पदस्थापना है यह बता पाना संभव नहीं है। मैं जानकारी लेकर सीबीआई कार्यालय भोपाल जा रहा हूं।
क्यों नहीं हुई कार्रवाई
शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो सभी 9 संदिग्ध संविदा वर्ग-2 के शिक्षक सत्ता के गलियारे तक पहुंच रखने वाले हैं। हर शिक्षक का तार किसी न किसी मंत्री तक जुड़ा है। उसी का फायदा उठाकर वे अध्यापक बने रहना चाह रहे थे और सीबीआई द्वारा मंगाई जा रही जानकारी को डीईओ कार्यालय अपने लाभ के अनुसार दे रहा था। पहली बार डीईओ कार्यालय से सीबीआई ने चिंहित दस्तावेज को मूलप्रति में मांगी है। जिसका जवाब न तो डीईओ और न ही सीईओ जनपद पंचायत रीवा के पास है।
बन गई थी सूची
कार्यालय में पदस्थ एक कम्प्यूटर ऑपरेटर की मानें तो संविलियन के लिए बनाई गई सूची में ये 9 नाम भी दर्ज कराए गए थे। ये नाम किसने दर्ज कराए यह तो उसने नहीं बताया, लेकिन उसने बताया कि इसे डीईओ ने क्रास चेक किया है।
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अभी मैं भोपाल जा रहा हूं। ये कहां पदस्थ हैं यह जानकारी नहीं दे सकता।
-रवि सिंह बघेल, डीईओ, रीवा।
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